Janjgir-Champa Lok Sabha elections 2024: जांजगीर-चांपा लोकसभा चुनाव 2024: जांजगीर-चांपा लोकसभा क्षेत्र, इतिहास, प्रत्याशी, चुनाव परिणाम
Janjgir-Champa Lok Sabha elections 2024: छत्तीसगढ़ की जांजगीर-चांपा लोकसभा सीट का लंबा चुनावी इतिहास है। 2009 के लोकसभा चुनाव से यह सीट अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित कर दिया गया। इस सीट के साथ बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का गहरा नाता है। बसपा के संस्थापक कांशी राम इस सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। फिलहाल 2004 से यह सीट बीजेपी के पास है।
Janjgir-Champa Lok Sabha elections 2024: एनपीजी न्यूज डेस्क
जांजगीर-चांपा लोकसभा सीट अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग के लिए आरक्षित छत्तीसगढ़ की इकलौती सीट है। राज्य की 11 में से 4 सीटें (बस्तर, कांकेर, रायगढ़ और सरगुजा) अनुसूचित जनजाति (एससटी) वर्ग के लिए आरक्षित है। बाकी 6 सीटें सामान्य हैं। बहरहाल, जांजगीर-चांपा लोकसभा क्षेत्र में बसपा और कांग्रेस का दबदबा रहता है। इस संसदीय क्षेत्र में विधानसभा की कुल 8 सीटें हैं। 2023 के विधानसभा चुनाव को छोड़ दें तो हर बार इस संसदीय क्षेत्र में शामिल 8 में से एक या दो सीट बसपा जीतती रही है। इस बार बसपा को एक भी सीट नहीं मिली है। 2023 के चुनाव में इस संसदीय क्षेत्र की सभी 8 सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली है। कांग्रेस ने इस बार यहां से प्रदेश की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में मंत्री हरे डॉ. शिव कुमार डहरिया को टिकट दिया है। वहीं, बीजेपी ने कमलेश जांगड़े के रुप में नए चेहरे पर दांव लगाया है।
1984 में कांशी राम ने लड़ा था यहां से चुनाव
बसपा के संस्थापक कांशी राम ने 1984 में जांजगीर-चांपा सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ा था। तब बसपा की स्थापना नहीं हुई थी, ऐसे में कांशी राम निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में मैदान में उतरे थे, लेकिन उन्हें न केवल हार का सामना करना पड़ा बल्कि वोट शेयर के हिसाब से वे तीसरे स्थान पर रहे। इस चुनाव में कांग्रेस के प्रभात कुमार मिश्रा विजयी हुए थे। मिश्रा को कुल 2 लाख 13 हजार 710 वोट मिले थे। उनका वेट शेयर 56.5% था। वहीं दूसरे स्थान पर बीजेपी के बद्री धर दीवान थे, 61 हजार 530 वोट और वोट शेयर 16.3% रहा। वहीं 8.5% वोट शेयर के साथ कांशी राम को 32 हजार 135 वोट मिले थे।
मिनी माता ने दो बार किया प्रतिनिधित्व
छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला सांसद मिनी माता इस सीट का 2 बार प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। मिनी माता इस सीट से 1967 और 1971 में लगातार दो बार सांसद निर्वाचित हुई थीं। इस सीट से लगातार दो बार चुनाव जीतने वालों में डॉ. चरणदास महंत और कमला देवी पाटले का नाम भी शामिल है। डॉ. महंत कांग्रेस की टिकट पर 1998 और 1999 में सांसद चुने गए थे। वहीं पाटले 2009 और 2014 में बीजेपी सांसद रहीं। कांग्रेस के अमर सिंह भी 1957 और 1962 में लगातार दो बार सांसद चुने गए थे।
जांजगीर- चांपा लोकसभा क्षेत्र में वोटरों की संख्या (2024)
कुल वोटर | 2044411 |
पुरुष | 1027686 |
महिला | 1016699 |
तृतीय | 26 |
जांजगीर- चांपा लोकसभा सीट से अब तक के सांसद
वर्ष | निर्वाचित सांसद | पार्टी |
1957 | अमर सिंह | कांग्रेस |
1962 | अमर सिंह | कांग्रेस |
1967 | मिनीमाटा | कांग्रेस |
1971 | मिनीमाता अगमदास | कांग्रेस |
1977 | मदन भैया | बीएलडी |
1980 | रामगोपाल तिवारी | कांग्रेस (आई) |
1984 | प्रभात कुमार मिश्रा | कांग्रेस |
1989 | दलीप सिंह जूदेव | भाजपा |
1991 | भवानी लाल वर्मा | कांग्रेस |
1996 | मनहरण लाल पांडे | भाजपा |
1998 | चरणदास महंत | कांग्रेस |
1999 | डॉ. चरणदास महंत | कांग्रेस |
2004 | करुणा शुक्ला | भाजपा |
2009 | कमला देवी पाटले | भाजपा |
2014 | कमला पाटले | भाजपा |
2019 | गुहाराम अजगल्ली | भाजपा |
भाजपा सांसद प्रत्याशी कमलेश जांगड़े का जीवन परिचय...
भाजपा ने जांजगीर चांपा लोक सभा सीट से कमलेश जांगड़े को अपना प्रत्याशी बनाया है। भाजपा की छात्र इकाई अखिल विद्यार्थी परिषद से राजनीति की शुरुआत करने वाली कमलेश जांगड़े का जन्म 30 दिसंबर 1977 को हुआ है। उनके पिता का नाम भूरेदास पात्रे है। वे आबकारी विभाग में कार्यरत थे।उन्होंने एमए हिंदी साहित्य और डीएड तक की शिक्षा ग्रहण की है। कमलेश जांगड़े का विवाह बसंत कुमार जांगड़े से हुआ है। उनके पति शासकीय ठेकेदार और ट्रांसपोर्टर है। कमलेश जांगड़े के ससुर सीआर जांगड़े शिक्षा विभाग में कार्यरत थे। कमलेश जांगड़े सक्ती जिले के सक्ती ब्लॉक के ग्राम– मसनियां कला की रहने वाली है। वे अनुसूचित जाति ( सतनामी) वर्ग से आती हैं। उन्हें समाजसेवा, अध्ययन, राजनीति,भारतीय संस्कृति में रुचि है।कमलेश जांगड़े वर्ष 2002 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की संयोजक बनी। फिर 2005 से 2015 तक लगातार दो बार अपने गांव मसनियां कला की सरपंच रही। अपने प्रथम सरपंची के कार्यकाल के समय अविभाजित जांजगीर जिले में उत्कृष्ट कार्य के लिए जिले में सर्वश्रेष्ठ सरपंच का सम्मान कलेक्टर द्वारा प्राप्त हुआ। 2015 से 2020 तक सरगुजा जिला में जिला प्रभारी का दायित्व मिला। 2015 से 2020 तक प्रदेश महिला मोर्चा में विशेष आमंत्रित सदस्य रहीं। 2020 में भाजपा जिला उपाध्यक्ष जांजगीर चांपा का दायित्व मिला। 2020 से भाजपा जिला उपाध्यक्ष जांजगीर चांपा और जांजगीर नगर मंडल का दायित्व मिला।
कांग्रेस प्रत्याशी शिवकुमार डहरिया का जीवन परिचय
कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस ने डॉ. शिव कुमार डहरिया को जांजगीर-चांपा संसदीय सीट से प्रत्याशी बनाया है। डहरिया छत्तीसगढ़ की पूर्ववर्ती भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में नगरीय प्रशासन और श्रम विभाग के मंत्री थे। 2023 का विधानसभा चुनाव वे आरंग सीट से हार गए। 1977 से 1988 तक स्कूल एवं महाविद्यालय छात्र संघ के विभिन्न पदों पर कार्य किया। इसके अलावा 1989 में सदस्य बीस सूत्रीय समिति मध्य प्रदेश के सदस्य रहे। 1990 में संयुक्त मंत्री मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी,अनुसूचित जाति एवं जनजाति प्रकोष्ठ रहे। 1997 में महामंत्री प्रदेश युवक कांग्रेस बने। 1990 से 2000 तक महामंत्री जिला एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी युवक कांग्रेस रहे। सन 2000 में वे सदस्य राज्य परिवहन प्राधिकरण बने। इस दौरान उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया था। 2001 में प्रभारी महामंत्री छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी बने। 2003 में शिव डहरिया पहली बार विधायक निर्वाचित होकर आए। इसके बाद 2008 में दूसरी बार एवं 2018 में तीसरी बार विधायक निर्वाचित हुए थे। 2004 से 2006 तक सदस्य अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के कल्याण संबंधी समिति, छत्तीसगढ़ विधानसभा बने। 2004-05 में सदस्य पटल पर रखे गए पत्रों के परीक्षण करने संबंधित समिति छत्तीसगढ़ विधानसभा बने। 2006-07 में गैर सरकारी सदस्यों के विधेयकों तथा संकल्पों संबंधित समिति के सदस्य बने। 2007 से 2010 तक सदस्य सुविधा एवं सम्मान समिति छत्तीसगढ़ विधानसभा बने। 2010-11 में सदस्य विशेषाधिकार समिति, प्रश्न एवं संदर्भ समिति छत्तीसगढ़ विधानसभा रहे। 2010- 11 में सदस्य विशेषाधिकार समिति,प्रश्न एवं संदर्भ समिति छत्तीसगढ़ विधानसभा बने।
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रायपुर। छत्तीसगढ़ में बीजेपी के 11 लोकसभा प्रत्याशियों में से ज्यादातर उच्च शिक्षा प्राप्त हैं। इनमें एक प्रत्याशी केवल 9वीं तक पढ़ा है। उम्र के लिहाज से 3 प्रत्याशी 50 से कम आयु के हैं। वहीं, 2 प्रत्याशी 60 से ज्यादा उम्र के हैं। 11 में से दो प्रत्याशी इससे पहले केवल सरपंच का चुनाव लड़े हैं।
अटल जी के इस एक वादे का पार्टी को आज तक मिल रहा है फायदा
रायपुर। छत्तीसगढ़ अलग राज्य बने अभी 24 वर्ष हुए हैं, लेकिन इसका चुनावी इतिहास काफी पुराना है। अविभाजित मध्य प्रदेश के दौर में इसे कांग्रेस का सबसे मजबूत गढ़ माना जाता था। इस क्षेत्र ने अविभाजित मध्य प्रदेश को 3-3 मुख्यमंत्री दिए। इनमें पं. रविशंकर शुक्ल मध्य प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री थे। पं. शुक्ल के पुत्र श्यामाचरण शुक्ल और फिर मोती लाल वोरा भी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। पं. शुक्ल के पुत्र विद्याचरण शुक्ल यानी वीसी शुक्ला की केंद्रीय राजनीति में अलग धाक थी। वीसी इंदिरा और संजय गांधी के करीबियों में शामिल थे।
देखें कैसे-छत्तीसगढ़ में 4 महीने में ही बदल जाता है पूरा चुनावी समीकरण
रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा की 90 और लोकसभा की 11 सीटें हैं। दोनों चुनावों के बीच केवल 4 महीने का अंतर होता है। विधानसभा का चुनाव नवंबर- दिसंबर में होता है तो लोकसभा चुनाव के लिए मतदान अप्रैल- मई में। लेकिन इन 4 महीने में भी प्रदेश का पूरा सियासी और सीटों का समीकरण बदल जाता है। विधानसभा चुनाव के दौरान कुछ सीटों पर तीसरी पार्टियां मुकाबले को त्रिकोणी बनाने में सफल रहती हैं, लेकिन लोकसभा के चुनाव में तीसरी पार्टियां कोई विशेष असर नहीं दिख पाती हैं। 90 प्रतिशत वोट शेयर बीजेपी और कांग्रेस के बीच बंट जाता है। बसपा सहित अन्य पार्टियां महज 10 प्रतिशत में सिमट कर रह जाती हैं।
2019 में जीती हुई कोरबा और बस्तर नहीं है इसमें शामिल..
रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा की 90 और लोकसभा की 11 सीट है। रायपुर और दुर्ग संसदीय क्षेत्र में 9-9 और बाकी 9 संसदीय क्षेत्रों में विधानसभा की 8-8 सीटें शामिल हैं। दो महीने पहले हुए विधानसभा चुनावों में सत्तारुढ़ भाजपा का प्रदर्शन बिलासपुर और दुर्ग संभाग को छोड़कर बाकी तीनों संभागों में पार्टी का प्रदर्शन अच्छा रहा है। सरगुजा संभाग की सभी 14 विधानसभा सीट भाजपा जीतने में सफल रही है।
जानिए... राज्य की किस सीट पर कब होगा लोकसभा चुनाव
रायपुर। छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों पर 3 चरणों में मतदान होगा। पहले चरण में केवल एक बस्तर सीट पर वोटिंग होगी। दूसरे चरण में कांकेर, राजनांदगांव और महासमुंद में मतदान होंगे। बाकी सीटों पर तीसरे चरण में वोट डाले जाएंगे। पहले चरण में बस्तर लोकसभा सीट के लिए 19 अप्रैल को मतदान होगा। वहीं, राजनांदगांव, महासमुंद और कांकेर सीट पर 26 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। वहीं रायपुर, दुर्ग, सरगुजा, रायगढ़, जांजगीर-चांपा, कोरबा, बिलासपुर पर 7 मई को वोट डाले जाएंगे। सभी सीटों के लिए एक साथ 4 जून को मतगणना होगी।