Half Marathon Challenge: दिल्ली हॉफ मैराथन चैलेंज में बालको ने फिर लहराया परचम...

Half Marathon Challenge: दिल्ली हॉफ मैराथन चैलेंज में बालको ने फिर लहराया परचम...

Update: 2024-10-22 08:08 GMT
Half Marathon Challenge: दिल्ली हॉफ मैराथन चैलेंज में बालको ने फिर लहराया परचम...
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Half Marathon Challenge: बालकोनगर। वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) वीडीएचएम 'रन फॉर जीरो हंगर' चैलेंज का विजेता बना। 20 अक्टूबर तक चले वीडीएचएम अभियान में बालको ने कुल 15,27,708 लाख किलोमीटर का सफर तय किया। वेदांता समूह के विभिन्न व्यावसायिक इकाई में बालको सबसे आगे रहा। दिल्ली में बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक राजेश कुमार ने ट्रॉफी लिया। लगभग 2 महीनों तक चले अभियान में बालको के कर्मचारी, उनके परिवारजन, व्यावसायिक साझेदार और समुदाय के सदस्यों के सामूहिक प्रयास से कंपनी ने लगातार तीसरी बार यह ट्रॉफी हासिल की।


दिल्ली हाफ मैराथन के तीसरे संस्करण में 36,000 से अधिक धावकों ने ‘रन फॉर जीरो हंगर’ मैराथन में हिस्सा लिया। आयोजक वेदांता समूह ने संकल्प लिया है कि कर्मचारियों के प्रत्येक किमी चलने पर जरूरतमंद बच्चों को पौष्टिक भोजन दिया जाएगा। इस वर्ष 10 मिलियन भोजन जुटाए गए, जो पिछले वर्ष की तुलना में दोगुना है। अभियान में लोगों ने अपने समाजिक दायित्व तथा खुद को फिट रखने के उद्देश्य से इसमें हिस्सा लिया। रन फॉर जीरों हंगर के अंतर्गत समूह ने कुल 10 मिलियन किलोमीटर का लक्ष्य हासिल किया।

ट्रॉफी पर खुशी जाहिर करते हुए बालको के सीईओ एवं निदेशक राजेश कुमार कहा कि वीडीएचएम चैलेंज में सबसे अधिक किलोमीटर तय करना, समुदाय की भलाई के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उन्होंने 1.5 मिलियन से अधिक भोजन उपलब्ध कराने के लिए बालको परिवार के सामूहिक प्रयास की सराहना की।

वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल के समाज को वापस देने के सिद्धांत के तहत समूह द्वारा भारत भर के 14 राज्यों में संचालित लगभग 6,500 नंद घरों के बच्चों को पौष्टिक भोजन दिया जाएगा। अनिल अग्रवाल फाउंडेशन द्वारा बाल विकास में योगदान देने के उद्देश्य से नंद घर परियोजना की शुरूआत की गई है। समुदाय के साथ-साथ कंपनी बच्चों के सर्वागीण विकास में विश्वास रखती है। यह कंपनी के कुपोषण मुक्त भारत बनाने की प्रतिबद्धता के अनुरूप है। बच्चों के साथ-साथ समूह के एनिमल वेलफेयर प्रोजेक्ट, द एनिमल केयर ऑर्गनाइजेशन (टाको) के माध्यम से जानवरों को भी लाभ मिलेगा।

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