कोरोना अलर्ट: कोरोना से ठीक हो चुके लोगों में बढ़ रही इस बीमारी की शिकायत… स्वास्थ्य मंत्रालय ने एडवाजरी कर दी जांच कराने की सलाह

Update: 2021-07-17 08:51 GMT

नई दिल्ली 17 जुलाई 2021. देश में कोरोना वायरस महामारी के दौरान तपेदिक (टीबी) के मामलों में वृद्धि की रिपोर्ट के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को सभी कोविड -19 पॉजिटिव मरीजों के लिए टीबी की जांच पर अपनी सिफारिशों को फिर से दोहराया है. मंत्रालय ने कोविड -19 से संक्रमित मरीजों में टीबी के बढ़ते मामलों की रिपोर्ट के बाद एडवायजरी जारी की है. मंत्रालय की ओर से कोरोना से ठीक हो चुके संक्रमितों में टीबी की शिकायत में होने वाली वृद्धि की रिपोर्ट के बाद एडवाइजरी जारी की गई है, जिसमें केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से सभी कोरोना पॉजिटिव मरीजों को टीबी की जांच और उसका इलाज कराने की सलाह दी गई है.

यह स्पष्ट है कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) द्वारा सभी कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए टीबी (Tuberculosis) की जांच और सभी डायग्नोस्ड किए गए टीबी मरीजों के लिए कोविड जांच की सिफारिश की गई है. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा गया है कि वे अगस्त 2020 तक बेहतर निगरानी और टीबी तथा कोविड-19 के मामलों का पता लगाने के प्रयासों में एकरूपता लाएं. इसके अलावा, TB-COVID और TB-ILI/SARI की द्वि-दिशात्मक जांच (Bi-directional screening) की आवश्यकता को दोहराते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा कई सलाह और मार्गदर्शन भी जारी किए गए हैं. कई राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इसे लागू भी कर रहे हैं.

इसके साथ ही, सरकार की ओर से टीबी-कोरोना और टीबी-आईएलआई/एसएआरआई की जांच के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सलाह देने के साथ ही समय-समय पर गाइडलाइन भी जारी की गई है.

स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से यह एडवाइजरी तब जारी की गई है, जब 2020 की शुरुआत से ही कोरोना महामारी की पहली लहर के दौरान टीबी के मामलों में करीब 25 फीसदी की कमी दर्ज की गई है. केंद्र सरकार ने कहा कि अस्पतालों की ओपीडी में टीबी मरीजों की पहचान के साथ ही देश के सभी राज्यों की ओर से प्रभावितों की पहचान के लिए विशेष अभियान भी चलाया जा रहा है.

हालांकि, सरकार की ओर से स्पष्ट शब्दों में कहा जा रहा है कि यह बताने के लिए अभी कोई पर्याप्त सबूत नहीं हैं कि कोरोना की वजह से टीबी के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. टीबी और कोरोना को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि दोनों रोगों को संक्रामक माना जाता है और इन बीमारियों में मरीजों में मुख्य रूप से फेफड़ों पर प्रभाव पड़ता है, जिसमें उनमें खांसी, बुखार और सांस लेने में कठिनाई के समान लक्षण दिखाई देते हैं. हालांकि, टीबी में बुखार की अवधि लंबी होती है और बीमारी की शुरुआत धीमी होती है.

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