NITI Aayog Meeting Update: 2047 तक बनेगा 'विकसित भारत'? नीति आयोग की बैठक में PM मोदी का मास्टरप्लान, विपक्ष ने बताया ढोंग! देखें पूरी रिपोर्ट
NITI Aayog Meeting Update: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शनिवार को नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक आयोजित की गई। इस महत्वपूर्ण बैठक का उद्देश्य था "विकसित राज्य के लिए विकसित भारत@2047"।
NITI Aayog Meeting Update: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शनिवार को नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक आयोजित की गई। इस महत्वपूर्ण बैठक का उद्देश्य था "विकसित राज्य के लिए विकसित भारत@2047"। यह वही रोडमैप है जिसे सरकार भारत की आज़ादी के 100 साल पूरे होने तक एक विकसित राष्ट्र के रूप में देखना चाहती है।
बैठक की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री ने सभी मुख्यमंत्रियों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रमुखों से साफ़ कहा- "हमें विकास की गति तेज करनी होगी और इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर एक टीम इंडिया की तरह काम करना होगा।"
एक राज्य, एक वैश्विक गंतव्य' की परिकल्पना
प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों को एक नया दृष्टिकोण दिया, हर राज्य को कम से कम एक वैश्विक स्तर का पर्यटन स्थल विकसित करना चाहिए, जो न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को ताकत देगा बल्कि देश के ब्रांड वैल्यू को भी बढ़ाएगा। उन्होंने कहा कि यह पहल नज़दीकी शहरों में भी विकास की लहर ला सकती है।
उन्होंने शहरीकरण की तेज़ रफ्तार पर ज़ोर देते हुए कहा कि आने वाले समय में भारत के शहर नवाचार, विकास और स्थिरता के मुख्य इंजन बनेंगे। "हमें भविष्य के लिए तैयार शहरों पर आज काम करना शुरू करना होगा," आइये जानते है मीटिंग के मुख्य पॉइंट्स.......
बैठक में जिन मुद्दों पर सबसे अधिक चर्चा हुई उनमें शामिल रहे..
- हरित अर्थव्यवस्था और ग्रीन एनर्जी के अवसरों का दोहन
- टियर-2 और टियर-3 शहरों को नए विकास इंजन के रूप में खड़ा करना
- MSME सेक्टर और अनौपचारिक रोजगार को मज़बूती देना
- ग्रामीण गैर-कृषि नौकरियों को बढ़ावा देना
- शहरी अनौपचारिक क्षेत्र की चुनौतियों का समाधान निकालना
- इन तमाम मुद्दों का केंद्रबिंदु था 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाना।
विपक्ष का हमला- 'नीति आयोग अयोग्य, यह सब ढोंग है'
बैठक में जहां केंद्र और कई राज्यों ने भाग लिया, वहीं कांग्रेस ने इसे दिखावा करार दिया। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने तीखा हमला बोलते हुए लिखा, "जब सत्तारूढ़ दल ही सामाजिक सौहार्द को तोड़ने में लगा हो, जब संस्थाएं कुचली जा रही हों, तो किस 'विकसित भारत' की बात हो रही है?" उन्होंने नीति आयोग को अब तक की "सबसे अयोग्य बॉडी" तक करार दे दिया।
तीन राज्यों के मुख्यमंत्री रहे गैरहाज़िर, केरल ने भेजा प्रतिनिधि
इस बैठक में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री एन रंगासामी शामिल नहीं हुए। केरल सरकार ने कैबिनेट मंत्री के एन बालगोपाल को प्रतिनिधि के रूप में भेजा। पिछले साल विपक्षी गठबंधन INDIA ने इस बैठक का बहिष्कार किया था, हालांकि ममता बनर्जी शामिल हुई थीं लेकिन बीच बैठक से उठकर चली गई थीं।
क्या है नीति आयोग?
2015 में योजना आयोग की जगह बना नीति आयोग एक थिंक टैंक की भूमिका निभाता है, जिसका मकसद दीर्घकालिक नीतियों का निर्माण करना है। इसके अध्यक्ष स्वयं प्रधानमंत्री होते हैं और इसमें उपाध्यक्ष, पूर्णकालिक सदस्य, पदेन सदस्य और विशेष आमंत्रित सदस्य शामिल होते हैं। नीति आयोग नीतियों को राज्यों के साथ मिलकर विकसित करता है, ताकि सभी भागों में संतुलित और समावेशी विकास हो सके।
2047 का सपना- हकीकत या राजनीतिक नारा?
प्रधानमंत्री मोदी की यह पहल निश्चित ही एक बड़े विज़न की ओर इशारा करती है। लेकिन इस राह में विपक्ष की शंकाएं, राजनीतिक मतभेद और ज़मीनी हकीकतें कितनी बड़ी बाधा बनेंगी, यह आने वाला वक्त बताएगा। भारत की विकास यात्रा में यह बैठक एक अहम पड़ाव साबित हो सकती है या फिर सिर्फ़ एक और भाषण।