बस्तर लोकसभा क्षेत्र का मैपBastar Lok Sabha elections 2024: एनपीजी न्यूज डेस्कदेश की आजादी के बाद पहला चुनाव 1952 में हुआ। तभी से अस्तित्व में आई बस्तर की लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए रिजर्व है। बस्तर लोकसभा सीट में अब तक 18 बार लोकसभा चुनाव हो चुके हैं। इस सीट को कांग्रेस अपना गढ़ बताती है। क्योंकि 1952 से लेकर 1998 तक लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी की ही जीत होती रही। पहले लोकसभा चुनाव से लेकर वर्ष 1996 तक यह कांग्रेस की परंपरागत सीट मानी जाती रही। लेकिन वर्ष 1996 में पहली बार निर्दलीय प्रत्याशी को यहां के लोगों ने चुना। फिर 1998 से लगातार पांच बार ये सीट भाजपा के पास रही। दो दशक तक कश्यप परिवार के सदस्य यहां से लगातार चुनाव जीतते रहे। बलिराम कश्यप यहां से लगातार 1998 से 2009 तक 4 बार सांसद रहे। वहीं, 2011 और 2014 में बीजेपी के दिनेश कश्यप यहां से सांसद बने। मतलब पिछले डेढ़ दशक तक इस सीट पर कश्यप परिवार का दबदबा रहा है। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में जब पूरा देश मोदी लहर पर सवार था कांग्रेस के दीपक बैज ने यहां जीत दर्ज की थी।
बस्तर लोकसभा क्षेत्र का मैपBastar Lok Sabha elections 2024: एनपीजी न्यूज डेस्कदेश की आजादी के बाद पहला चुनाव 1952 में हुआ। तभी से अस्तित्व में आई बस्तर की लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए रिजर्व है। बस्तर लोकसभा सीट में अब तक 18 बार लोकसभा चुनाव हो चुके हैं। इस सीट को कांग्रेस अपना गढ़ बताती है। क्योंकि 1952 से लेकर 1998 तक लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी की ही जीत होती रही। पहले लोकसभा चुनाव से लेकर वर्ष 1996 तक यह कांग्रेस की परंपरागत सीट मानी जाती रही। लेकिन वर्ष 1996 में पहली बार निर्दलीय प्रत्याशी को यहां के लोगों ने चुना। फिर 1998 से लगातार पांच बार ये सीट भाजपा के पास रही। दो दशक तक कश्यप परिवार के सदस्य यहां से लगातार चुनाव जीतते रहे। बलिराम कश्यप यहां से लगातार 1998 से 2009 तक 4 बार सांसद रहे। वहीं, 2011 और 2014 में बीजेपी के दिनेश कश्यप यहां से सांसद बने। मतलब पिछले डेढ़ दशक तक इस सीट पर कश्यप परिवार का दबदबा रहा है। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में जब पूरा देश मोदी लहर पर सवार था कांग्रेस के दीपक बैज ने यहां जीत दर्ज की थी।