Reservation In Bihar: सुशील मोदी का आरोप- 'आरक्षण सीमा बढ़ाने के विरुद्ध याचिका कांग्रेस-राजद की साजिश'

Reservation In Bihar: बिहार सरकार के आरक्षण की सीमा बढ़ाने को लेकर सोमवार को उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर किए जाने के बाद सियासत शुरू हो गई।

Update: 2023-11-28 04:45 GMT

Reservation In Bihar: बिहार सरकार के आरक्षण की सीमा बढ़ाने को लेकर सोमवार को उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर किए जाने के बाद सियासत शुरू हो गई। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि भाजपा ने बिहार में जातीय सर्वे कराने से लेकर आरक्षण की सीमा बढाने वाले विधेयक तक, हर स्तर पर समर्थन किया, लेकिन पार्टी को बदनाम करने की साजिश के तहत राजद-कांग्रेस ने आरक्षण सीमा बढाने के विरुद्ध हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करा दी।

उन्होंने कहा कि देश पर 55 साल राज करने वाली कांग्रेस ने काका कालेकर समिति से मंडल आयोग तक हमेशा पिछड़ों-दलितों के आरक्षण का विरोध किया और राजद ने 2001 में पिछड़ों को आरक्षण दिये बिना बिहार में पंचायत चुनाव कराये थे। पंचायतों में पिछड़ों को आरक्षण तब मिला, जब भाजपा और सहयोगी दलों की सरकार बनी।

उन्होंने कहा कि जब बिहार की कर्पूरी ठाकुर सरकार ने पिछड़े वर्गों को नौकरी में पहली बार 27 प्रतिशत आरक्षण दिया था, तब कांग्रेस सत्ता से बाहर थी और जनसंघ सरकार में शामिल था। पिछड़े-गरीब परिवार से आने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 फीसदी आरक्षण देने के लिए आरक्षण की 50 फीसदी की अधिकतम सीमा तोड़ कर जो रास्ता दिखाया, बिहार ने उसी का अनुसरण किया है।

उन्होंने कहा कि गरीब, पिछड़े और वंचित वर्गों के साथ खड़ी भाजपा को राजद-कांग्रेस बर्दाश्त नहीं कर पाते, इसलिए वे कोर्ट-कचहरी के जरिये राजनीति शुरू करते हैं। नीतीश कुमार का यह कहना सही है कि 2005 के पहले दलितों पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता था। राजद सरकार के समय लक्ष्मणपुर बाथे, बथानी टोला जैसे दर्जन भर बड़े नरसंहार हुए, लेकिन आज राजद दलितों की हितैषी बन रहा है और खूनी इतिहास को भुलाना चाहता है।

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