Chhattisgarh News: राजनांदगांव में डॉ. रमन ही तारणहार: मोहला ही अकेले निपटा दिया था, 57 हजार से ज्यादा की लीड दिलाकर स्पीकर ने पाट दी 3 सीटों की खाई
Chhattisgarh News: राजनांदगांव सीट से लगातार दूसरी बार सांसद चुने गए बीजेपी के संतोष पांडेय इस बार निपट गए थे। राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र में शामिल 3 विधानसभा सीटों से कांग्रेस प्रत्याशी ने इतनी लीड हासिल कर ली थी कि उस खाई को पाटना मुश्किल था, लेकिन एक अकेले डॉ. रमन सिंह के राजनांदगांव सीट पर ऐसा कुछ हुआ कि पांडेय 44 हजार से ज्यादा मतों से विजयी हो गए।
Chhattisgarh News: रायपुर। लोकसभा चुनाव 2024 में राजनांदगांव छत्तीसगढ़ की सबसे हॉट सीट थी। इस सीट पर बीजेपी के सीटिंग एमपी संतोष पांडेय का सीधा मुकाबला पाटन से कांग्रेस विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से था। बघेल से पांडेय को कड़ी टक्कर मिली। राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र में शामिल 8 में से एक ही सीट से बघेल को इतनी ज्यादा बढ़त मिल गई कि पांडेय का जीतना मुश्किल था। क्षेत्र की 8 में से 3 विधानसभा क्षेत्रों में बघेल लीड लेने में सफल रहे। इसमें एक बीजेपी विधायक की सीट भी शामिल है। ऐसे में प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह बीजेपी और पांडेय की जीत के सूत्रधार बने। डॉ. रमन के निर्वाचन क्षेत्र राजनांदगांव से ही पांडेय को इतनी बड़ी लीड मिल गई कि वे 44 हजार से ज्यादा वोट के अंतर से दूसरी बार सांसद चुने गए हैं।
बघेल को तीन विधानसभा में मिली बढ़त
राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र में शामिल 8 में से 5 विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस विधायक हैं। इनमें डोंगरगढ़, डोंगरगांव, खुज्जी, मोहला मानपुर और खैरागढ़ सीट शामिल है, लेकिन लोकसभा चुनाव में बघेल को केवल तीन विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त मिली। मोहला-मानपुर और खुज्जी के साथ कांग्रेस विधायक वाली पंडरिया सीट शामिल है। पंडरिया में बघेल को करीब 34 सौ वोट की लीड मिली, जबकि खुज्जी में उनकी लीड़ 15 हजार पहुंच गई। सबसे बड़ी लीड मोहला- मानपुर में मिली। इस एक सीट पर बघेल ने 39 हजार से ज्यादा लीड हासिल की। इन तीन सीटों को मिलकर बघेल को 57 हजार से ज्यादा मतों की लीड मिली।
राजनांदगांव में लीड नहीं मिलती तो...
संसदीय क्षेत्र में शामिल 8 में से 5 सीटों पर पांडेय ने लीड ली, लेकिन इन पांचों सीटों की लीड बमुश्किल 44 हजार के करीब थी। यानी बघेल को 3 सीटों पर मिली 57 हजार की लीड से कम। कवर्धा सीट जिस पर विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने करीब 39 हजार की लीड ली थी, वहां पांडेय को केवल 10 हजार की बढ़त मिली। वहीं, पंडरिया में उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी से 34 सौ वोट कम मिला। ऐसे में राजनांदगांव सीट ने पांडेय का कल्याण कर दिया। राजनांदगांव में पांडेय को कुल 57 हजार 666 वोट की बढ़त मिल गई। यानी बघेल को तीन सीटों पर मिली बढ़त से ज्यादा वोट पांडेय को इस एक राजनांदगांव सीट पर मिली। इसी वजह से 44 हजार वोट के अंतर से बघेल को हराने में सफल रहे।
अभिषेक सिंह थे टिकट के दावेदार
राजनांदगांव संसदीय सीट से इस बार डॉ. रमन के पुत्र अभिषेक सिंह टिकट के दावेदार थे। अभिषेक पहले इस सीट से सांसद रह चुके हैं। बावजूद इसके पार्टी ने पांडेय को ही रिपीट कर दिया। वहीं, अभिषेक सिंह को कांकेर लोकसभा का प्रभारी बना दिया गया। विधानसभा अध्यक्ष होने की वजह से डॉ. रमन चुनाव प्रचार में सीधे शामिल नहीं हुए, लेकिन अभिषेक कार्यकर्ताओं के जरिये सक्रिय रहे।
डॉ. रमन के चेहरे पर लड़ा गया विधानसभा का चुनाव
छत्तीसगढ़ में 2023 का विधानसभा चुनाव प्रदेश के लगातार 15 साल तक मुख्यमंत्री रहे डॉ. रमन के चेहरे पर ही लड़ा गया था। विधानसभा चुनाव के हर बड़े मंच पर डॉ. रमन नजर आए। प्रदेश में 5 साल के इंतजार के बाद बीजेपी सबसे बड़े बहुमत के साथ सत्ता में आई। ऐसे में डॉ. रमन को फिर से सीएम बनाए जाने की संभावना देखी जा रही थी, लेकिन पार्टी ने उन्हें विधानसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया।