Maharashtra News: कुदरत का गजब करिश्मा: महिला के पेट में बच्चा और बच्चे के पेट में एक और बच्चा, सोनोग्राफी की रिपोर्ट ने हिलाया का दिमाग...

Maharashtra News: कुदरत का गजब करिश्मा: महिला के पेट में बच्चा और बच्चे के पेट में एक और बच्चा, सोनोग्राफी की रिपोर्ट ने हिलाया का दिमाग...

Update: 2025-01-31 06:28 GMT

Maharashtra News: महाराष्ट्र, बुलढाणा। कहते है कि कुदरत में जो लिखा है वही मिलाता है, लेकिन कभी-कभी कुदरत ऐसा करिश्मा कर जाता है जिसे देख या सुनकर के बाद दिमाग के तार हिल जाते है, जी हां... कुछ ऐसा ही एक गर्भवती महिला के साथ में हुआ है. जिसके सोनोग्राफी रिपोर्ट देखने के बाद डॉक्टरों के होश उड़ गए. इस रिपोर्ट में बताया जा रह है कि गर्भवती महिला के पेट में बच्चा है और इस बच्चे के पेट में एक और बच्चा पल रहा है. अब आप सोच रहे होगे कि ऐसा कैसे हो सकता है. तो आइए जानते है ये दिमाग हिला देने वाला करिश्मा कैसे हुआ...

दरअसल, यहां मामला महाराष्ट्र के बुलढाणा के सरकारी अस्पताल का है. कुछ दिन पहले जिले के मोताला तहसील के एक गांव से 9 माह की 32 साल की गर्भवती महिला सरकारी महिला रुग्णालय पहुंची. वहां डॉक्टर प्रसाद अग्रवाल ने गर्भवती की सोनोग्राफी की. सोनोग्राफी करते समय उन्हें महिला के पेट में बच्चा तो दिखाई दिया, साथ ही उसी बच्चे के पेट कुछ और भी दिखाई दिया. डॉक्टर ने और तीन बार महिला की सोनोग्राफी की तो उन्हें दिखाई दिया कि जो पेट में बच्चा है, उसके पेट में भी एक और बच्चा है. डॉक्टर ने यह बात अपने वरिष्ठों को बताई. वरिष्ठों ने गर्भवती महिला को डिलीवरी और किसी भी प्रकार की कोई समस्या न हो, इसलिए संभाजीनगर भेज दिया. महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर से पूछा गया कि महिला और पेट में पल रहे बच्चे को कोई नुकसान की आशंका हो सकती है क्या? इस पर डॉक्टर ने कहा कि महिला को तो कोई प्रॉब्लम नहीं होगी. लेकिन डिलीवरी के बाद जन्मे बच्चे का जल्द उपचार नहीं हुआ तो उसकी ग्रोथ में बाधा आ सकती है. इस घटना की जानकारी मिलते ही अस्पताल में हलचल मच गई और तुरंत रिपोर्ट को मुंबई स्थित राज्य स्वास्थ्य मंत्रालय को भेज दिया गई. महिला को सुरक्षित प्रसव और इलाज के लिए छत्रपति संभाजीनगर के एक मेडिकल सेंटर भेजा गया. अस्पताल के डॉक्टर ने बताया कि 'भ्रूण में भ्रूण' का मिलना एक बेहद दुर्लभ घटना है, जो हर 5 लाख गर्भवती महिलाओं में से एक में होती है. उन्होंने कहा कि दुनिया भर में ऐसे केवल 200 से 300 मामले ही सामने आए हैं, जिनमें से 10-15 मामले भारत में हैं. आमतौर पर इस तरह के मामलों का पता प्रसव के बाद ही पता चलता है.


बता दें कि, बुलढाणा में सामने आए इस दुर्लभ मामले की पुष्टि के लिए डॉक्टरों की एक टीम ने जांच की. डॉक्टरों के मुताबिक, यह एक दुर्लभ मेडिकल स्थिति है जिस पर और गहराई से शोध किए जाने की जरूरत है. महिला को बेहतर इलाज और सुरक्षित डिलीवरी के लिए छत्रपति संभाजीनगर के एक बड़े अस्पताल में रेफर किया गया है, जहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम महिला का इलाज करेंगे. यह मामला मेडिकल जगत में चर्चा का विषय बन गया है और एक्सपर्ट इसके कारणों और भविष्य में इससे निपटने के तरीकों पर रिसर्च कर रहे है.

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