INS Mahendragiri Launched: 1 सितंबर को लॉन्च हुआ नया युद्धपोत 'महेंद्रगिरी', भारतीय नौसेना की क्षमता में होगा इजाफा
INS Mahendragiri Launched: भारतीय नौसेना के बेड़े में नया युद्धपोत 'INS महेंद्रगिरी' भी शामिल हो गया है। शुक्रवार को मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और उनकी पत्नी सुदेश धनखड़ ने इसे लॉन्च किया।
INS Mahendragiri Launched: भारतीय नौसेना के बेड़े में नया युद्धपोत 'INS महेंद्रगिरी' भी शामिल हो गया है। शुक्रवार को मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और उनकी पत्नी सुदेश धनखड़ ने इसे लॉन्च किया। यह भारत में निर्मित प्रोजेक्ट 17A के तहत नीलगिरि श्रेणी का सातवां और आखिरी युद्धपोत है। इस युद्धपोत का नाम ओडिशा के एक पर्वत शिखर के नाम पर रखा गया है। आइए इस युद्धपोत की विशेषताओं के बारे में विस्तारपूर्वक जानते हैं।
क्या है INS महेंद्रगिरी की खासियत?
INS महेंद्रगिरी एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर्स और अत्याधुनिक ऑटो मेलारा नौसैनिक गन से लैस है। ये दुश्मन की पनडुब्बी, जहाज या हेलीकॉप्टर पर सटीक हमला करने में सक्षम है। इस युद्धपोत से बराक-8 मिसाइल भी लॉन्च की जा सकती है। इसमें बेहतर स्टेल्थ फीचर्स, आधुनिक हथियार, सेंसर, प्लेटफॉर्म प्रबंधन सिस्टम, रडार सिस्टम और एंटी-सबमरीन वेपन सिस्टम हैं। इसकी लंबाई 149 मीटर है और ये लगभग 6,670 टन वजनी है। ये 28 समुद्री मील प्रति घंटे की रफ्तार से तैर सकता है।
इस युद्धपोत में 76 मिमी की बंदूक, दो 30 मिमी AK-630 M एंटी-एयरक्राफ्ट आर्टिलरी सिस्टम, 2 टारपीडो ट्यूब, 8 ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल लॉन्चर और सतह से हवा में मार करने वाली 32 बराक-8 मिसाइलें लगी हैं। इसमें मेन रडार MF-STAR लगाया गया है, ताकी दुश्मनी आसानी से इसकी लोकेशन का पता न लगा सके। साथ ही इस युद्धपोत को तेजी से चलाने के लिए इसमें 2 जनरल इलेक्ट्रिक (GE) LM2500 इंजन भी लगाए गए हैं।
INS महेंद्रगिरी पर 257 नौसैनिकों की झमता
इस युद्धपोत पर 2 हेलीकॉप्टर आसानी से लैंड कर सकते हैं। उनके लिए युद्धपोत में हैंगर भी मौजूद हैं। ये फ्रिगेट रडार, सोनार और कॉम्बेट मैनेजमेंट सिस्टम से लैस है। इसमें 37 अधिकारियों सहित अधिकतम 257 लोग रह सकते हैं।
क्यों रखा गया 'महेंद्रगिरी' नाम?
युद्धपोत का नाम 'महेंद्रगिरी' ओडिशा के पूर्वी घाट पर स्थित एक पर्वत शिखर के नाम पर रखा गया है। इससे पहले जिन 6 युद्धपोतों को लॉन्च किया गया, उनके नाम भी पर्वत श्रृंखलाओं के आधार पर INS नीलगिरी, INS उदयगिरी, INS हिमगिरी, INS तारागिरी, INS दूनागिरी और INS विंध्यागिरी रखे गए थे। इन सभी युद्धपोतों में 75 प्रतिशत उपकरण स्वदेशी हैं। भारतीय नौसेना की सभी नीलगिरी श्रेणी के युद्धपोतों को 2025-2027 के बीच संचालित करने की योजना है।
नौसेना ने INS महेंद्रगिरी के लॉन्च पर क्या कहा?
भारतीय नौसेना के अपने बयान में कहा, "INS महेंद्रगिरी का लॉन्च हमारे देश द्वारा आत्मनिर्भर नौसैनिक बल के निर्माण में की गई अविश्वसनीय प्रगति का एक उपयुक्त प्रमाण है। यह तकनीकी रूप से उन्नत युद्धपोत है, जो अपनी समृद्ध नौसैनिक विरासत को अपनाने के भारत के दृढ़ संकल्प का प्रतीक है।" इससे पहले 17 अगस्त को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कोलकाता में प्रोजेक्ट 17A के तहत बनाए गए छठे युद्धपोत INS विंध्यागिरी को लॉन्च किया था।
भारतीय नौसेना द्वारा 2019 में प्रोजेक्ट 17 अल्फा फ्रिगेट्स (P-17A) को लॉन्च किया गया था। इसके तहत मझगांव डॉक लिमिटेड (MDL) में 4 और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) में 3 युद्धपोत बनाए गए हैं। इस प्रोजेक्ट के तहत विभिन्न चरणों में नीलगिरी श्रेणी के सभी 7 युद्धपोत लॉन्च किए जा चुके हैं, जो बेहतर स्टील्थ फीचर्स, उन्नत हथियार और सेंसर और प्लेटफार्म प्रबंधन प्रणाली से लैस हैं। इनमें से कई पनडुब्बी को मार गिरा सकते हैं।