Bilaspur Lok Sabha elections 2024: बिलासपुर लोकसभा चुनाव 2024: बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र, इतिहास, प्रत्याशी, चुनाव परिणाम
Bilaspur Lok Sabha elections 2024: छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर को छत्तीसगढ़ में संघ के प्रभाव वाला क्षेत्र माना जाता है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन का मुख्यालय भी बिलासपुर संसदीय क्षेत्र में ही है। बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र आजादी के बाद अस्तित्व में आ गया था। लंबे समय तक यह सीट अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग के लिए आरक्षित रहा। बीजेपी के पुन्नूलाल मोहले इस सीट का सबसे ज्यादा बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
Bilaspur Lok Sabha elections 2024: एनपीजी न्यूज डेस्क
राजधानी रायपुर के बाद बिलासपुर को छत्तीसगढ़ का बड़ा पॉवर सेंटर माना जाता है। बिलासपुर संसदीय सीट में विधानसभा की कुल 8 सीटें शामिल हैं। इनमें कोटा, लोरमी, मुंगेली, तखतपुर, बिल्हा, बिलासपुर, बेलतरा और मस्तुरी शामिल है। 2023 के विधानसभा चुनाव में कोटा और मस्तुरी सीट से कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। बाकी 6 सीटें बीजेपी की पाले में गई है।
बिलासपुर सीट 1984 में एससी आरक्षित कर दिया गया था। 2004 तक इस सीट से एससी वर्ग के ही सांसद चुने जाते रहे हैं। 2009 में यह सीट सामान्य हुआ और बीजेपी के दिलीप सिंह जूदेव ने यहां से चुनाव जीता। 2009 में दिलीप सिंह जूदेव का मुकाबला पूर्व सीएम अजीत जोगी की पत्नी डॉ. रेणु जोगी से हुआ था।
जांगड़े कांग्रेस और बीजेपी दोनों कर कर चुके हैं प्रतिनिधित्व
प्रदेश के दिग्गज नेताओ में शामिल रेशमलाल जांगड़े कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों से बिलासपुर सीट का संसद में प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। जांगड़े 1951 में बिलासपुर सीट के पहले सांसद चुने गए। जांगड़े के साथ सरदार अमर सिंह सहगल भी 1951 में बिलासपुर सीट का प्रतिनिधत्व किया। जांगड़े 1957 में लगातार दूसरी बार सांसद चुने गए। जांगड़े ने 1989 में इसी सीट से बीजेपी की टिकट पर सांसद चुने गए।
मोहले सबसे ज्यादा बार जीत चुनाव
बीजेपी के पुन्नूलाल मोहले बिलासपुर सीट से सर्वाधिक बार चुनाव जीते हैं। मोहले पहली बार 1996 में सांसद चुने गए। इसके बाद वे 1998, 1999 और 2004 में लगातार सांसद चुने गए। वहीं रेशम लाल जांगड़े ने तीन बार इस सीट का प्रतिनिधित्व किया है।
बिलासपुर सीट पर वोटरों की संख्या
कुल वोटर | 2085479 |
पुरुष | 1048603 |
महिला | 1036778 |
तृतीय लिंग | 98 |
बिलासपुर सीट से अब तक के सांसद
1951 | सरदार अमरसिंह सहगल | कांग्रेस |
रेशमलाल | कांग्रेस | |
1957 | रेशमलाल | कांग्रेस |
1962 | सत्य प्रकाश | कांग्रेस |
1967 | अमरसिंह | कांग्रेस |
1971 | रामगोपाल तिवारी | कांग्रेस |
1977 | निरंजन प्रसाद केशरवानी | बीएलडी |
1980 | गोदिल प्रसाद अनुरागी | कांग्रेस (आई) |
1984 | खेलन राम जांगड़े (एससी) | कांग्रेस |
1989 | रेशम लाल जांगड़े (एससी) | भाजपा |
1991 | खेलन राम जांगड़े (एससी) | कांग्रेस |
1996 | पुन्नुलाल मोहले (एससी) | भाजपा |
1998 | पुन्नुलाल मोहले (एससी) | भाजपा |
1999 | पुन्नुलाल मोहले (एससी) | भाजपा |
2004 | पुन्नुलाल मोहले (एससी) | भाजपा |
2009 | दिलीप सिंह जूदेव | भाजपा |
2014 | लखन लाल साहू | भाजपा |
2019 | अरुण साव | भाजपा |
भाजपा सांसद प्रत्याशी तोखन साहू का जीवन परिचय...
भाजपा ने बिलासपुर लोकसभा सीट से तोखन साहू को अपना प्रत्याशी बनाया है। इस सीट से वर्तमान में डिप्टी सीएम अरुण साव सांसद है। तोखन साहू लोरमी विधानसभा सीट से विधायक भी रह चुके हैं। डिंडौरी, जिला मुंगेली में 15 अक्टूबर 1969 को हुआ है। उन्होंने एम. कॉम तक की शिक्षा ग्रहण की है। उनका विवाह लीलावती साहू से हुआ है। उनके एक पुत्र व एक पुत्री है। उनका राजनैतिक जीवन 1994 से शुरू हुआ है। वे 1994 में लोरमी ब्लॉक के सुरजपुरा गांव के निर्विरोध पंच बने। 30 जनवरी 2005 को जनपद सदस्य ब्लॉक लोरमी क्षेत्र क्रमांक–18 फुलवारीकला बने। 3 फ़रवरी 2010 को महिला आरक्षण के चलते अपनी लीलावती साहू को जनपद सदस्य फिर 19 फ़रवरी 2010 को अध्यक्ष जनपद पंचायत लोरमी बनाया। 2012 में जिला सहकारी बैंक बिलासपुर के प्रतिनिधि बनें। जिला साहू समाज के संरक्षक बने। जिला साहू समाज के संरक्षक बने। भाजपा पश्चिम मंडल के महामंत्री बने। 2013 में भाजपा ने उन्हें लोरमी विधानसभा से टिकट देकर प्रत्याशी बनाया। उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी और सिटिंग विधायक धर्मजीत सिंह को चुनाव हराया। उन्हें 52302 वोट मिले। धर्मजीत सिंह को 46061 वोट मिले थे। 2015 में कृषि,मछलीपालन, पशुपालन, जलसंसाधन विभाग के संसदीय सचिव बने। 2014 में छत्तीसगढ़ वन्य जीव बोर्ड के सदस्य बने। 2015 में खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय के सदस्य बने।
कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव का जीवन परिचय
कांग्रेस ने भिलाई नगर सीट से दूसरी बार विधायक चुने गए देवेंद्र यादव को बिलासपुर लोकसभा सीट से टिकट दिया है। उन्होंने भाजपा के प्रत्याशी प्रेम प्रकाश पांडेय को 1264 मतों के अंतर से चुनाव हराया है। देवेंद्र यादव 2018 में पहली बार विधायक निर्वाचित हुए थे। वे कांग्रेस के टिकट पर विधायक निर्वाचित हुए थे। देवेंद्र यादव ने स्कूल के दौरान ही कांग्रेस की छात्र राजनीति में कदम रख दिया था। वे एनएसयूआई के प्रतिनिधि व एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष रहे हैं साथ ही एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव व राष्ट्रीय महासचिव भी रहे हैं। मात्र 25 वर्ष की उम्र में देश के सबसे कम उम्र के महापौर बनने का खिताब देवेंद्र यादव को मिला है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में देवेंद्र यादव ने अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष व मंत्री रहे कद्दावर भाजपा नेता प्रेम प्रकाश पांडे को दूसरी बार चुनाव हराया हैं। देवेंद्र यादव के ऊपर अब तक कुल 9 आपराधिक प्रकरण दर्ज हुए है।
महिला अफसर ने चुनाव कराने से किया इंकार, कलेक्टर ने थमाई नोटिस
बिलासपुर। लोकसभा निर्वाचन जैसे महत्वपूर्ण एवं अनिवार्य कार्य से इंकार करने पर पीडब्ल्यूडी एसडीओ तखतपुर प्रियंका मेहता को कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी अवनीश शरण ने शोकॉज नोटिस जारी किया है। कलेक्टर ने 24 घंटे के भीतर उन्हें जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। प्रियंका मेहता को लोकसभा चुनाव में व्यय अनुवीक्षण के लिए निर्धारित चेक पोस्ट पर व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए थे। एसडीएम एवं सहायक रिटर्निंग अधिकारी तखतपुर ने अपने प्रतिवेदन में बताया कि प्रियंका मेहता के द्वारा निर्देशों की अवहेलना करते हुए निर्धारित चेकपोस्ट पर आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित नहीं की गई थी। इसके अलावा उनसे इस संबंध में जानकारी के लिए संपर्क किया गया तो उन्होंने एसडीएम के साथ अनुचित शब्दों का प्रयोग करते हुए दुर्व्यवहार किया। प्रियंका मेहता का यह कृत्य लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 28 क के प्रावधान के विरूद्ध है तथा छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 03 के तहत गंभीर कदाचरण की श्रेणी में आता है, जो छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के तहत दण्डनीय है।
रायपुर। लोकसभा चुनाव 2024 के लिए छत्तीसगढ़ की 11 में से कांग्रेस पार्टी अब तक 6 ही सीटों के लिए प्रत्याशियों के नाम घोषित कर पाई है। 5 सीटों पर प्रत्याशी चयन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर मंथन चल रहा है। इन सीटों में 4 आदिवासी आरक्षित ( बस्तर, कांकेर, सरगुजा और रायगढ़) सीटें हैं। 5वीं सीट बिलासपुर है, जो सामान्य है। बिलासपुर प्रदेश की न्यायधानी है और सियासत का बड़ा केंद्र भी है। यहां के कई सियासी किस्से और घटनाक्रम हैं जो प्रदेश ही नहीं देशभर में कभी चर्चा का विषय बन गए थे। इनमें एन वक्त पर कांग्रेस प्रत्याशी बदले की एक कहानी की अक्सर चर्चा होती है, लेकिन बिलासपुर में कांग्रेस ने ऐसा दो बार किया है। एक बार विधानसभा में और एक बार लोकसभा के चुनाव में।
जब रेणु जोगी को हराने के बाद दिलीप सिंह जूदेव ने कहा था, आपको हराकर अच्छा नहीं लगा
रायपुर। छत्तीसगढ़ के सियासी इतिहास में अजीत जोगी और दिलीप सिंह जूदेव परिवार के बीच की राजनीतिक प्रतिद्वंदिता जगजाहिर है। लेकिन वक्त गुजरने के साथ अब जूदेव और जोगी, दोनों ही परिवार के मुखिया अजीत जोगी और दिलीप सिंह जूदेव इस दुनिया में नहीं हैं। लेकिन जोगी और जूदेव परिवार के बीच की राजनीतिक प्रतिद्वंदिता अब भी बरकरार है। भाजपा में कोट से अपने फायर ब्रांड नेता और जूदेव परिवार के बेटे प्रबल प्रताप जूदेव को उम्मीदवार बनाया है। यानी यहां की लड़ाई एक बार फिर से जोगी विरुद्ध जूदेव पर आकर ठहर गई है। कोटा के सियासी महासमर में एक बार फिर जूदेव गरज रहे हैं और उनके खिलाफ जोगी अपने नाम, काम और व्यवहार की बदौलत लोगों के बीच हैं। लोगों में मैडम जोगी के नाम से लोकप्रिय डॉ. रेणु जोगी एक बार फिर लोगों के बीच अपने लिए वोट मांग रही हैं। उधर पिता की तरह छवि और अंदाज लिए प्रबल प्रताप सिंह जूदेव लोगों की भीड़ में अपने लिए आशीर्वाद मांग रहे हैं। चुनावी सभाओं में प्रबल प्रताप सिंह जूदेव का वही तेवर और अंदाज दिख रहा है, जिसके लिए छत्तीसगढ़ की राजनीति में उनके स्वर्गीय पिता दिलीप सिंह जूदेव युवाओं में काफी लोकप्रिय रहे। एक सभा में गरजते हुए उन्होंने कहा कि 'मैं कांग्रेस के नेताओं, भ्रष्टाचारियों एवं अधिकारियों से कहना चाहता हूं कि मेरे कार्यकर्ताओ का बाल भी बांका हुआ तो तुमको नेस्तनाबूत कर दूंगा। टाइगर अभी जिंदा है।'
जानिए... राज्य की किस सीट पर कब होगा लोकसभा चुनाव
रायपुर। छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों पर 3 चरणों में मतदान होगा। पहले चरण में केवल एक बस्तर सीट पर वोटिंग होगी। दूसरे चरण में कांकेर, राजनांदगांव और महासमुंद में मतदान होंगे। बाकी सीटों पर तीसरे चरण में वोट डाले जाएंगे। पहले चरण में बस्तर लोकसभा सीट के लिए 19 अप्रैल को मतदान होगा। वहीं, राजनांदगांव, महासमुंद और कांकेर सीट पर 26 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। वहीं रायपुर, दुर्ग, सरगुजा, रायगढ़, जांजगीर-चांपा, कोरबा, बिलासपुर पर 7 मई को वोट डाले जाएंगे। सभी सीटों के लिए एक साथ 4 जून को मतगणना होगी।
2019 में जीती हुई कोरबा और बस्तर नहीं है इसमें शामिल..
रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा की 90 और लोकसभा की 11 सीट है। रायपुर और दुर्ग संसदीय क्षेत्र में 9-9 और बाकी 9 संसदीय क्षेत्रों में विधानसभा की 8-8 सीटें शामिल हैं। दो महीने पहले हुए विधानसभा चुनावों में सत्तारुढ़ भाजपा का प्रदर्शन बिलासपुर और दुर्ग संभाग को छोड़कर बाकी तीनों संभागों में पार्टी का प्रदर्शन अच्छा रहा है। सरगुजा संभाग की सभी 14 विधानसभा सीट भाजपा जीतने में सफल रही है।
अटल जी के इस एक वादे का पार्टी को आज तक मिल रहा है फायदा
रायपुर। छत्तीसगढ़ अलग राज्य बने अभी 24 वर्ष हुए हैं, लेकिन इसका चुनावी इतिहास काफी पुराना है। अविभाजित मध्य प्रदेश के दौर में इसे कांग्रेस का सबसे मजबूत गढ़ माना जाता था। इस क्षेत्र ने अविभाजित मध्य प्रदेश को 3-3 मुख्यमंत्री दिए। इनमें पं. रविशंकर शुक्ल मध्य प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री थे। पं. शुक्ल के पुत्र श्यामाचरण शुक्ल और फिर मोती लाल वोरा भी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। पं. शुक्ल के पुत्र विद्याचरण शुक्ल यानी वीसी शुक्ला की केंद्रीय राजनीति में अलग धाक थी। वीसी इंदिरा और संजय गांधी के करीबियों में शामिल थे।
देखें कैसे-छत्तीसगढ़ में 4 महीने में ही बदल जाता है पूरा चुनावी समीकरण
रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा की 90 और लोकसभा की 11 सीटें हैं। दोनों चुनावों के बीच केवल 4 महीने का अंतर होता है। विधानसभा का चुनाव नवंबर- दिसंबर में होता है तो लोकसभा चुनाव के लिए मतदान अप्रैल- मई में। लेकिन इन 4 महीने में भी प्रदेश का पूरा सियासी और सीटों का समीकरण बदल जाता है। विधानसभा चुनाव के दौरान कुछ सीटों पर तीसरी पार्टियां मुकाबले को त्रिकोणी बनाने में सफल रहती हैं, लेकिन लोकसभा के चुनाव में तीसरी पार्टियां कोई विशेष असर नहीं दिख पाती हैं। 90 प्रतिशत वोट शेयर बीजेपी और कांग्रेस के बीच बंट जाता है। बसपा सहित अन्य पार्टियां महज 10 प्रतिशत में सिमट कर रह जाती हैं।