Chhattisgarh Teacher Transfer 2024: शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के लिए कलेक्टरों को दिया जा रहा पावर, सहायक शिक्षक से लेकर व्याख्याता तक की लिस्ट करेंगे फायनल..

Chhattisgarh Teacher Transfer 2024: छत्तीसगढ़ में शिक्षकों और स्कूलों के युक्तियुक्तकरण करने के लिए दो-एक दिन में गाइडलाइन तैयार हो जाएगा। जाहिर है, एकल शिक्षकीय या शिक्षक विहिन स्कूलों में शिक्षकों की पोस्टिंग के लिए छत्तीसगढ़ सरकार युक्तियुक्तकरण करने जा रही है। इस बार स्कूलों का भी युक्तियुक्तकरण किया जाएगा। कलेक्टरों को इस बार पूरा अधिकार दिया जाएगा। अफसरों का मानना है, जिले में किन स्कूलों में कितने शिक्षक अतिशेष हैं और कितने स्कूल शिक्षक विहीन या सिंगल टीचर के भरोसे हैं...कलेक्टरों के जरिये ये काम बेहतर ढंग से किया जा सकता है।

Update: 2024-07-17 08:03 GMT

Chhattisgarh Teacher Transfer 2024: रायपुर। छत्तीसगढ़ में शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के लिए डीपीआई में बड़ी तेजी से काम चल रहा है। उच्चाधिकारियों की मानें तो दो-एक दिन में युक्तियुक्तकरण का ड्राफ्ट तैयार हो जाएगा। इसके बाद प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा जाएगा। सरकार की हरी झंडी के बाद फिर युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी। स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के लिए कलेक्टरों को अधिकार देने ड्राफ्ट बनाया जा रहा है। जिले के कलेक्टर सहायक शिक्षकों से लेकर शिक्षक और व्याख्याता की लिस्ट तैयार करेंगे। चूकि सहायक शिक्षक कैडर की पोस्टिंग जिला लेवल पर होती है। सो, उसमें कोई दिक्कत नहीं। मगर शिक्षकों और व्याख्याताओं की लिस्ट फायनल करने की जिम्मेदारी भी कलेक्टर को दी जाएगी। एनपीजी न्यूज को अफसरों ने बताया कि पोस्टिंग के बाद जो शिक्षक और व्याख्याता बच जाएंगे उनकी पोस्टिंग ज्वाइंट डायरेक्टर और डीपीआई से की जाएंगी।

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कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री ने खुद विभाग का रिव्यू किया। चर्चा के दौरान यह बात प्रमुखता से सामने आई कि प्रदेश में आज भी 6 हजार से अधिक स्कूल शिक्षक विहीन हैं या फिर सिंगल शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। मुख्यमंत्री द्वारा रिव्यू में अफसरों ने उन्हें बताया कि प्रदेश में 5500 स्कूल सिंगल टीचर वाले हैं और 610 स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं हैं। जबकि, शहरों के अनेक स्कूलों में शिक्षक अतिशेष हैं। बैठक में यह तय किया गया कि फिलहाल युक्तियुक्तकरण करके सबसे पहले शिक्षक विहीन और सिंगल टीचर वाले स्कूलों में पोस्टिंग की जाए। सरकार ने स्कूल शिक्षा विभाग के अफसरों को स्कूलों का भी युक्तिकरण करने कहा है।

10 से कम बच्चे, उन स्कूलों का युक्तियुक्तकरण

स्कूल शिक्षा का नेशनल नार्म है...स्कूलों में कम-से-कम 10 बच्चे होने चाहिए। हालांकि, यह भी संख्या काफी कम है। 10 बच्चों के स्कूल में दो शिक्षक भी हैं तो एक लाख रुपए से अधिक उनके वेतन पर खर्च हो जाएगा। इससे कम पैसे खर्च कर उन्हें ट्यूशन पढ़ाया जा सकता है। मगर खासकर पहाड़ी इलाकों या हिंसाग्रस्त इलाकों के लिए 10 बच्चों का नार्म बना हुआ है। बहरहाल, छत्तीसगढ़ के 48 हजार स्कूलों में 100 से अधिक स्कूल ऐसे हैं, जहां 10 से कम बच्चे हैं। इनमें बस्तर और सरगुजा के स्कूल ज्यादा हैं। स्कूल शिक्षा विभाग अब इन स्कूलों को आसपास के स्कूलों में मर्ज करने जा रहा है। स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने एनपीजी न्यूज को बताया कि जिले के कलेक्टरों से ऐसे स्कूलों के नाम मंगाए गए हैं, जिन स्कूलों में बच्चों की संख्या 10 से कम है।

12 हजार शिक्षक होंगे प्रभावित

मुख्यमंत्री ने स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि अतिशेष शिक्षकों को हटाकर उन्हें सिंगल टीचर या टीचर विहीन स्कूलों में पोस्ट किया जाए। छत्तीसगढ़ में बड़ी संख्या में स्कूलों में अतिशेष शिक्षक हैं। अतिशेष का मतलब यह होता है कि स्कूलों में स्वीकृत संख्या से अधिक टीचरों की पोस्टिंग। पता चला है, शिक्षकों और स्कूलों के युक्तिकरण में करीब 12 हजार शिक्षक प्रभावित होंगे। सरकार को इनका ट्रांसफर कर नई सिरे से पोस्टिंग करनी पड़ेगी।

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