Bilaspur High Court: पुलिस ने जिसे बताया नक्सली, हाई कोर्ट ने किया बरी, जानिए वजह

Bilaspur High Court: टिफिन बम रखने के आरोप में पुलिस ने जिन दो ग्रामीणों को नक्सली बताकर गिरफ्तार किया था, हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच ने दोषमुक्त कर दिया है। राज्य शासन की अपील को खारिज करते हुए जस्टिस संयज एस अग्रवाल व जस्टिस राधाकिशन अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने स्पेशल कोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा है जिसमें दोनों ग्रामीणों को आरोप से दोषमुक्त कर दिया था। पढ़िए हाई कोर्ट ने पुलिस अफसरों के बयान पर क्या कहा है।

Update: 2025-08-10 07:12 GMT

High Court News

Bilaspur High Court: बिलासपुर। मामला नौ साल पहले का है। पुलिस ने दो ग्रामीणों को टिफिन बम रखने के आरोप में नक्सल गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए एफआईआर किया और जेल में डाल दिया। मामले की सुनवाई के बाद स्पेशल कोर्ट ने पुलिस के बयान में विरोधाभास को देखते हुए दोनों ग्रामीणों को आरोप से मुक्त करते हुए जेल से रिहाई का आदेश दिया था। आदेश में स्पेशल कोर्ट ने पुलिस के एफआईआर और अफसरों के बयान को लेकर कड़ी टिप्पणी भी की थी। निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए राज्य सरकार ने हाई कोर्ट में अपील पेश की थी। मामले की सुनवाई जस्टिस संजय एस अग्रवाल व जस्टिस राधाकिशन अग्रवाल की डिवीजन बेंच में हुई। सुनवाई के बाद डिवीजन बेंच ने स्पेशल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए राज्य सरकार की अपील को खारिज कर दिया है।

डिवीजन बेंच ने अपने फैसले में लिखा है कि पुलिस ने दोनों ग्रामीणों को संदेह के आधार पर गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया। अदालत में अभियोजन पक्ष का मामला भी संदेह पर ही आधारित रहा। संदेह के आधार पर ही मामला बना दिया और अदालत में इसी नजरिए से जिरह की जा रही है। डिवीजन बेंच ने साफ कहा कि संदेह कभी सबूत का आधार नहीं बन सकता और ना ही वह सबूत का स्थान ले सकता है।

10 सितंबर 2015 को सुबह लगभग 4:30 बजे फरार आरोपियों में तलाश में दरभा पुलिस थाने व एसटीएफ की टीम निकली थी। टीम का नेतृत्व थाना प्रभारी कर रहे थे। टीम कोलेंगे,चंदामेटा गांव की ओर निकली थी। तीन दिन गश्त के लौटते वक्त टीम को भद्रिमाहू गांव के करीब दो व्यक्ति संदिग्ध मिले। झाड़ियों के पीछे छिपे हुए थे। पुलिस के अनुसार पूछताछ के दौरान दोनों ने प्रतिबंधित माओवादी संगठन से ताल्लुक रखने की बात कही। पुलिस की एफआईआर के अनुसार मुचाकी देवा से जानकारी मिली और इसी आधार पर एक टिफिन बम, बड़ी संख्या में बैटरी और तार बरामद किया गया। विज्जा पोडियामी के घर के पीछे टिफिन बम बरामद किया। विस्फोटक सामग्री की जब्ती के साथ ही माओवादी संगठन से जुड़े दोनों व्यक्तियों को हिरासत में ले लिया। दोनों माओवादी के खिलाफ पुलिस ने राज्य सुरक्षा कानून के तहत एफआईआर दर्ज कर कोर्ट में चालान पेश किया। कोर्ट के आदेश पर दोनों को जेल भेज दिया।

स्पेशल कोर्ट ने किया दोषमुक्त

मामले की सुनवाई जगदलपुर के स्पेशल कोर्ट में शुरू हुई। गवाहों के बयान और पुलिस अफसरों के बयान में विरोधाभास को देखते हुए स्पेशल कोर्ट ने दोनों माओवादियों को दोषमुक्त करते हुए रिहाई का आदेश जारी कर दिया। स्पेशल कोर्ट ने जांच अधिकारी, जांच दल में शामिल हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल के बयानों में भारी विरोधाभास पाया। एक ही मामले में जांच दल के सदस्यों के अलग- अलग बयान और बयानों में विरोधाभास को देखते हुए कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी के साथ दोनों माओवादियों की रिहाई का आदेश दिया।

स्पेशल कोर्ट के फैसले को राज्य सरकार ने हाई कोर्ट में दी थी चुनौती

स्पेशल कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए राज्य सरकार ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी थी। मामले की सुनवाई करते हुए डिवीजन बेंच ने कहा कि अभियाेजन पक्ष ने इस मामले को जैसा है,वैसा ही लिया है। अभियोजना पक्ष ने पूरे मामले को संदेह के नजरिए से देखा है। संदेह के आधार पर किसी पर दोषारोपण करना और अपराधी बताना उचित नहीं है। डिवीजन बेंच ने अपने फैसले में कहा, संदेह कितना भी प्रबल और मजबत क्यों ना हो यह सबूत का स्थान नहीं ले सकता। बेंच ने कहा कि अभिलेखों में ऐसा कोई प्रत्यक्ष साक्ष्य नहीं है जिससे यह स्थापित हो सके कि अभियुक्तों के पास विस्फोटक पदार्थ था। अभियोजन पक्ष यह साबित करने में विफल रहा कि जब्त किया गया पदार्थ एक विस्फोटक पदार्थ था।

जांच अधिकारियों के बयान में विरोधाभास

जांच अधिकारी ने कोर्ट को बताया, 14 सितंबर 2015 को गश्त से लौटते समय, उन्होंने अन्य पुलिस कर्मियों के साथ भद्रीमहू गांव के पास झाड़ियों के पीछे दो व्यक्तियों को देखा और उसके बाद उन्होंने आरोपियों को पकड़ लिया। जांच अधिकारी फिर कहते हैं कि भद्रिमाहू गांव में फुटपाथ के किनारे बैठकर सारी कागजी कार्रवाई की थी।

हेड कांस्टेबल का बयान एकदम उलट

हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल ने अपने बयान में जांच अधिकारी के झूठ की पोल खोल दी। दोनों ने कहा कि जब्ती सहित सभी कानूनी कार्रवाई पुलिस थाने में की गई है। थाने में ही सभी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किया है।

टिफिन बम को लेकर भी अलग-अलग बयान

जांच अधिकारी ने बताया टिफिन बम उस स्थान पर लगाया गया था जहां से आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। कांस्टेबल ने कहा टिफिन बम उस स्थान से लगभग एक किमी आगे बैटरी तार सहित सड़क से तकरीनब 15-20 मीटर आगे एक गड्ढे से बरामद किया गया था।

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