Chhattisgarh School News: इस स्कूल में 90 बच्चों पर 11 शिक्षक और 300 स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं, ये है स्कूल शिक्षा की विडंबना, इसलिए युक्तियुक्तकरण...

Chhattisgarh School News: छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा की हालत इतनी खराब क्यों है? इसलिए कि जब पढ़ाने वाले मास्टर साब नहीं रहेंगे, बच्चो पढ़ेंगे क्या। छत्तीसगढ़ में 7300 शिक्षक जोर-जुगाड़ या फिर पैसा खर्च करके उन स्कूलों में ठस गए हैं, जहां पहले से ही जरूरत से अधिक टीचर हैं। दूसरी तरफ 300 स्कूल शिक्षक विहीन हैं।

Update: 2024-08-03 06:17 GMT

Chhattisgarh School News: रायपुर। ये स्कूल शिक्षा विभाग के अंधत्व के शिकार अधिकारियों का कमाल है कि एक तरफ 7300 शिक्षक बिना काम के कुर्सी तोड़ रहे हैं और दूसरी तरफ ग्रामीण हलको के बच्चे अदद एक मास्टर साब के लिए तरस रहे हैं। आप यह जानकार हैरान रह जाएंगे कि दुर्ग शहर के एक मीडिल स्कूल में मात्र 90 बच्चे हैं। उनमें भी 50 से 60 परसेंट की ही उपस्थिति रहती है। मगर उनके लिए 11 शिक्षक पोस्टेड हैं। जबकि, 35 से 40 बच्चे पर तीन शिक्षक होने चाहिए।

ये स्थिति सिर्फ दुर्ग शहर की नहीं, छत्तीसगढ़ के सभी शहरों के स्कूलों की यही हालात है। गांवों के स्कूलों में शिक्षक नहीं। मुख्यमं़ंत्री विष्णुदेव साय ने विधानसभा के मानसून सत्र में सदन को बताया था कि 300 स्कूलों में एक भी टीचर नहीं हैं और 5500 स्कूल सिंगल टीचर के भरोसे चल रहे हैं। मुख्यमंत्री ने सदन को ये भी बताया था कि स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही युक्तियुक्तकरण करके शिक्षकों की कमी का समानधान कर लिया जाएगा।

छत्तीसगढ़ में स्कूलों और शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण के ड्राफ्ट पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज मुहर लगा दी। इसके बाद युक्तियुक्तकरण का रास्ता साफा हो गया है। बता दें, स्कूल शिक्षा विभाग ने मुख्यमंत्री को युक्तियुक्तकरण कैसे किया जाएगा, इसका ड्राफ्ट बनाकर भेजा था। मगर कुछ बिंदुओं पर स्थिति क्लियर न होने की वजह से अफसरों को फिर सीएम हाउस बुलाया गया। स्कूल शिक्ष़्ा विभाग के सिकरेट्री और डीपीआई ने प्रेजेंटेशन दिया। इसके बाद सीएम ने ड्राफ्ट को हरी झंडी दे दी। उन्होंने अफसरों को युक्तियुक्तकरण का प्रॉसेज शुरू करने का निर्देश दिया। सरकार के करीब सूत्रों ने बताया कि सोमवार याने 5 अगस्त से युद्ध स्तर पर इसका काम प्रारंभ हो जाएगा। गांवों के 300 स्कूल शिक्षक विहीन, 5500 स्कूल सिंगल टीचर के भरोसे और शहरों में 7300 शिक्षक अतिशेष...

पहले स्कूलों को मर्ज

सरकार पहले स्कूलों का युक्तियुक्तकरण करेगी। इसके लिए होम वर्क लगभग कंप्लीट कर लिया गया है। हफ्ते भर के भीतर आदेश जारी हो जाएगा कि किन जिलों के कितने स्कूल इसके जद में आएंगे। आज की मीटिंग में स्कल शिक्षा विभाग के अधिकारी युक्तियुक्तकरण करने वाले स्कूलों की संख्या लेकर पहुंचे थे, वह पहले से काफी ज्यादा है। पहले 3500 स्कूलों के युक्तियुक्तकरण करने की बातें आ रही थी। मगर अब पता चला है करीब 4 हजार स्कूल ऐसे हैं, जो एक ही कैंपस में और स्कूलों के साथ चल रहे हैं। और लगभग डेढ़ हजार स्कूल ऐसे हैं, जिनमें राष्ट्रीय मानके हिसाब से बच्चे 10 से कम हैं। इनमें 100 से अधिक ऐसे स्कूल हैं, जहां बच्चे 10 से कम हैं और शिक्षक राष्ट्रीय मानक से कहीं अधिक हैं। ऐसे स्कूलों को आसपास के स्कूलों में मर्ज किया जाएगा। 7300 शिक्षक अतिशेष हैं और स्कूलों के युक्तियुक्तकरण के बाद करीब छह हजार शिक्षक और अतिशेष हो जाएंगे। इस तरह करीब 13 हजार शिक्षक मिल जाएंगे। अफसरों का दावा है कि इतने शिक्षकों के बाद शिक्षक विहीन और सिंगल टीचर वाले स्कूलों में शिक्षकों की कमी की समस्या दूर हो जाएंगी। याने फिर शिक्षक भर्ती करने की फिलहाल जरूरत नहीं पड़ेंगी। छत्तीसगढ़ में होगा 3500 स्कूलों का युक्तियुक्तकरण! दो-दो, चार-चार बच्चों वाले इन स्कूलों पर फूंके जा रहे करोड़ों रुपए

कलेक्टरों को अधिकार

हालांकि, सरकारी मुलाजिम के ट्रांसफर करने का अधिकार सरकार को है मगर अतिशेष शिक्षकों की पोस्टिंग का पावर जिले के कलेक्टरों को दिया जा रहा है। सहायक शिक्षक, शिक्षक और व्याख्याता के ट्रांसफर जिले के कलेक्टर करेंगे। वे जमीनी हकीकत को देखते हुए निर्णय लेंगे। बताते हैं, सरकार ने कलेक्टरों को अधिकार दे दिया है। सहायक शिक्षकों का कंप्लीट ट्रांसफर कलेक्टर करेंगे। शिक्षक और व्याख्याता में कलेक्टरों द्वारा ट्रांसफर करने के बाद जो बच जाएंगे, उस पर ज्वाइंट डायरेक्टर और डीपीआई फैसला लेंगे। याने शिक्षकों का ज्वाइंट डायरेक्टर और व्याख्याता का डीपीआई ट्रांसफर करेंगे...मगर कलेक्टरों द्वारा ट्रांसफर करने के बाद बच गए तो।

गौरतलब है, छत्तीसगढ़ सरकार स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने स्कूलों और शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण करने का फैसला लिया है। युक्तियुक्तकरण का मतलब यह कि जिन स्कूलों में राष्ट्रीय मानक से कम बच्चे होंगे, उन्हें आसपास के स्कूलों में मर्ज किया जाएगा और जिन स्कूलों में शिक्षक अतिशेष होंगे, उनका ट्रांसफर कर शिक्षक विहीन या सिंगल टीचर वाले स्कूलों में पोस्ट किया जाएगा।

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