Bilaspur High Court: इस जिले के एसडीएम के आदेश पर उठा सवाल, हाई कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार व एसडीएम से मांगा जवाब

Bilaspur High Court: RTI से मिली जानकारी के आधार पर याचिकाकर्ता ने तत्कालीन सरपंच द्वारा की गई गड़बड़ी व भ्रष्टाचार के संबंध में दुर्ग जिले के भिलाई तीन एसडीएम के समक्ष दस्तावेज पेश करते हुए कार्रवाई की मांग की। जांच पड़ताल और जनपद पंचायत सीईओ जब तक रिपोर्ट पेश करते सरपंच का कार्यकाल खत्म हो गया। हालांकि जनपद पंचायत सीईओ ने शिकायत को सही पाते हुए तत्कालीन सरपंच के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की थी। एसडीएम ने कार्यकाल समाप्त होने का कारण बताते हुए शिकायत व जांच रिपोर्ट को नस्तीबद्ध करने का आदेश जारी कर दिया।

Update: 2025-04-12 07:42 GMT
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Bilaspur High Court-बिलासपुर। दुर्ग जिले के भिलाई तीन एसडीएम के आदेश को चुनौती देते हुए ग्राम पंचायत पंचदेवरी के निवासी अरुण कुमार लहरे ने अपने अधिवक्ता रोहित शर्मा के जरिए बिलासपुर हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। दायर याचिका में कहा है कि एसडीएम ने तत्कालीन सरपंच के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के बजाय प्रकरण और जांच रिपोर्ट को ही नस्तीबद्ध करने का आदेश दे दिया है। जनपद पंचायत सीईओ ने अपनी रिपोर्ट में भ्रष्टाचार व गड़बड़ियों की पुष्टि करते हुए कड़ी कार्रवाई की अनुशंसा भी की थी। मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस एके प्रसाद ने छत्तीसगढ़ सरकार और एसडीएम भिलाई तीन को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

ग्राम पंचायत पंचदेवरी निवासी अरुण कुमार लहरे ने ग्राम पंचायत के तत्कालीन सरपंच संतकुमारी सोनके के विरुद्ध कार्रवाई को लेकर याचिका दायर की है। मामले की सुनवाई जस्टिस एके प्रसाद के सिंगल बेंच में हुई। याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता रोहित शर्मा ने कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत ग्राम पंचायत पंचदेवरी में हुए विभिन्न कार्य एवं नियुक्ति को लेकर जानकारी एकत्रित की गई थी।

याचिकाकर्ता रने तत्कालीन सरपंच के विरुद्ध अनुविभागीय अधिकारी भिलाई 03, जिला दुर्ग के समक्ष आवेदन पेश कर अनियमितता बरतने और भ्रष्टाचार के आरोप में पंचायती राज अधिनियम 1993 की धारा धारा-40 के तहत कार्रवाई की मांग की थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायात धमधा जिला दुर्ग को 07 कार्य दिवस के भीतर सम्बंधित प्रकरण में लगाये गए आरोपों पर जांच करने व

रिपेार्ट पेश करने का निर्देश दिया था। सीईओ जनपद पंचायत ने अपनी रिपोर्ट में शिकायतों को सही पाते हुए तत्कालीन सरपंच के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की थी।

0 जब सुनवाई प्रारंभ हुई, सरपंच का कार्यकाल हो गया था समाप्त

सीईओ जनपद पंचायत द्वारा पेश रिपोर्ट के आधार पर एसडीएम ने सरपंच को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया। जनपद पंचायत सीईओ की रिपोर्ट के बाद जब तक एसडीएम ने सरपंच को नोटिस जारी किया तब तक उनका कार्यकाल समाप्त हो चुका था। लिहाजा सरपंच ने अपने जवाब में इसी बात का उल्लेख किया। तत्कालीन सरपंच ने अपने जवाब में एसडीएम से मांग की कि चूंकि उनका कार्यकाल समाप्त हो गया है इसलिए पंचायती राज अधिनियम की धारा 40 की कार्रवाई को समाप्त कर दिया जाए। पूर्व सरपंच के जवाब के बाद एसडीएम ने जांच रिपोर्ट और आवेदन को नस्तीबद्ध करने का आदेश जारी कर दिया।

0 पूर्व सरपंच के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता रोहित शर्मा ने कोर्ट के समक्ष पैरवी करते हुए कहा कि एसडीएम का आदेश विधि सम्मत नहीं है। पूर्व सरपंच ने अपने कार्यकाल के दौरान जमकर फर्जीवाड़ा किया है, सगे संबंधियों को नौकरी पर रखा है। दस्तावेजी प्रमाण के अलावा जनपद पंचायत सीईओ की रिपोर्ट के बाद भी एसडीएम ने कार्रवाई नहीं की। अधिवक्ता से कोर्ट से मांग की कि एसडीएम के आदेश को निरस्त कर गड़बड़ी करने वाली सरपंच के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। अधिवक्ता के तर्कों से सहमत होते हुए जस्टिस प्रसाद ने छत्तीसगढ़ सरकार एवं अन्य को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। इसके लिए कोर्ट ने चार सप्ताह की तिथि तय कर दी है। कोर्ट ने राज्य शासन व प्रमुख पक्षकारों का जवाब आ जाने के बाद रिज्वाइंडर पेश करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है।

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