Bharat Urea Export China: आत्मनिर्भर भारत में चीन निर्मित खाद से बवाल- बताया किसानों से धोखा

Bharat Urea Export China: आज सुबह से सोशल मीडिया एक खास तरह की पीली बोरियों से रंगा पड़ा है. ध्यान से देखने पर पता लगता है ये बोरियां IFFCO कंपनी की खाद वाली बोरियां हैं...

Update: 2023-11-17 11:00 GMT

Bharat Urea Viral Bag 

Bharat Urea Export China: आज सुबह से सोशल मीडिया एक खास तरह की पीली बोरियों से रंगा पड़ा है. ध्यान से देखने पर पता लगता है ये बोरियां IFFCO कंपनी की खाद वाली बोरियां हैं, जिनमें आत्मनिर्भर भारत के साथ प्रधानमंत्री की फोटो और निर्माता (china) चीन लिखा है. इन्हें लेकर नया बवाल छिड़ गया है और किसानों के साथ धोखा बताया जा रहा है. जानिए इसपर किसने क्या कहा लिखा है? 

पूर्व IAS सूर्य प्रताप सिंह ने एक्स पर ट्वीट कर लिखा है कि 'चीन में बने मोबाइल की सच्चाई क्या उजागर कर दी, मोदी जी ने उन्हें “मूर्खों का सरदार” तक कह डाला. जबकि सब जानते हैं कि Oppo, Vivo, Realme, Oneplus जैसी चीनी फ़ोन देश के आधिकांश लोगों के हाथों में मिलेंगे.अब ये देखिए, चीन का बना खाद IFFO द्वारा किसानों को बेचा जा रहा है और उसपर लिखा है -“आत्मनिर्भर भारत”. 50 किलो के बोरे में 45 किलो खाद और दाम 50 किलो का, किसान के साथ धोखे-पर-धोखा, इस सरकार की आदत बन गई है। बोरे पर क्या लिखा है, ध्यान से पढ़िए.'

वरिष्ठ खोजी पत्रकार दीपक शर्मा लिखते हैं, 'किसानों के लिये खाद चीन से आ रही है और बोरे पर फोटो मोदीजी की लगी है। पर असली खबर Iffco के इस बोरे के पीछे छुपी है। इफको के MD यूएस अवस्थी अगर मामूली आदमी होते तो जेल में होते. करोड़ों रूपये के आयात घपले में CBI और ED ने अवस्थी पर मुकदमे दर्ज किये हैं. और अवस्थी जी ठाठ से मंत्रीजी के साथ मंच पर है. अवस्थी जी की ये तस्वीर CBI और ED के मुकदमे दर्ज होने के बाद की है.'

वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश के रे ने ट्वीट कर लिखा कि, 'संयुक्त राष्ट्र के COMTRADE के आँकड़े के अनुसार पिछले साल भारत ने चीन से 2.34 अरब डॉलर के खाद का आयात किया था. भारत लगभग 30 प्रतिशत यूरिया आयात करता है और पिछले साल चीन हमारा दूसरा सबसे बड़ा यूरिया निर्यातक था. चीन दुनिया का सबसे बड़ा यूरिया उत्पादक है और दुनिया की लगभग एक-तिहाई आवश्यकता चीन की आपूर्ति से पूरी होती है. 

इस साल चीन ने खाद समेत अनेक चीज़ों के निर्यात पर कुछ रोक लगायी है, जिसमें तेल, गैस और रेयर अर्थ मैटेरियल्स भी हैं. यह भारत के लिए चिंताजनक बात है. आत्मनिर्भरता एक खोखला नारा है. सहकार, सहयोग और सहभागिता से जीवन चलता है.'

शिवानी वर्मा नाम की यूजर लिखती हैं, 'अब खाद भी चीन से आने लगी। और जो नारे लग रहे थे, मशीनी शेर बना कर, मेक इन इंडिया, वोकल फॉर इंडिया, वह अब कहां गए। देश में IFFCO के नाम से खाद कारखानों की एक चेन खुली थी। उसका क्या हुआ?'

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