Education Department News: शिक्षा विभाग का ये कैसा फरमान, मृत टीचर को सौंपी बोर्ड कॉपी जांचने की जिम्मेदारी, आदेश जारी...

Education Department News: मध्य प्रदेश के छतरपुर से शिक्षा विभाग का अजीबोगरीब कारनामा सामने आया है. यहाँ विभाग ने बोर्ड परीक्षा की कॉपियां जांचने के लिए एक मृतक शिक्षक की ड्यूटी लगा दी है.

Update: 2025-03-17 04:27 GMT
Education Department News: शिक्षा विभाग का ये कैसा कारनामा, मृत टीचर को सौंपी बोर्ड कॉपी जांचने की जिम्मेदारी,

Shiksha Vibhag 

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Education Department News: मध्य प्रदेश के छतरपुर से शिक्षा विभाग का अजीबोगरीब कारनामा सामने आया है. यहाँ विभाग ने बोर्ड परीक्षा की कॉपियां जांचने के लिए एक मृतक शिक्षक की ड्यूटी लगा दी है. इस सम्बन्ध में आदेश भी जारी हुआ है.

मृतक शिक्षक की लगी ड्यूटी  

जानकारी के मुताबिक़, मध्य प्रदेश बोर्ड की परीक्षाएं खत्म हो चुकी हैं. 13 मार्च से यहाँ बोर्ड परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन की प्रक्रिया शुरु हो गई है. उत्तर पुस्तिकाओं की जाँच के लिए शिक्षा विभाग ने जिले के लगभग 500 शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है. हैरान करने वाली बात ये हैं इन 500 शिक्षकों में एक नाम शामिल है जिनकी मृत्यु हो चुकी है. जिनका निधन पिछले साल हो चूका है. 

दरअसल, शिक्षक चंद्रप्रकाश तिवारी जो कि हाई स्कूल सिमरिया के भूतपूर्व प्राचार्य और जीव विज्ञान विषय के शिक्षक रहे हैं. 13 दिसंबर 2024 को उनका निधन हो गया था. लेकिन शिक्षा विभाग द्वारा इनके दस्रावेज़ों को अपडेट नहीं किया गया है. शिक्षा विभाग के दस्तावेजों में वे आज भी जीवित हैं. 

कैसे हुआ खुलासा  

यह मामला तब सामने आया  जब जिला मुख्यालय के शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक-1 में 16 मार्च को उन्हें प्रशिक्षण के लिए बुलाया गया था. 16 मार्च को प्रशिक्षण की दूसरी पारी यानि की दोपहर डेढ़ बजे से पांच बजे तक उन्हें प्रशिक्षण के लिए आमंत्रित किया गया था. लेकिन वो नहीं पहुंचे तब वहां जाँच करने पर पता चला वो दिवंगत शिक्षक है. मामले की जानकारी लगते ही शिक्षा विभाग ने आदेश को निरस्त कर दिया.

शिभा विभाग का यह आदेश पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है. इस घटना से पुरे शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है. मामले को लेकर प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी आर.पी. प्रजापति ने बताया कि "कॉपियां जांचने वाले शिक्षकों की लिस्ट बहुत पहले ही भोपाल भेजी जाती है. जब लिस्ट भेजी गई थी तब वह शिक्षक जीवत थे. अब उस आदेश को निरस्त कर दिया गया है." 

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