CG PSC Scam: सीजी पीएससी घोटाला: सरकार के फैसले के इंतजार में प्रदेश के हजारों युवा...कब होगी जांच की घोषणा

CG PSC Scam: छत्‍तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव में छत्‍तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजी पीएससी) की भर्ती में गड़बड़ी बड़ा मुद्दा बना। भाजपा ने इस मुद्दे को बड़े जोरशोर से उठाया। अब युवा सरकार की तरफ टकटकी लाए बैठे हैं कि कब सरकार जांच की घोषण करेगी।

Update: 2023-12-20 14:45 GMT

CG PSC Scam: रायपुर। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले छत्‍तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजी पीएससी) ने चयन सूची जारी की। इस सूची में पीएससी के तत्‍कालीन अध्‍यक्ष के साथ अन्‍य अफसरों और नेताओं के रिश्‍तेदारों का नाम था। इससे प्रदेश के युवाओं में आक्रोश बढ़ गया। तत्‍कालीन सरकार युवाओं के इस गुस्‍से को भांप नहीं पाई और चुनाव आते-आते मामला बेहद गरम हो गया। भाजपा ने इस मुद्दे को लपक लिया। रामपुर सीट से तत्‍कालीन भाजपा विधायक ननकीराम कंवर इसको लेकर कोर्ट चले गए। इधर, भाजपा के प्रदेश के नेता से लेकर राष्‍ट्रीय स्‍तर तक के नेताओं ने पीएससी घोटाले को जमकर मुद्दा बनाया। ऐसे में युवाओं का भरपूर समर्थन भाजपा को मिला।

भाजपा भी मान रही है कि छत्‍तीसगढ़ की सत्‍ता में पार्टी को वापस लाने में युवाओं और महिलाओं की बड़ी भूमिका है। चुनाव में पीएससी घोटला को जिस तरह जोरशोर से उठाया गया था उससे युवाओं को उम्‍मीद थी कि राज्‍य कैबिनेट की पहली बैठक में सरकार इसको लेकर कुछ फैसला लेगी, लेकिन कैबिनेट की पहली और दूसरी बैठक में इसको लेकर कोई निणर्य नहीं हो पाया। बावजूद इसके युवाओं को प्रदेश सरकार से बेहद उम्‍मीद है। युवा लगातार सोशल मीडिया में भाजपा नेताओं को टैग करके पीएससी घोटला की याद दिला रहे हैं।

सरकार कर सकती है सीबीआई जांच की घोषणा

प्रदेश में सत्‍ता परिवर्तन के साथ ही राज्‍य में सीबीआई जांच का रास्‍ता भी खुल चुका है। प्रदेश सरकार चाहे तो पीएससी में हुए कथित भ्रष्‍टाचार का का मामला सीबीआई को सौंप सकती है। पढ़ें- छत्‍तीसगढ़ में अब सीबीआई की इंट्री: सरकार बदलते ही बदला समीकरण, ईडी, आईटी की तरह अब सीबीआई कर सकेगी बेधड़क कार्यवाही

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बिलासपुर। रिश्‍तेदारों का चयन और नियुक्ति गड़बड़ी को लेकर विवाद में आई पीएससी की चयन सूची में शामिल लोगों की भर्ती पर सरकार ने आज हाई कोर्ट को बताया कि पीएससी के जिन सफल अभ्यर्थियों पर आरोप हैं, उनकी नियुक्ति हम फायनल नहीं कर रहे हैं। अगली तिथि से पहले हम उनके बारे में पूरी रिपोर्ट कोर्ट को सौंप देंगे। सरकार की तरफ से कोर्ट में बताया गया कि चयनितों में से 5 लोगों ने ज्‍वाइन कर लिया है। इस पर कोर्ट ने अगली पेशी मुकर्रर कर दी। मामले की अगली सुनवाई 5 अक्‍टूबर को होगी। इस बीच सरकार इस मामले की जांच करेगी। आगे पढ़ें-

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रायपुर. अपने बेटे-बहू और रिश्तेदारों को डिप्टी कलेक्टर-डीएसपी बनाने के मामले में घिरे चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी ने क्या सबूत मिटाने की कोशिश की थी? हाईकोर्ट में पूर्व गृह मंत्री ननकीराम कंवर की याचिका में जो सवाल उठाए गए हैं, उससे सोनवानी के साथ पीएससी की भूमिका कठघरे में है. ननकीराम ने अपनी याचिका में 11 मई को पीएससी-2021 का रिजल्ट घोषित होने के बाद 5 जून को प्रश्न पत्र और ओएमआर आंसर शीट को नष्ट करने के लिए बुलाए गए टेंडर को संदिग्ध और दुर्भावनापूर्ण बताया है। आगे पढ़ें’

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रायपुर। छत्‍तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CG PSC) रिजल्‍ट और चयन को लेकर फिर विवादों में है। आयोग ने 2021 की भर्ती का फाइनल रिजल्‍ट इसी वर्ष मई में जारी किया था। अफसर और नेताओं के रिश्‍तेदार के चयन को लेकर तभी से यह रिजल्‍ट विवादों में है। रामपुर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक ननकीराम कंवर ने इस मामले में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है। कंवर की तरफ से कोर्ट को 18 नामों की सूची सौंपी गई है। ऐसी ही एक सूची सोशल मीडिया में भी वायर हो रही है। इस सूची में चयनितों का अफसरों और नेताओं से रिश्‍ता भी बताया गया है। इसमें पीएससी के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के कई रिश्‍तोदारों के भी नाम हैं। इनमें सबसे ज्‍यादा चर्चा नितेश के नाम की हो रही है। आगे पढ़ें-

यह भी पढ़ें- उत्‍तर पुस्तिका में पहचान चिन्‍ह अंकित किया, इसलिए कर दिया अयोग्‍य...पीएससी की सफाई

रायपुर। पीएससी 2022 की लिखित परीक्षा में 771 अंक प्राप्‍त करने के बावजूद इंटरव्यू के लिए एक अभ्‍यर्थी को नहीं बुलाए जाने के मामले में छत्‍तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CG PSC) ने सफाई दी है। पीसीसी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि शिवम कुमार देवांगन ने लिखित परीक्षा में अपनी उत्‍तर पुस्तिका में पहचान चिन्‍ह बना दिया था, जो पीएससी के नियमों के वरुद्ध है, इस वजह से शिवम कुमार देवांगान को आयोग्‍य घोषित कर दिया गया है। इसी कारण उन्‍हें साक्षात्‍कार के लिए भी नहीं बुलाया गया। आगे पढ़ें-

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रायपुर। रिजल्ट में भाई-भतीजावाद को लेकर पीएससी एक बार फिर विवादों में है। इसमें अनेक सवाल उठ रहे हैं कि इतने बड़ा घोटाला हुआ तो कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई...? पीएससी चेयरमैन का पद संवैधानिक पद है...उनके खिलाफ कार्रवाई कौन करेगा? आगे पढ़ें

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रायपुर। छत्‍तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) की 2022 की भर्ती परीक्षा पूरी तरह विवादों में आ गई है। अभी तक अफसरों और नेताओं के रिश्‍तेदारों को नौकरी देने का मामला सामने आया था। अब एक नया मामला उजागार हुआ है। अब पीएससी पर इंटरव्‍यू में भेदभाव का आरोप लगा है। पीडि़त अभ्‍यर्थी ने इसकी लिखित शिकायतक की है। आगे पढ़ें



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