Kanker Lok Sabha elections 2024: कांकेर लोकसभा चुनाव 2024: कांकेर लोकसभा क्षेत्र, इतिहास, प्रत्याशी, चुनाव परिणाम
Kanker Lok Sabha elections 2024: छत्तीसगढ़ का कांकेर संसदीय सीट अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग के लिए आरक्षित सीट है। नक्सल प्रभावित होने की वजह से यह सीट संवेदनशील श्रेणी में शामिल है। कांकेर लोकसभा क्षेत्र में विधानसभा की कुल 8 सीटें आती हैं। इनमें अंतागढ़, भानुप्रतापपुर, कांकेर, केशकाल, सिहावा, संजारी बालोद, डौण्डीलोहारा और गुण्डरदेही शामिल है। 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट से बीजेपी के मोहन मंडावी ने चुनाव जीता था।
Kanker Lok Sabha elections 2024: एनपीजी न्यूज डेस्क
कांकेर संसदीय सीट के लिए पहली बार 1967 चुनाव हुआ। इस चुनाव में भारतीय जन संघ के प्रत्याशी त्रिलोकशाह लाल प्रियेन्द्र शाह यहां से सांसद चुने गए। इस सीट पर प्रत्याशियों के लगातार जीत का इतिहास रहा है। इस सीट से अब तक सबसे ज्यादा 4 बार बीजेपी के सोन पोटाई चुनाव जीते हैं। इस सीट पर बीजेपी का दबदबा रहा है।
कांकेर सीट का चुनावी इतिहास
वर्ष | विजेता | पार्टी |
1967 | टी.एल.पी. शाह | बीजेएस |
1971 | अरविंद विश्रामसिंह | कांग्रेस |
1977 | अघनसिंह | बीएलडी |
1980 | अरविंद नेताम | कांग्रेस (आई) |
1984 | अरविंद नेताम | कांग्रेस |
1989 | अरविंद नेताम | कांग्रेस |
1991 | अरविंद नेताम | कांग्रेस |
1996 | छबीला नेताम | कांग्रेस |
1998 | सोहन पोटाई | भाजपा |
1999 | सोहन पोटाई | भाजपा |
2004 | सोहन पोटाई | भाजपा |
2009 | सोहन पोटाई | भाजपा |
कांकेर में वोटरों की संख्या (2024)
कुल वोटर | 1650692 |
पुरुष वोटर | 807549 |
महिला वोटर | 843124 |
तृतीय लिंग | 19 |
क्रं. प्रत्याशी वोट वोट शेयर पार्टी
1 मोहन मंडावी 546,233 47.1% भारतीय जनता पार्टी
2 बीरेश ठाकुर 539,319 46.5% भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
3 हरिसिंह सिदार 11,449 1.0% निर्दलीय
4 सूबे सिंह धुरवा 10,124 0.9% बहुजन समाज पार्टी
5 दुर्गाप्रसाद ठाकुर 6,103 0.5% अम्बेडकरवादी पार्टी ऑफ इंडिया
6 नरेंद्र नाग 5,758 0.5% निर्दलीय
7 मथन सिंह मरकाम 5,586 0.5% भारतीय शक्ति चेतना पार्टी
8 घनश्याम जुर्री 4,471 0.4% गोंडवाना गणतंत्र पार्टी
9 उमाशंकर भंडारी 3,437 0.3% शिव सेना
क्रं. प्रत्याशी वोट वोट शेयर पार्टी
1 विक्रम देव उसेंडी 465,215 45.7% भारतीय जनता पार्टी
2 फूलोदेवी नेताम 430,057 42.3% भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
3 रमेश कुमार गावड़े 23,482 2.3% भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी
4 महेंद्र गावड़े 14,136 1.4% निर्दलीय
5 संतोष कुमार ध्रुव 10,606 1.0% आम आदमी पार्टी
6 रामसे कोर्राम 9,391 0.9% बहुजन समाज पार्टी
7 जमुना मंडावी 8,972 0.9% छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच
8 मलिक राम ठाकुर 8,963 0.9% अम्बेडकरवादी पार्टी ऑफ इंडिया
9 हेमलाल मरकाम 7,586 0.7% गोंडवाना गणतंत्र पार्टी
10 अमल साय सोरी 6,618 0.7% स्वतंत्र
क्रंं प्रत्याशी वोट वोट शेयर पार्टी
1 सोहन पोटाई 341,131 46.0% भारतीय जनता पार्टी
2 फूलो देवी नेताम 321,843 43.4% इंडियन नेशनल कांग्रेस
3 मायाराम नेताम 21,022 2.8% इंडिपेंडेंट
४ मीरा सलाम 13,709 1.8% बहुजन समाज पार्टी
5 जी. आर. राणा 10,207 1.4% झारखंड मुक्ति मोर्चा
6 जलसिंह शोरी 8,058 1.1% छत्तीसगढ़ी समाज पार्टी
7 देवचंद मतलम 7,084 1.0% इंडिपेंडेंट
8 प्रफुल्ल मंडावी 6,914 0.9% इंडिपेंडेंट
9 मायाराम नागवंशी 4,348 0.6% गोंडवाना गणतंत्र पार्टी
10 एन. आर. भूआर्य 4,190 0.6% गोंडवाना मुक्ति सेना
11 भोम लाल 3,286 0.4% अपना दल
क्रं. प्रत्याशी वोट वोट शेयर पार्टी
1 सोहन पोटाई 274,294 49.6% भारतीय जनता पार्टी
2 गंगा पोटाई ठाकुर 200,668 36.3% भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
3 जी.आर.राणा 28,906 5.2% समाजवादी पार्टी
4 अर्जुन सिंह ठाकुर 17,605 3.2% बहुजन समाज पार्टी
5 सुखरंजन उसेंडी 16,479 3.0% भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी)
6 सुंदरलाल नेताम 15,936 2.9% छत्तीसगढ़ी समाज पार्टी
भोजराज नाग को भाजपा ने कांकेर लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है। भाजपा ने अपने सिटिंग सांसद मोहन मंडावी का टिकट काट कर अपना प्रत्याशी बनाया है। वे 2014 में अंतागढ़ विधानसभा में हुए उप चुनाव में विधायक निर्वाचित हुए थे। लंबे समय से बस्तर क्षेत्र में आदिवासी धर्मांतरण के खिलाफ आवाज उठाते आ रहे हैं। भोजराज नाग का जन्म 7 अप्रैल 1972 को ग्राम हिमोड़ा जिला कांकेर में हुआ था। उनके पिता का नाम स्वर्गीय लक्ष्मीनाथ नाग है। भोजराज नाग नवीं कक्षा तक पढ़े हैं। उनका व्यवसाय कृषि है। भोजराज नाथ का विवाह 4 जून 1990 को साधना नाग के साथ हुआ है। उनके दो पुत्र व एक पुत्री हैं। भोजराज नाग ने अपने राजनीति की शुरुआत अपने गांव हिमोड़ा के सरपंच के रूप में वर्ष 1992 में की थी। साल 2000 से 2005 तक वे जनपद सदस्य निर्वाचित होने के बाद जनपद पंचायत अध्यक्ष अंतागढ़ रहें। फिर 2009 से 2014 तक जिला पंचायत सदस्य भी रहे। 2007 से 2010 तक जनजाति सुरक्षा मंच के प्रांत संगठन मंत्री भी रहे। जनजाति समाज के उत्थान एवं नशा मुक्ति हेतु भोजराज नाग ने निरंतर कार्य किया। वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता भी रहे। विस्तार से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
भड़के मनसुख मांडविया ने खड़का दिया चुनाव आयोग को फोन, कई अफसर नपते-नपते बचे
रायपुर। कल शाम एक नाटकीय घटनाक्रम के बाद कांकेर के रिटर्निंग आफिसर ने भाजपा के आशाराम नेताम को 16 वोटों से जीत घोषित कर दिया। छत्तीसगढ़ में यह सबसे छोटी जीत रही। इससे पहले सूबे में इतनी छोटी जीत किसी की भी नहीं रही है। 2018 के विधानसभा चुनाव में धमतरी से बीजेपी की रंजना साहू ने 646मतों से सबसे छोटी जीत दर्ज की थी। बहरहाल, आशाराम की जीत को लेकर कल शाम बड़ा बवाल हुआ। रायपुर से लेकर चुनाव आयोग तक हिल गया। दरअसल, कांकेर सीट से बीजेपी के आशाराम नेताम ने कांग्रेस के शंकर ध्रुवा से 126 मतों से बढ़त बना ली थी। कम लीड वाले केस में निर्वाचन आयोग का डाकमतों की मेंडेटरी रीवेरिफिकेशन का प्रोटोकॉल है। मेंडेटरी रीवेरिफिकेशन में आश्चर्यजनक तौर पर बीजेपी प्रत्याशी का जीत का मार्जिन 126 से घटकर 16 पर आ गया। इतना होने के बावजूद कांकेर का रिटर्निंग आफिसर आशाराम का रिजल्ट रोक दिया। बीजेपी नेताओं के बार-बार अनुरोध के बाद भी जीत घोषित नहीं की जा रही थी। बात रायपुर में प्रदेश भाजपा मुख्यालय कुशाभाऊ ठाकरे भवन तक पहुंची। यहां से सीनियर नेताओं ने कांकेर जिला प्रशासन के अधिकारियों को फोन लगाया। फिर भी बात नहीं बनी।
कांकेर में नाग के नामांकन रैली में गरजे सीएम साय, बोले- लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का सूपड़ा साफ ....
कांकेर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रभारी एवं चुनाव प्रभारी नितिन नबीन, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उपमुख्यमंत्री अरुण साव एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव की मौजूदगी में कांकेर प्रत्याशी भोजराज नाग ने आज कांकेर में नामांकन भरा। इस दौरान नामांकन रैली की सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि यह लोकसभा का चुनाव हमारे देश के लिए सबसे बड़ा चुनाव है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चुनाव है। प्रधानमंत्री मोदी 10 वर्षों से प्रधानमंत्री के रूप में सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास और सबका प्रयास को मूल मंत्र मानकर देश के गांव, गरीब, किसान, मजदूर सबके लिए काम कर रहे हैं। साय ने मंगलवार को कांकेर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी भोजराज नाग के नामांकन दाखिले के मद्देनजर भाजपा द्वारा आयोजित महती रैली को संबोधित कर अपील की कि मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनें, इसके लिए कांकेर से नाग को सांसद बनाकर संसद भेजना है।
अटल जी के इस एक वादे का पार्टी को आज तक मिल रहा है फायदा
रायपुर। छत्तीसगढ़ अलग राज्य बने अभी 24 वर्ष हुए हैं, लेकिन इसका चुनावी इतिहास काफी पुराना है। अविभाजित मध्य प्रदेश के दौर में इसे कांग्रेस का सबसे मजबूत गढ़ माना जाता था। इस क्षेत्र ने अविभाजित मध्य प्रदेश को 3-3 मुख्यमंत्री दिए। इनमें पं. रविशंकर शुक्ल मध्य प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री थे। पं. शुक्ल के पुत्र श्यामाचरण शुक्ल और फिर मोती लाल वोरा भी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। पं. शुक्ल के पुत्र विद्याचरण शुक्ल यानी वीसी शुक्ला की केंद्रीय राजनीति में अलग धाक थी। वीसी इंदिरा और संजय गांधी के करीबियों में शामिल थे।
देखें कैसे-छत्तीसगढ़ में 4 महीने में ही बदल जाता है पूरा चुनावी समीकरण
रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा की 90 और लोकसभा की 11 सीटें हैं। दोनों चुनावों के बीच केवल 4 महीने का अंतर होता है। विधानसभा का चुनाव नवंबर- दिसंबर में होता है तो लोकसभा चुनाव के लिए मतदान अप्रैल- मई में। लेकिन इन 4 महीने में भी प्रदेश का पूरा सियासी और सीटों का समीकरण बदल जाता है। विधानसभा चुनाव के दौरान कुछ सीटों पर तीसरी पार्टियां मुकाबले को त्रिकोणी बनाने में सफल रहती हैं, लेकिन लोकसभा के चुनाव में तीसरी पार्टियां कोई विशेष असर नहीं दिख पाती हैं। 90 प्रतिशत वोट शेयर बीजेपी और कांग्रेस के बीच बंट जाता है। बसपा सहित अन्य पार्टियां महज 10 प्रतिशत में सिमट कर रह जाती हैं।
2019 में जीती हुई कोरबा और बस्तर नहीं है इसमें शामिल..
रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा की 90 और लोकसभा की 11 सीट है। रायपुर और दुर्ग संसदीय क्षेत्र में 9-9 और बाकी 9 संसदीय क्षेत्रों में विधानसभा की 8-8 सीटें शामिल हैं। दो महीने पहले हुए विधानसभा चुनावों में सत्तारुढ़ भाजपा का प्रदर्शन बिलासपुर और दुर्ग संभाग को छोड़कर बाकी तीनों संभागों में पार्टी का प्रदर्शन अच्छा रहा है। सरगुजा संभाग की सभी 14 विधानसभा सीट भाजपा जीतने में सफल रही है।