CG-Yuktiyuktkaran News: युक्तियुक्तकरण पर CM विष्णुदेव का दो टूक प्रशासनिक से ज्यादा राजनीतिक, एक तीर से लगाया कई निशाना, जानिये इसके मायने...

CG-Yuktiyuktkaran News: छत्तीसगढ़ के 23 शिक्षक संगठन साझा मंच बनाकर युक्तियुक्तकरण के विरोध में कल मंत्रालय का घेराव करने जा रहे हैं। उससे एक दिन पहले मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने युक्तियुक्तकरण को छात्रों के हित में जायज कदम ठहराते हुए बड़ा बयान दिया। सियासी जगत में इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं। जाहिर है, मुख्यमंत्री ने ऐसा बयान देकर एक तीर से कई निशाना लगाया है।

Update: 2025-05-27 15:09 GMT
CG-Yuktiyuktkaran News: युक्तियुक्तकरण पर CM विष्णुदेव का दो टूक प्रशासनिक से ज्यादा राजनीतिक, एक तीर से लगाया कई निशाना, जानिये इसके मायने...
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CG-Yuktiyuktkaran News: रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मीडिया ने आज प्वाइंटेड सवाल पूछा, शिक्षक संगठन युक्तियुक्तकरण को लेकर कल मंत्रालय का घेराव करने जा रहे हैं, इस संबंध में आपका क्या ओपिनियन हैं? मुख्यमंत्री के जवाब से लगा कि जैसे पहले से इस सवाल को लेकर तैयार थे। उन्होंने बड़ी साफगोई से टू द प्वाइंट ऐसा जवाब दिया कि उसके बाद फिर पूरक प्रश्न की कोई गुंजाइश नहीं रही।

मुख्यमंत्री ने एक ही सांस में अपनी बातों को इस अंदाज में सामने रख दिया कि सरकार अब इसको लेकर किसी आगे-पीछे की स्थिति में नहीं है। याने सरकार का स्टैंड क्लियर है। सीएम ने दो टूक कहा कि युक्तियुक्तरण बच्चों के हित में है। छत्तीसगढ़ के स्कूलों में असंतुलन की स्थिति है। 300 स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं है। पांच हजार से अधिक स्कूल सिंगल टीचर वाले हैं, तो बड़ी संख्या में ऐसे स्कूल भी है, जहां शिक्षक तो हैं, मगर बच्चे एक भी नहीं। उन्होंने कहा कि इस असंतुलन को दूर करना आवश्यक था।

सीएम का कई निशाना

मंत्रालय के घेराव से एक दिन पहले मुख्यमंत्री ने युक्तियुक्तकरण को छत्तीसगढ़ के बच्चों के हितों में जरूरी बताकर शिक्षक संगठनों को मैसेज दे दिया कि सरकार इसको लेकर अब दृढ़संकल्पित है, इसमें अब कोई किन्तु-परन्तु की संभावना नहीं।

मुख्यमंत्री ने इसके जरिये राजनीतिक संदेश यह दिया कि इसमें कोई सियासी दखलंदाजी न की जाए। ज्ञातव्य है, पिछले साल जब युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया प्रारंभ हुई थी तो बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष से लेकर विधायक और पार्टी पदाधिकारी सरकार को पत्र लिख इसे न करने का आग्रह करने लगे थे। मुख्यमंत्री को बताया गया कि नगरीय निकाय चुनाव सामने हैं, इससे पार्टी को काफी नुकसान हो जाएगा। यही वजह है कि मध्यप्रदेश सरकार ने युक्तियुक्तकरण कर शिक्षकों की पोस्टिंग कर दी, मगर छत्तीसगढ़ में नहीं हो पाया। शायद इसीलिए मुख्यमंत्री ने अपना स्टैंड एकदम क्लियर कर दिया है कि युक्तियुक्तकरण में पार्टी का कोई नेता विरोध न करें।

राजनीतिक फायदे

जानकारां का यह भी कहना है कि युक्तियुक्तकरण से शिक्षक संगठन जरूर नाराज हैं मगर हजारों शिक्षक विहीन और सिंगल टीचर वाले स्कूलों में जब शिक्षकों की पोस्टिंग होती तो मुख्यमंत्री के साथ ही पार्टी को पॉलिटिकल माइलेज मिलेंगे। इन स्कूलों के बच्चे बरसों से शिक्षकों की प्रतीक्षा कर रहे हैं। जब भी चुनाव आता है तो नेता शिक्षक पोस्ट कराने का वादा करते हैं मगर चुनाव होते ही फिर भूल जाते हैं।

शिक्षकों के आंदोलन की परवाह नहीं

युक्तियुक्तकरण के विरोध में शिक्षक संगठनों के नेता एकजुट होकर साझा मंच बना लिया है। वे इस समय तीखे तेवर दिखला रहे हैं। कल मंत्रालय में शिक्षकों का बड़ा प्रदर्शन है। इसके लिए वे युक्तियुक्तकरण की काउंसलिंग का भी बहिष्कार का आव्हान किए हैं। मगर सरकार झूकने की स्थिति में दिख नहीं रही तो इसके अपने कारण है। दरअसल, प्रदेश में अभी कोई चुनाव नहीं है। इलेक्शन होने पर सरकारों पर प्रेशर रहता है। जैसे नगरीय निकाय चुनाव के पहले युक्तियुक्तकरण को टाल दिया गया था। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव अब नवंबर 2028 में होगा। याने साढ़े तीन साल बाद। यह काफी लंबा वक्त है। हालांकि, युक्तियुक्तकरण का आखिरी फैसला इसी पर निर्भर करेगा कि शिक्षकों का आंदोलन कितना जोर पकड़ता है। शिक्षक अगर प्रेशर बनाने में कामयाब हो गए तो हो सकता है कि उनकी कुछ मांगे पूरी हो जाए। फिलहाल, जो सीन दिखाई पड़ रहा है शिक्षक संगठन झूकने के मूड में लग नहीं रहे। उधर, सरकार ने दो टूक अपना मंसूबा व्यक्त कर दिया है।

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