Begin typing your search above and press return to search.

CG Mahila Vidhayak: ये हैं छत्‍तीसगढ़ की महिला विधायक: जानिए...कौन किस सीट से है विधायक

CG Mahila Vidhayak: 90 सदस्‍यीय छत्‍तीसगढ़ की मौजूदा विधानसभा में महिला विधायकों की संख्‍या 16 है। इनमें तीन उप चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंची हैं। बाकी सभी महिला विधायक 2018 में हुए चुनाव के दौरान सदन में पहुंची थीं। 2018 में चुनाव जीतने वाली 13 महिला विधायकों को केवल दो को छोड़कर बाकी सभी पहली बार चुनाव जीती हैं।

CG Mahila Vidhayak: ये हैं छत्‍तीसगढ़ की महिला विधायक: जानिए...कौन किस सीट से है विधायक
X
By Sanjeet Kumar

CG Mahila Vidhayak : रायपुर। देश की राजनीति में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने की तैयारी शुरू हो गई है। केंद्र सरकार इसके लिए महिला आरक्षण विधेयक लाने जा रही है। अभी देश में केवल पंचायत और नगरीय निकायों के चुनावों में महिलाओं को आरक्षण मिल रहा है। विधानसभा और लोकसभा चुनाव में महिलाओं के लिए सीट आरक्षित नहीं किए जाते। नया विधेयक लागू होने के साथ ही महिलाओं को राज्‍य के साथ ही आम चुनाव में भी आरक्षण का लाभ मिलने लगेगा।

इधर, 90 सदस्‍यीय छत्‍तीसगढ़ की मौजूदा विधानसभा में महिला विधायकों की संख्‍या 16 है। इनमें तीन उप चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंची हैं। बाकी सभी महिला विधायक 2018 में हुए चुनाव के दौरान सदन में पहुंची थीं। 2018 में चुनाव जीतने वाली 13 महिला विधायकों को केवल दो को छोड़कर बाकी सभी पहली बार चुनाव जीती हैं।


CG Mahila Vidhayak : ये हैं छत्‍तीसगढ़ की महिला विधायक

अंबिका सिंहदेव: बैकुंठपुर से पहली बार विधायक बनी अंबिका सिंहदेव कोरिया कुमार के नाम से विख्यात अपने चाचा रामचंद्र देव की विरासत संभाल रही है। अंबिका सिंहदेव के बारे में विस्‍तार से जानने के लिए यहां क्‍लीक करें

उत्‍तरी जांगड़े: सारंगढ़ विधानसभा सीट से कांग्रेस की टिकट पर चुन कर आई, जांगड़े पहली बार की विधायक हैं। इन्‍होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत पंचायत से की थी। उत्‍तरी जांगड़े के विषय में विस्‍तार से जानने के लिए यहां क्‍लीक करें

रेणु जोगी: विधानसभा में कोटा सीट का प्रतिनिधित्‍व करने वाली रेणु जोगी चौथी बार की विधायक हैं। राज्‍य के पहले सीएम स्‍व. अजीत जोगी की पत्‍नी हैं और राज्‍य की पहली महिला विधायक हैं जो एक सीट से लगातार जीत रही हैं। डॉ. रेणु जोगी के विषय में और जानने के लिए यहां क्‍लीक करें

डॉ. रश्मि सिंह: तखतपुर सीट से पहली बार विधायक चुनी गई डॉ. रश्मि सिंह को राजनीति विरासत में मिली हैं। इनके पिता रोहिणी कुमार वाजपेयी अविभाजित मध्‍य प्रदेश में तखतपुर सीट का प्रतिनिधित्‍व कर चुके हैं। डॉ. रश्मि सिंह के ससुर बलराम सिंह भी इसी सीट से विधायक रह चुके हैं। डॉ. रश्मि सिंह के संबंध में विस्‍तार से जानने के लिए यहां क्‍लीक करें

इंदू बंजारे: बसपा की टिकट पर पामगढ़ सीट से जीतकर विधानसभा पहुंची इंदू बंजारे पहली बार की विधायक हैं। वे जिला पंचायत सदस्य भी रहीं हैं। पामगढ़ विधानसभा अनुसूचित वर्ग के लिए रिजर्व है। इंदू बंजारे के बारे में विस्‍तार से जानने के लिए यहां क्‍लीक करें

शकुंतला साहू: कांग्रेस की टिकट पर शकुंतला साहू ने कसडोल सीट से भाजपा नेता और विधानसभा के पूर्व अध्‍यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल को हरा कर विधानसभा पहुंची हैं। साहू भी पहली बार की विधायक हैं। मौजूदा सरकार में वे संसदीय सचिव हैं। शकुंतला साहू के विषय में विस्‍तार से जानने के लिए यहां क्‍ली करें

अनिता शर्मा: धरसींवा विधानसभा सीट से भाजपा के दिग्‍गज नेता देवजी भाई पटेल को हरा कर विधानसभा पहुंची अनिता शर्मा भी पहली बार की विधायक हैं। 2013 में भी इन्‍होंने धरसींवा सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन हर गई थीं। अनिता के पति योगेंद्र शर्मा की झीरमघाटी में हुए नक्‍सली हमलें में मौत हो गई थी। अनिता शर्मा के राजनीतिक सफर के बारे में विस्‍तार से जानने के लिए यहां क्‍लीक करें

डॉ. लक्ष्‍मी ध्रुव: अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सिहावा सीट से कांग्रेस की टिकट पर 2018 में पहली बार जीती डॉ. लक्ष्‍मी ध्रुव ने राजनीति शास्त्र में पीएचडी किया है। 29 वर्ष तक प्राध्‍यापक रहीं डॉ. लक्ष्‍मी ध्रुव के विषय में और जानने के लिए यहां क्‍लीक करें

रंजना साहू: धमतरी सीट से चुनाव जीतकर आईं रंजना साहू भाजपा की अकेली महिला विधायक हैं। रंजना साहू भी पहली बार की विधायक हैं। 2018 के चुनाव में इन्‍होंने कांग्रेस के दिग्‍गज नेता गुरुमुख सिंह होरा को हराया था। रंजना साहू के विषय में विस्‍तार से जानने के लिए यहां क्‍लीक करें

संगीता सिन्‍हा: संजारी बालोद सीट से कांग्रेस की टिकट पर 2018 में चुनाव जीकर विधानसभा पहुंची संगीता सिन्‍हा पहली बार की विधायक हैं। संजारी बलोद अनारक्षित सीट है। संगीता सिन्‍हा के संबंध में विस्‍तार से जानने के लिए यहां क्‍लीक करें

अनिला भेंडि़या: अनुसूचित जनजाति आरक्षित सीट डौंडी लोहरा से दूसरी बार चुनकर आईं अनिला भेंडि़या राज्‍य की महिला एवं बाल विकास मंत्री हैं। अनिला भेंडि़या ने 2013 में पहली बार चुनाव जीता था। उनके विषय में और जानने के लिए यहां क्‍लीक करें

ममता चंद्राकर: कवर्धा जिले की पंडरिया विधानसभा से 2018 में पहली बार विधायक निर्वाचित हुई हैं। ममता चंद्राकर ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत पंचायत की राजनीति से की थी। ममता चंद्राकर के संबंध में विस्‍तर जानने के लिए यहां क्‍लीक करें

यशोदा वर्मा: खैरागढ़ विधानसभा सीट के लिए 2022 में कांग्रेस की टिकट पर जीतकर आई यशोदा वर्मा पहली बार की विधायक हैं। सरपंच से अपना राजनीतिक जीवन सफर शुरू करने वाली यशोदा वर्मा जनपद व जिला पंचायत सदस्य रह चुकी हैं। यशोदा वर्मा के संबंध में ज्‍यादा जानने के लिए यहां क्‍लीक करें

छन्‍नी साहू: छन्नी साहू राजनांदगांव जिले की खुज्जी विधानसभा सीट से 2018 में पहली बार विधायक निर्वाचित हुई हैं। कांग्रेस की टिकट पर चुनकर आई छन्‍नी साहू हायर सेकेंडरी तक पढ़ी हैं। उन्‍होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत में जिला पंचायत सदस्य व जिला पंचायत में महिला, बाल विकास विभाग की सभापति रही थी। छन्‍नी साहू के विषय में विस्‍तार से जानने के लिए यहां क्‍लीक करें

सावित्री मंडावी: छत्‍तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व उपाध्‍यक्ष स्‍व. मनोज मंडावी की धर्म पत्‍नी भानुप्रातापुर सीट से पहली बार की विधायक हैं। मनोज मंडावी के निधन की वजह से हुए उपचुनाव में जीतकर सावित्री विधानसभा पहुंची हैं।

देवती कर्मा: बस्‍तर टाईगर के नाम से मशहूर स्‍व. महेंद्र कर्मा की पत्‍नी देवती कर्मा 2013 में पहली बार दंतेवाड़ा सीट से जीतकर विधानसभा पहुंची थी, लेकिन 2018 में वे इसी सीट से भाजपा के भीमा मंडावी से चुनाव हर गईं। 2009 में भीमा मंडावी के निधन के बाद हुए उप चुनाव में वे जीत गईं। देवती कर्मा के संबंध में विस्‍तार से जानने के लिए यहां क्‍लीक करें

Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

Read MoreRead Less

Next Story