बैकफुट पर पाकिस्तान: क्या रेफरी विवाद के बाद एशिया कप से होगा बाहर, नहीं खेलेगा कोई मैच?
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने एशिया कप में UAE के खिलाफ मैच के बहिष्कार का फैसला किया है..
Asia Cup 2025 (NPG FILE PHOTO)
नई दिल्ली। एशिया कप 2025 में बुधवार को होने वाले पाकिस्तान और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के बीच मुकाबले से पहले एक बड़ा ड्रामा देखने को मिला। खबर आई थी कि, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने मैच का बहिष्कार करने का फैसला लिया है, लेकिन बाद में उन्होंने अपने इस फैसले को वापस ले लिया है। अब ये मैच अपने तय समय पर खेला जाएगा। इस पूरे मामले की जड़ में भारतीय टीम के साथ हुए पिछले मैच का "हैंडशेक विवाद" है, जिसके चलते पीसीबी ने मैच रेफरी एंडी पायक्रॉफ्ट को हटाने की मांग की थी।
क्या था पूरा मामला?
भारत के खिलाफ 14 सितंबर को हुए मैच के बाद विवाद तब शुरू हुआ, जब भारतीय खिलाड़ियों ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों के साथ हाथ नहीं मिलाए। इस घटना से पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) काफी नाराज़ हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि मैच रेफरी एंडी पायक्रॉफ्ट ने दोनों कप्तानों को टॉस के समय हाथ मिलाने से रोका था। पीसीबी ने इस पर आईसीसी से शिकायत की और पायक्रॉफ्ट को एशिया कप से हटाने की मांग की। उन्होंने धमकी भी दी कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गई, तो वे टूर्नामेंट का बहिष्कार कर सकते हैं।
पाकिस्तान का कहना था कि, यह घटना "खेल भावना" के खिलाफ है और इसके लिए मैच रेफरी जिम्मेदार हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पायक्रॉफ्ट ने नियमों का उल्लंघन किया और भारत के पक्ष में काम किया।
पीसीबी ने रखी थी मांग, आईसीसी ने किया था इनकार
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने अपनी मांग पर कायम रहते हुए आईसीसी को दो बार ईमेल किया। पहली बार जब आईसीसी ने उनकी मांग को खारिज कर दिया, तो पीसीबी ने मंगलवार रात को दुबई में एक आपात बैठक बुलाई। इस बैठक में अमीरात क्रिकेट बोर्ड ने भी बीच का रास्ता निकालने की कोशिश की।
शुरुआती खबरें आईं कि, एक समझौता हो गया है, जिसके तहत पायक्रॉफ्ट को पाकिस्तान के मैच से हटाकर वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान रिची रिचर्डसन को रेफरी बनाया जाएगा। लेकिन बुधवार को पीसीबी ने एक बार फिर आईसीसी को ईमेल करके अपनी मांग दोहराई। आईसीसी ने दोबारा उनकी मांग को ठुकरा दिया, जिसके बाद पीसीबी ने मैच का बहिष्कार करने का फैसला ले लिया।
बायकॉट की खबर के बाद यू-टर्न
पाकिस्तानी मीडिया, खासकर जियो न्यूज ने सबसे पहले ये खबर चलाई कि पाकिस्तान ने यूएई के खिलाफ होने वाले मैच का बहिष्कार करने का फैसला कर लिया है। रिपोर्ट में कहा गया कि, टीम को होटल में ही रुकने के लिए कहा गया है और उन्हें स्टेडियम नहीं जाना है। इस खबर के बाद से क्रिकेट जगत में हड़कंप मच गया, क्योंकि यह मुकाबला सुपर-4 में जाने के लिए दोनों टीमों के लिए 'करो या मरो' का मैच था।
अगर पाकिस्तान मैच का बहिष्कार कर देता, तो यूएई को वॉकओवर मिल जाता और वह सुपर-4 में सीधे प्रवेश कर जाती। पाकिस्तान, जिसके पास पहले से ही 2 अंक थे (ओमान को हराने के बाद), टूर्नामेंट से बाहर हो जाता। हालांकि, कुछ घंटों बाद ही खबरें आईं कि, पाकिस्तान ने अपने बहिष्कार का फैसला वापस ले लिया है।
सूत्रों के मुताबिक, यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि बहिष्कार के कारण पाकिस्तान को न सिर्फ टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ता, बल्कि उसे आर्थिक रूप से भी बड़ा नुकसान होता। आईसीसी के नियमों के तहत, अगर कोई टीम बिना किसी ठोस कारण के मैच का बहिष्कार करती है, तो उसे भारी जुर्माना देना पड़ता है। इसके अलावा, एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) के राजस्व में पाकिस्तान का एक बड़ा हिस्सा है, जिसे वे खोना नहीं चाहते थे।
तो क्या हुआ समझौता?
सूत्रों के मुताबिक, आईसीसी ने एंडी पायक्रॉफ्ट को हटाने की मांग तो नहीं मानी, लेकिन एक बीच का रास्ता निकाला गया है। इस मैच में पायक्रॉफ्ट की जगह रिची रिचर्डसन को मैच रेफरी बनाया गया है। लेकिन बाकी मैचों में पायक्रॉफ्ट ही रेफरी बने रहेंगे। इस समझौते को पाकिस्तान की 'इज्जत बचाने' का तरीका माना जा रहा है, क्योंकि वे अपनी मांग पर अड़े हुए थे और अब वे मैच खेलने के लिए तैयार हो गए हैं।