Bhole Baba Surajpal Singh: भोले बाबा के धार्मिक साम्राज्य का पर्दाफाश, कैसे बनाई 100 करोड़ की संपत्ति, 24 आलीशान आश्रम, कई लग्जरी कारें

Bhole Baba Surajpal Singh: उत्तर प्रदेश के हाथरस में भगदड़ के बाद सुर्खियों में आए सूरजपाल सिंह उर्फ ​​भोले बाबा के पास कथित तौर पर 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है।

Update: 2024-07-06 17:14 GMT

Bhole Baba Surajpal Singh: उत्तर प्रदेश के हाथरस में भगदड़ के बाद सुर्खियों में आए सूरजपाल सिंह उर्फ ​​भोले बाबा के पास कथित तौर पर 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है। बाबा सूरजपाल सिंह ने करीब दो दशक पहले धार्मिक प्रवचन देना शुरू किया था और तेजी से लोकप्रिय हुए। हाथरस में आयोजित उनके सत्संग सभा में मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई, जिनमें अधिकांश महिलाएं थीं। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, सत्संग के बाद श्रद्धालु उनके करीब आने की कोशिश में भगदड़ का शिकार हो गए।

संपत्ति और आलीशान जीवन

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस घटना के बाद भोले बाबा की संपत्ति की जांच शुरू की गई है। अधिकारियों ने उनसे जुड़ी 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का खुलासा करने वाले दस्तावेज जब्त किए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि वह 24 आलीशान आश्रमों की देखरेख करते हैं, शानदार गाड़ियां चलाते हैं और प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड रखते हैं। मैनपुरी में उनका एक आश्रम 21 बीघा जमीन में फैला है, जिसमें उनके लिए छह बड़े कमरे आरक्षित हैं।

आलीशान काफिला और सुरक्षा

भोले बाबा अपने अनुयायियों के सामने कम से कम 20 वाहनों के काफिले के साथ आते हैं। उनके काफिले में मोटरसाइकिल पर काली वर्दी पहने कमांडो चलते हैं, ताकि रास्ता साफ किया जा सके। ये कमांडो अक्सर रॉयल एनफील्ड बुलेट चलाते हैं।

व्यक्तिगत जीवन और विवाद

भोले बाबा का पैतृक गांव कासगंज जिले के बहादुर नगर में है, जहां उनका एक और आश्रम 60 बीघा जमीन में फैला हुआ है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बाबा की उम्र 60 साल से अधिक है और उनके कोई बच्चे नहीं हैं। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, उन्होंने एक लड़की को गोद लिया था, जिसकी मृत्यु लगभग 16-17 साल पहले हो गई थी। बाबा ने दो दिनों तक उसके शव को घर पर रखा था, इस उम्मीद में कि वह जीवित हो जाएगी।

बाबा का बयान और सरकार की कार्रवाई

हाथरस हादसे के बाद बाबा ने अपनी चुप्पी तोड़ी और एक वीडियो बयान में कहा कि हाथरस में अराजकता फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने हादसे की जांच और भगदड़ के पीछे साजिश की संभावना की जांच के लिए हाई कोर्ट के एक रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है।

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