Special Marriage Act 1954 Explained: क्या है स्पेशल मैरिज एक्ट? जिसके तहत सोनाक्षी-जहीर इकबाल की हुई शादी

Sonakshi Zaheer Iqbal Wedding: सोनाक्षी सिन्हा और जहीर इकबाल ने कानूनी तौर पर शादी कर ली है। इन दोनों ने सिविल मैरिज से जुड़ी सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। चूंकि ये दोनों अलग-अलग धर्मों से हैं, इसलिए इनकी शादी स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत हुई है।

Update: 2024-06-24 15:10 GMT

Sonakshi Zaheer Iqbal Wedding: सोनाक्षी सिन्हा और जहीर इकबाल ने कानूनी तौर पर शादी कर ली है। इन दोनों ने सिविल मैरिज से जुड़ी सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। चूंकि ये दोनों अलग-अलग धर्मों से हैं, इसलिए इनकी शादी स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत हुई है। सोनाक्षी के बांद्रा पश्चिम में समुद्र किनारे स्थित 26 मंजिला अपार्टमेंट में हुई इस शादी में दोनों पक्षों के दोस्त और रिश्तेदार शामिल हुए। इसमें सोनाक्षी के माता-पिता, बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता और सांसद शत्रुघ्न सिन्हा, उनकी पत्नी पूनम, और सोनाक्षी की करीबी दोस्त हुमा कुरैशी शामिल थीं। आइए जानते हैं स्पेशल मैरिज एक्ट के बारे में विस्तार से।

क्या है स्पेशल मैरिज एक्ट?

स्पेशल मैरिज एक्ट, 1954 भारत में उन लोगों को शादी करने का कानूनी अधिकार देता है जो अपने जीवनसाथी को स्वयं चुनना चाहते हैं, भले ही उनके धर्म या जाति अलग हों। यह अधिनियम अंतर-धार्मिक और अंतरजातीय विवाहों को सरल और कानूनी रूप से मान्यता प्रदान करता है।

स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत शादी के लिए शर्तें

  • उम्र की सीमा: लड़के की न्यूनतम उम्र 21 साल और लड़की की न्यूनतम उम्र 18 साल होनी चाहिए।
  • विवाहित नहीं होना: दोनों व्यक्ति पहले से शादीशुदा नहीं होने चाहिए।
  • मानसिक स्वास्थ्य: दोनों व्यक्ति मानसिक रूप से स्वस्थ होने चाहिए।

शादी की प्रक्रिया

  • आवेदन: विवाह के लिए आवेदन जमा करने के लिए जोड़े को अपने क्षेत्र के रजिस्ट्रार के समक्ष पेश होना होता है।
  • पब्लिक नोटिस: आवेदन देने के बाद रजिस्ट्रार 30 दिन का सार्वजनिक नोटिस निकालता है। इस नोटिस के माध्यम से सार्वजनिक रूप से पूछा जाता है कि किसी को इस शादी से कोई आपत्ति तो नहीं है।

पब्लिक नोटिस की चुनौती

ज्यादातर मामलों में कपल्स चाहते हैं कि उनकी शादी गुप्त रखी जाए। लेकिन स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत 30 दिन का सार्वजनिक नोटिस निकालना अनिवार्य है। अगर कोई आपत्ति जताता है, तो शादी में अड़चन आ सकती है। हालांकि, अगर 30 दिन में कोई आपत्ति नहीं होती है, तो शादी रजिस्टर्ड हो जाती है।

30 दिन के नोटिस पीरियड

स्पेशल मैरिज एक्ट में 30 दिन के सार्वजनिक नोटिस के प्रावधान के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक मामला चल रहा है। याचिका में कहा गया है कि यह नोटिस पीरियड जोड़ों की सुरक्षा को प्रभावित करता है और इसे हटाया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट भी इस मुद्दे पर विचार कर रही है, लेकिन अभी तक कोई फैसला सामने नहीं आया है।

स्पेशल मैरिज एक्ट का महत्व

यह अधिनियम जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव को कम करने में मदद करता है और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देता है। इसके तहत व्यक्ति को अपने लिए जीवनसाथी चुनने की स्वतंत्रता होती है। साथ ही इस एक्ट के तहत शादी करने वाले कपल को सारे कानूनी अधिकार भी प्राप्त होते हैं।

सोनाक्षी सिन्हा और जहीर इकबाल की शादी ने इस अधिनियम की प्रासंगिकता और महत्व को फिर से उजागर किया है। यह अधिनियम उन लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण कानूनी साधन है जो अपनी पसंद के व्यक्ति से शादी करना चाहते हैं, भले ही उनके धर्म या जाति अलग हों।

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