Congress MLA Harshita Swami Baghel Biography in Hindi: कांग्रेस विधायक हर्षिता स्वामी बघेल का जीवन परिचय...

MLA Harshita Swami Baghel Biography: कांग्रेस ने विधानसभा सीट से हर्षिता स्वामी बघेल को अपना प्रत्याशी बनाया है। वर्तमान विधायक भुवनेश्वर बघेल की जगह उनको टिकट दिया गया है। उनके दादा और अविभाजित मध्यप्रदेश में राज्य मंत्री रह चुके हैं। वर्तमान में हर्षिता स्वामी बघेल जिला पंचायत सदस्य हैं।

Update: 2023-11-03 06:37 GMT

Congress MLA Harshita Swami Baghel Biography in Hindi : कांग्रेस की टिकट पर डोंगरगढ़ विधानसभा से हर्षिता स्वामी बघेल विधायक निर्वाचित हुई हैं। उन्होंने भाजपा के प्रत्याशी पूर्व विधायक विनोद खांडेकर को 14367 वोटो से चुनाव हराया है। कांग्रेस पार्टी ने अपने सिटिंग विधायक भुवनेश्वर बघेल का टिकट काट कर हर्षिता स्वामी बघेल को अपना प्रत्याशी बनाया था। एक लोकसभा में दो महिलाओं को टिकट देने के फार्मूले के तहत हर्षिता स्वामी बघेल को कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाया था। वर्तमान में हर्षिता जिला पंचायत सदस्य हैं। हर्षिता का परिवार राजनीतिक बैकग्राउंड से रहा है। उनके दादा स्वर्गीय टुम्मन लाल अविभाजित मध्य प्रदेश में राज्यमंत्री रह चुके हैं।

35 वर्षीया हर्षिता स्वामी बघेल के पति का नाम मनीष बघेल हैं। वे वार्ड नंबर 15 करेला पारा उपरवाह डोंगरगढ़ राजनांदगांव की निवासी हैं। उनके पति मनीष बघेल शासकीय चिकित्सा अधिकारी ( खंड चिकित्सा अधिकारी) हैं। जबकि हर्षिता को जिला पंचायत से मानदेय के अलावा घरेलू आय होती हैं। उन्होंने एमए लोक प्रशासन में करने के अलावा 2019 में पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर से एलएलबी की डिग्री हासिल की हैं। उनका नंबर 8109921102 है।

डोंगरगढ़ विधानसभा में कुल 172810 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। कांग्रेस की हर्षिता स्वामी बघेल को 89145 वोट मिले। जबकि भाजपा के प्रत्याशी विनोद खांडेकर को 74778 वोट मिले। यहां कांग्रेस प्रत्याशी हर्षिता स्वामी बघेल 14367 वोटो से जीत हासिल की। तीसरे स्थान पर रहे बसपा के बहादुर कुर्रे ने 2032 वोट हासिल किए। नोटा को 1679 वोट मिले। यहां कुल उम्मीदवार 10 थे।

हर्षिता बघेल पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रही थी। क्षेत्र में उनका चेहरा विधायक के लिए नया था। कांग्रेस ने अपने सिटिंग विधायक की टिकट काट कर हर्षिता को मौका दिया जिससे एंटी इनकंबेंसी नहीं हुई। जबकि भाजपा के प्रत्याशी विनोद खांडेकर एक बार पूर्व में भी विधायक रह चुके हैं। इसलिए मतदाताओं ने पुराने चेहरे को नकारते हुए नए चेहरे को मौका दिया। खास बात यह है कि इस सीट से लगातार एक ही पार्टी का विधायक दुबारा रिपीट नहीं होता। पर इस बार यह मिथक टूट गया। कांग्रेस ने प्रत्याशी बदल कर दुबारा सीट पर कब्जा बरकरार रखा।

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