CM विष्णुदेव सरकार की बिहान योजना से महिलाएं बन रहीं हैं लखपति, नमो ड्रोन परियोजना से नैनो यूरिया की छिड़काव हुआ आसान

CM Vishnudeo: छत्तीसगढ़ शासन की परियोजना से महिलाएं लखपति व आत्मनिर्भर बन रहीं हैं...

Update: 2024-08-14 14:08 GMT

रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन की परियोजना से महिलाएं लखपति व आत्मनिर्भर बन रहीं हैं। केंद्र सरकार की नमो ड्रोन परियोजना से छत्तीसगढ़ की बिहान परियोजना से जुड़ी महिलाओं को रोजगार के नए-नए अवसर सुलभ हो रहे है। जिसके चलते आर्थिक रूप से भी आत्मनिर्भर हो रही हैं।

महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए शासन द्वारा संचालित योजनाएं धरातल पर सार्थक साबित हो रहीं हैं। इसी कड़ी में सरगुजा जिले के लखनपुर विकासखंड निवासी मंजू राजवाड़े ने अपनी मेहनत और दृढ़ संकल्प से एक सफल उद्यमी बनने की कहानी को फलीभूत की हैं। उनकी कहानी से क्षे़त्र की अनेक महिलाओं को प्रेरणा मिली हैं और वे लखपति दीदी के रूप में एक मिसाल बनकर सामने आई है।

लखपति दीदी मंजू राजवाड़े ने बताया कि उनके पति रुपचंद राजवाड़े कृषि कार्य से जुडे़ हैं। उन्होंने बताया कि पहले उनकी घर आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी। घर परिवार की जिम्मेदारी और आर्थिक तंगी से जूझ रही थीं। इस दौरान मंजू राजवाड़े को छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान योजना के बारे में जानकारी मिली और बिहान योजना से जुड़कर उनकी जीवनशैली में बड़ा बदलाव आया है।

गौरतलब है कि मंजू राजवाड़े ने गांव की 10 महिलाओं के साथ मिलकर ‘‘खुशी स्व-सहायता समूह’’ बनाया। महिला समूह के माध्यम से बैंक में खाता खोलकर छोटी-छोटी राशि की बचत करने लगे। सबसे पहले उन्हें व्यवसाय के लिए रिवोल्विंग फंड में 15 हजार रुपए की सहायता मिली। जिससे उन्होंने अपने कच्चे मकान में छोटा सा किराने की दुकान खोली। कठिन परिश्रम और दृढ़ संकल्प से किराने की दुकान अच्छी चलने लगी। बैंक से लगातार लेन-देन होने पर उनका क्रेडिट बढ़ते ही चला गया। जिसके कारण बैंक से लोन लेकर उन्होंने अपने व्यवसाय को और आगे बढ़ाया। उन्होंने गांव में छोटी सी दुकान से शुरुआत की थी। आज किराना दुकान के साथ-साथ उन्होंने चप्पल जुता और कपड़े का भी दुकान खोल लिया है। मेहनत और कठिन परिश्रम से उन्होंने अपना पक्का मकान भी बना लिया है। छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से उनकी जीवनशैली में बड़ा बदलाव लाया है। वर्तमान में उनकी सालाना बचत एक लाख रुपए तक हो जाती है।

छत्तीसगढ़ शासन की बिहान योजना से जुड़कर राजवाड़े आज लखपति दीदी की सूची में शामिल हैं। उन्होंने महिलाओं को रोजगार और स्वावलंबी बनाने के लिए मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए अपनी खुशी जाहिर की। छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना से जुड़कर महिलाएं अपने सपनों को पूरा कर रही हैं।

ड्रोन परियोजना से महिलाएं हो रही आत्मनिर्भर

नमो ड्रोन योजना के तहत ग्राम पोंडी की सीमा वर्मा और चोरभट्ठी कला की प्रितमा वस्त्रकार सफलता पूर्वक ड्रोन चलाकर खेतों में नैनों यूरिया का छिडकाव कर रहीं है। इससे किसानों के समय और कृषि लागत की बचत हो रही है। इन महिलाओं से अन्य महिलाएं भी प्रेरित हो रही है। केंद्र सरकार की महिला सशक्तिकरण की इस योजना के तहत सीमा वर्मा और प्रितमा वस्त्रकार को योजना के तहत ड्रोन दिया गया है। ड्रोन देने से पहले ग्वालियर में इन महिलाओं को 15 दिन का प्रशिक्षण दिया गया। महिलाओं ने बताया कि ड्रोन के जरिए प्रति एकड़ में नैनो यूरिया के छिड़काव में 5 से 7 मिनट का समय लगता है जिससे किसानों के समय और कृषि लागत की बचत हो रही है। महिलाएं ड्रोन चलाकर आर्थिक रूप से सक्षम बन रही है। सीमा वर्मा द्वारा अभी तक 85 एकड़ मे ड्रोन के माध्यम से छिड़काव कर 25500 की आय अर्जित की गई है। सीमा ने बताया कि ड्रोन से छिड़काव करने से किसानों को भी कृषि लागत में कमी आती है एक एकड़ में ड्रोन से छिड़काव का 300 रूपए लिया जाता है। ड्रोन परियोजना किसानों के भी लिए बेहद उपयोगी है।

बिलासपुर जिले के ग्राम बेलतरा की महिलाओं को राज्य शासन द्वारा ड्रोन चलाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ड्रोन दीदियों ने एक संगठन भी बनाया है। इस संगठन में 500 महिलाएं शामिल है। बेलतरा में 8 अगस्त गुरूवार को महिला-किसान उत्पादक संगठन की वार्षिक आमसभा रखी गई थी। जहां महिलाओं को ड्रोन चलने का प्रशिक्षण भी दिया गया। 

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