शिक्षक फेडरेशन ने जतायी कोरोना ड्यूटी कर रहे शिक्षकों पर खतरे की आशंका… बिना सोशल डिस्टेंसिंग प्रवासी मजदूरों संग बस में बैठाकर ड्यूटी कराने का आरोप….शिक्षकों ने ड्यूटी बहिष्कार करने की दी चेतावनी

Update: 2020-05-13 14:55 GMT

“अधिकारी पर दवाब डालने का आरोप….बिना संसाधन और बीमा के शासन करवा रही ड्यूटी”

बिलासपुर 13 मई 2020। कोरोना ड्यूटी में लगे शिक्षकों ने खुद पर संक्रमण का खतरा बताया है। शिक्षक फेडरेशन ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि प्रवासी मजदूरों के साथ बिना सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराये ही शिक्षकों को भी उसी बस में बैठाकर सफर कराया जा रहा है। फेडरेशन के प्रांतीय नेता शिव सारथी ने आरोप लगाया है कि बिलासपुर जिले के शिक्षकों की क्वारंटाईन सेंटर तक प्रवासी मजदूरों को पहुंचाने के लिए ड्यूटी लगायी गयी है। जिसके तहत अहमदाबाद, दिल्ली और महाराष्ट्र के कोरोना संदिग्ध प्रवासी मजदूरों के साथ बिना सोशल डिस्टेंसिंग के उनके साथ ही बैठाकर सफर करते हुए उन्हें बिलासपुर रेलवे स्टेशन से उनके गन्तव्य गाँव के कोरेन्टाइन सेंटर में छोड़ने भेजा जा रहा है।

छग सहायक शिक्षक फेडरेशन के प्रांतीय नेता शिव सारथी ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि बिलासपुर के कई शिक्षक व सहायक शिक्षक कोरोना ड्यूटी कर रहे हैं। कोटा ब्लाक के शिक्षको ने शिकायत की है कि ट्रेनों से मजदूर लगातार आ रहे है जिनको 14 दिवस के लिए कोरेन्टाइन किया जाना है, जहां से वे नियत वक्त के बाद ही घर जा सकेंगे। इनकी व्यवस्था के लिए जिन शिक्षको की ड्यूटी लगाई गयी है उन्हें इनके साथ ही बस में बैठाकर उच्च अधिकारियो द्वारा भेजा जा रहा है, जो शिक्षकों के और उनके परिवार के जान से खिलवाड़ है। आरोप लगाया गया है कि शिक्षक बिना ठोस सुरक्षा के मजदूरों के साथ ही यात्रा करने को मजबूर है और ये शिक्षक ड्यूटी उपरांत सीधे अपने घर जाते है और अपने परिवार सहित आस पड़ोस के सम्पर्क में आते है, जिससे शिक्षकों के साथ समुदाय में भी कोरोना संक्रमण फैलने का गम्भीर संकट खड़ा हो गया है।

संघ के साथ ड्यूटी में कार्यरत शिक्षको का यह भी आरोप है कि शिक्षा विभाग की तरफ से उनकी ड्यूटी तो लगा दी गयी है, लेकिन उनके लिए जरूरी इंतजाम तक नहीं किया गया है। स्थानीय प्रशासन और विभाग द्वारा न तो भोजन की व्यवस्था की गयी है और ना नाश्ते की। साथ ही उन्हें मास्क,ग्लब्स और सेनेटाइजर भी उपलब्ध नहीं कराया गया है वे सब अपने स्वयं के खर्चे से व्यवस्था कर रहे है। फेडरेशन नेता शिव सारथी जो स्वयं इस ड्यूटी में संलग्न है शासन से माँग की है कि

1.सबसे पहले बसों में यात्रा करने की बाध्यता खत्म किया जाए या फिर डॉक्टरों की भांति पीपीई किट उपलब्ध कराया जाए। राज्य सरकार 50 लाख का बीमा कवर दे।
2. अपने स्वयं के साधन का उपयोग करते हुए मजदूरों को छोड़ने की बात मानी जाए। बस के साथ-साथ अपने वाहन से यात्रा करने
3. कार्यरत शिक्षकों के लिए संक्रमण बचाव के संसाधनों सहित भोजन पानी उपलब्ध कराया जाए।
4. शिक्षको को विशेष कोरोना भत्ता दिया जाए ।
5.एक ही कर्मचारी/शिक्षक से लगातार ड्यूटी करने के बजाय बदल-बदल कर कार्य कराया जाए।
6. छग सहायक शिक्षक फेडरेशन बिलासपुर के पदाधिकारी रंजीत बनर्जी,शिव सारथी,अश्वनी कुर्रे, प्रांतीय पदाधिकारी जिलाध्यक्ष ढोला राम पटेल सचिव विनोद कोशले,उपाध्यक्ष सन्तोष गढ़ेवाल,प्रकाश बंजारे,सन्तोष बंजारे,वीरेंद्र यादव,दशमत जायसवाल,, मनोज कुर्रे,विनोद गोयल,ब्लाक अध्यक्ष, प्रमोद कीर्ति,अशोक कुर्रे,राजकुमार कोरी,सतीश कौशिक,पंकज केशकर,सहित जिले के तमाम पदाधिकारियो ने मांग किया है कि अगर शासन इस ओर ध्यान नही दिया तो सभी शिक्षक कोरोना ड्यूटी का बहिष्कार करने बाध्य होंगे।

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