Bastar Lok Sabha elections 2024: बस्तर लोकसभा चुनाव 2024: बस्तर लोकसभा क्षेत्र, इतिहास, प्रत्याशी, चुनाव परिणाम
Bastar Lok Sabha elections 2024: छत्तीसगढ़ का बस्तर संसदीय सीट अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग के लिए आरक्षित सीट है। नक्सल प्रभावित होने की वजह से यह सीट संवेदनशील श्रेणी में शामिल है। बस्तर लोकसभा क्षेत्र में विधानसभा की कुल 8 सीटें आती हैं। इनमें कोण्डागांव, नारायणपुर, बस्तर, जगदलपुर, चित्रकोट, दन्तेवाडा, बीजापुर और कोंटा शामिल है।
Bastar Lok Sabha elections 2024: एनपीजी न्यूज डेस्क
देश की आजादी के बाद पहला चुनाव 1952 में हुआ। तभी से अस्तित्व में आई बस्तर की लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए रिजर्व है। बस्तर लोकसभा सीट में अब तक 18 बार लोकसभा चुनाव हो चुके हैं। इस सीट को कांग्रेस अपना गढ़ बताती है। क्योंकि 1952 से लेकर 1998 तक लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी की ही जीत होती रही। पहले लोकसभा चुनाव से लेकर वर्ष 1996 तक यह कांग्रेस की परंपरागत सीट मानी जाती रही। लेकिन वर्ष 1996 में पहली बार निर्दलीय प्रत्याशी को यहां के लोगों ने चुना। फिर 1998 से लगातार पांच बार ये सीट भाजपा के पास रही। दो दशक तक कश्यप परिवार के सदस्य यहां से लगातार चुनाव जीतते रहे। बलिराम कश्यप यहां से लगातार 1998 से 2009 तक 4 बार सांसद रहे। वहीं, 2011 और 2014 में बीजेपी के दिनेश कश्यप यहां से सांसद बने। मतलब पिछले डेढ़ दशक तक इस सीट पर कश्यप परिवार का दबदबा रहा है। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में जब पूरा देश मोदी लहर पर सवार था कांग्रेस के दीपक बैज ने यहां जीत दर्ज की थी।
Live Updates
- 3 April 2024 8:14 AM GMT
18 किमी पैदल चल कर ग्रामीणों को जाना होगा वोट डालने
नक्सलियों के गढ़ में पोलिंग बूथ संभव नहीं, बस्तर में 234 बूथों को किया गया शिफ्ट
रायपुर/जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर में चुनाव कराना सुरक्षा बलों के लिए किसी युद्ध से कम नहीं है। देश का सर्वाधित नक्सल हिंसा ग्रस्त इलाका बस्तर संभाग में दो लोकसभा सीटें आती है। बस्तर और कांकेर। इसमें कांकेतर आंशिक नक्सल प्रभावित है। अलबत्ता, बस्तर लोकसभा सीट बारुदी सुरंगों से पटा हुआ है। बस्तर लोकसभा सीट के लिए 19 अप्रैल को वोटिंग होगी।
सुरक्षा की दृष्टि से बस्तर लोकसभा इलाके की 234 मतदान केंद्रों को सुरक्षा की दृष्टि से चुनाव आयोग ने सुरक्षित स्थानों पर शिफ्थ कर दिया है। क्योंकि, पारंपरिक मतदान केंद्रों पर वोटिंग कराना संभव नहीं। न वहां मतदान कर्मी जा सकते और न ही सुरक्षा बल। वे इलाके नक्सलियों का गढ़ माना जाता है। उन इलाकों में भैरमगढ़, चिंतलनार, एर्राबोर, जगरगुंडा जैसे विकासखंडों को रोड बनाकर कनेक्टिविटी ठीक कर दी गई है। नक्सल प्रभावित कई इलाकों में पक्की सड़कें बन गई हैं। मगर किस सड़क के निर्माण के दौरान नक्सलियों न कहां पर बारुदी सुरंगे लगा दी है, ये किसी को पता नहीं। जाहिर है, माओवादियों ने नए बने पक्की सड़कों को बारुदी सुरंगों के विस्फोट के जरिये कई दफा सुरक्षा बलों को बड़ा नुकसान पहुंचा चुके हैं। सो, चुनाव आयोग कोई रिस्क लेना नहीं चाह रहा है।
- 3 April 2024 8:00 AM GMT
जब कांग्रेस से छीनकर बीजेपी ने बनाया अपना गढ़
1977 में जनता पार्टी के दृगपाल शाह बस्तर लोकसभा से सांसद रहे। लेकिन भाजपा की पहली बार एंट्री सही तरीके से 1998 में रहुई। जब पार्टी ने अपनी पहली जीत हासिल की। पार्टी ने बलिराम कश्यप पर दांव लगाया और फिर वे बस्तर के सबसे बड़े बाजीगर बन गए। बस्तर में बीजेपी का सबसे बड़ा चेहरा रहे बलिराम कश्यप और उनके बेटे दिनेश कश्यप ने लगातार 1998, 1999, 2004, 2011 का उपचुनाव और 2014 में जीत दर्ज की। लेकिन 2019 के चुनावों में बस्तर सीट पर भाजपा का लंबे समय से चला आ रहा कब्ज़ा ख़त्म हो गया। कांग्रेस के दीपक बैज ने भाजपा के बैदुराम कश्यप पर 38,000 से अधिक मतों के अंतर से जीत हासिल कर कांग्रेस का सूखा खत्म किया।
- 3 April 2024 7:59 AM GMT
चार चुनाव हारने के बाद 1080 में जीती कांग्रेस
कांग्रेस जैसी किसी राष्ट्रीय पार्टी के लिए जब वो सीट बनने के बाद दूसरा ही चुनाव जीत चुकी हो, चार बार लगातार एक ही लोकसभा सीट से चुनाव हारना झटके से कम नहीं था। लेकिन रणनीति बदलकर 1980 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने लक्ष्मण कर्मा को नए उम्मीदवार के रुप में मैदान में उतारा। उन्होंने जनता पार्टी के समारु राम परगनिया को हराकर जीत दर्ज की। इसके बाद कांग्रेस ने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। कांग्रेस ने इसके बाद अगले तीन लोकसभा चुनाव बड़े अंतर से जीता। 1984 से लेकर 1996 तक के तीन लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के मनकूराम सोढ़ी यहां से से प्रत्याशी बने और तीनों ही बार यहां से जीत दर्ज की। 1984 में सीपीआई नेता महेंद्र कर्मा, 1989 में बीजेपी के संपत भंडारी और 1991 में बीजेपी उम्मीदवार राजाराम तोडेम को मनकूराम सोढ़ी ने हराया।
- 3 April 2024 7:58 AM GMT
बस्तर लोकसभा क्षेत्र का चुनाव परिणाम 2019
बस्तर का चुनाव परिणाम 2019
क्रं. प्रत्याशी प्राप्त वोट वोट शेयर पार्टी
1 दीपक बैज 402,527 44.1% भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
2 बैदू राम कश्यप 363,545 39.8% भारतीय जनता पार्टी
3 रामू राम मौर्य 38,395 4.2% भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी
4 आयतु राम मंडावी 30,449 3.3% बहुजन समाज पार्टी
5 सुरेश कवासी 13,930 1.5% शिवसेना
6 पनीश प्रसाद नाग 12,421 1.4% अम्बेडकरवादी पार्टी ऑफ इंडिया
7 मंगलाराम कर्मा 9,912 1.1% अखिल भारत समग्र क्रांति पार्टी
- 3 April 2024 7:55 AM GMT
बस्तर लोकसभा क्षेत्र का चुनाव परिणाम 2014
बस्तर का चुनाव परिणाम 2014
क्रं. प्रत्याशी प्राप्त वोट वोट शेयर पार्टी
1 दिनेश कश्यप 385,829 50.1% भारतीय जनता पार्टी
2 दीपक कर्मा (बंटी) 261,470 34.0% भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
3 बिमला सोरी 33,883 4.4% भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी
4 सोनी सोरी 16,903 2.2% आम आदमी पार्टी
5 मनबोध बघेल 9,774 1.3% बहुजन समाज पार्टी
6 अर्जुन सिंह ठाकुर 8,966 1.2% अम्बेडकरवादी पार्टी ऑफ इंडिया
7 शंकर ठाकुर 8,136 1.1% समाजवादी पार्टी
8 देवचंद दुरुव 6,180 0.8% भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) रेड स्टार
- 3 April 2024 7:48 AM GMT
बस्तर लोकसभा क्षेत्र का चुनाव परिणाम 2009
बस्तर का चुनाव परिणाम 2009
क्र. प्रत्याशी प्राप्त वोट वोट शेयर पार्टी
१ बलिराम कश्यप 249,373 44.2% भारतीय जनता पार्टी
२ शंकर सोदी 149,111 26.4% भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
३ मनीष कुंजाम 78,420 13.9% भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी
४ आयतु राम मंडावी 35,098 6.2% बहुजन समाज पार्टी
५ सुभाष चंद्र मौर्य 31,376 5.6% इंडिपेंडेंट
६ मायाराम नेताम उर्फ (फुलसिंग सिलदार) 11,493 2.0% इंडिपेंडेंट
७ चंद्र शेखर ध्रुव (शेखर) 9,840 1.7% इंडिपेंडेंट
- 3 April 2024 7:43 AM GMT
बस्तर लोकसभा क्षेत्र का परिणाम 2004
लोकसभा चुनाव 2004 का परिणाम
क्र.
प्रत्याशी प्राप्त वोट वोट शेयर पार्टी 1
बलिराम कश्यप
212,893
47.3%
भारतीय जनता पार्टी
2
महेंद्र कर्मा
158,520
35.2%
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
3
रामनाथ सर्फे
30,608
6.8%
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी
4
दासी बाई
24,556
5.5%
इंडिपेंडेंट
5
चंद्र शेखर ध्रुव (शेखर)
7,465
1.7%
इंडिपेंडेंट
6
लक्ष्मीनाथ भारती
6,856
1.5%
बहुजन समाज पार्टी
7
शिवराम
5,017
1.1%
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी
(मार्क्सवादी-लेनिनवादी) (लिबरेशन)
8
शकुंतला खाया
4,510
1.0%
समाजवादी पार्टी
- 3 April 2024 7:32 AM GMT
बस्तर में जंग शुरू होने से पहले एक प्रत्याशी बाहर
रिजेक्ट हुआ नामांकन, मैदान में बचे 11 प्रत्याशी
रायपुर। बस्तर संसदीय सीट के लिए जमा किए गए नामांकनों की आज जांच की गई। इसमें एक पार्टी के प्रत्याशी का नामांकन रिजेक्ट कर दिया गया है। यानी अब वे चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। नामांकन पत्रों की जांच के बाद बस्तर सीट की रण में अब 11 प्रत्याशी बच गए हैं। इनमें 2 निर्दलीय भी शामिल हैं। नाम वापसी के लिए 30 मार्च तक का समय निर्धारित है। इस समय सीमा में यदि किसी ने नाम वापस नहीं लिया तो मुकाबला 11 प्रत्याशियों के बीच होगा। बस्तर लोकसभा सीट के लिए कुल 12 प्रत्याशियों ने 18 नामांकन पत्र दाखिल किए थे। इसमें बीजेपी के प्रत्याशी महेश कश्यप ने नामांकन का 4 सेट जमा किया था। वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी कवासी लखमा ने 3 और बसपा प्रत्याशी अयातु राम मंडावी ने 2 सेट में नामांकन दाखिल किया था। बाकी 9 प्रत्याशियों ने एक-एक सेट में नामांकन जमा किया था।
- 3 April 2024 7:30 AM GMT
बस्तर के रण में एमबीबीएस और बांस शिल्पकार से लेकर कृषि मजदूर तक:
इस प्रत्याशी के पास 16 लाख से ज्यादा कैश, लखमा पर ईओडब्ल्यू में एफआईआर
रायपुर। बस्तर संसदीय सीट पर पहले चरण चुनाव होना है। वहां निर्धारित समय सीमा में कुल 12 लोगों ने नामांकन दाखिल किया था। इनमें से एक प्रत्याशी का नामांकन निरस्त हो गया है। अब 11 प्रत्याशी रह गए हैं। 30 मार्च तक नाम वापस लिए जा सकते हैं। इस समय सीमा में यदि कोई नाम वापस नहीं लेता है तो बस्तर संसदीय सीट के लिए 11 लोगों के बीच मुकाबला होना तय है। इन 11 में सबसे कम 30 साल और 66 साल के एक प्रत्याशी सर्वाधिक उम्र वाले हैं। बस्तर के 11 प्रत्याशियों में सबसे ज्यादा संपत्ति कांग्रेस प्रत्याशी कवासी लखमा के पास है। बता दें कि लखमा 2023 में लगातार छठवीं बार कोंटा सीट से विधायक चुने गए हैं। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में वे कैबिनेट मंत्री थे। लखमा ने अपने शपथ पत्र में पत्नी के साथ ही एक बेटी को आश्रित बताया है। शिक्षा के लिहाज से एक प्रत्याशी ने खुद को एमबीबीएस बताया है। वहीं, एक एचएनएलयू से एलएलबी किए हुए हैं। बांश शिल्पकार के साथ मजदूर और कृषि मजदूर भी सांसद बनने की दौड़ में शामिल हैं।
- 3 April 2024 7:27 AM GMT
5 निर्दलियों को संसद में पहुंचाने वाली बस्तर देश की इकलौती लोकसभा सीट
सर्वाधिक मतों से जीत कर रिकार्ड भी बस्तर से, पढ़िये NPG की स्पेशल रिपोर्ट
बस्तर, रायपुर। छत्तीसगढ़ में पहले चरण का मतदान बस्तर लोकसभा सीट के लिए 19 अप्रैल को होगा। बस्तर का सियासी इतिहास खंगालने पर पता चलता है कि इस सीट पर कभी निर्दलीय, तो कभी कांग्रेस और कभी बीजेपी का दबदबा रहा। करीब दो दशक तक तो बस्तर पर एक ही परिवार का कब्जा रहा। निर्दलीय, भाजपा, कांग्रेस से लेकर क्षेत्रीय दलों के नेताओं को भी अपना भाग्यविधाता चुनने वाले बस्तर का राजनीतिक इतिहास क्या फिर से पलटेगा? या यहां के वोटर फिर से कोई नया इतिहास लिखने के लिए तैयार हैं? क्या भाजपा अपनी पुरानी बादशाहत को वापस बरकरार रखने के लिए कांग्रेस से ये सीट छीन लेगी या फिर कांग्रेस इसे अपना गढ़ बनाने की परिपाटी तैयार कर रहा है?