Independence Day 2025: स्वतंत्रता दिवस पर मध्यप्रदेश की जेल से 156 कैदी होंगे आजाद, जानिए क्या है वजह
156 Kaidi Jail Se Honge Azad: भोपाल: जाने अनजाने और जानबूझकर की गई गलती कि एक ही सजा होती है और वो है जेल। ऐसे में ज्यादातर कैदियों की इच्छा होती है कि वह बाहर निकलकर अच्छी जिंदगी जिए। इसी कड़ी में मध्यप्रदेश के जेलों में बंद कैदियों को नया जीवन मिलने जा रहा है। दरअसल, स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 156 कैदियों को जेल से आजाद किया जाएगा। जेल से रिहा होने वालों की लिस्ट में 6 महिला कैदी भी शामिल है।
156 Kaidi Jail Se Honge Azad: भोपाल: जाने अनजाने और जानबूझकर की गई गलती कि एक ही सजा होती है और वो है जेल। ऐसे में ज्यादातर कैदियों की इच्छा होती है कि वह बाहर निकलकर अच्छी जिंदगी जिए। इसी कड़ी में मध्यप्रदेश के जेलों में बंद कैदियों को नया जीवन मिलने जा रहा है। दरअसल, स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 156 कैदियों को जेल से आजाद किया जाएगा। जेल से रिहा होने वालों की लिस्ट में 6 महिला कैदी भी शामिल है।
भोपाल जेल से सबसे ज्यादा कैदी होंगे रिहा
मध्यप्रदेश के जेलों में बंद उम्रकैद की सजा काट रहे 156 कैदियों को जेल विभाग की रिहाई नीति के तहत आजादी मिलने वाली है। जिसमें 6 महिला कैदी भी शामिल है। जेल से रिहा होने के बाद कैदी सामान्य जीवन जी सकते हैं। मध्यप्रदेश में 156 कैदी रिहा होने वाले हैं, उनमें सबसे ज्यादा भोपाल जेल के 25 कैदी शामिल है। जेल विभाग की रिहाई नीति के अच्छे आचरण वाले कैदी को शर्तों पर रिहा किया जाता है। इस दौरान अगर वह कोई अपराध करते हैं तो उन्हें फिर से जेल में डाल दिया जाता है। जेल विभाग की रिहाई नीति का मुख्य उद्देशय अपराधियों में सुधार है।
रिहाई नीति के तहत किन कैदियों को नहीं मिलती रिहाई?
जानकारी के मुताबिक, जेल विभाग की रिहाई नीति के तहत रेप, पास्को एक्ट और गांजा जैसे पदार्थां की तस्करी के मामले में जेल में सजा काटने वाले कैदियों को रिहाई नहीं दी जाती है। इन कैदियों को छोड़कर अच्छे आचरण वाले कैदियों को जो उम्रकैद की सजा काट रहे उन्हें रिहाई नीति के तहत रिहाई दे दी जाती है।
रिहाई नीति के तहत कितनी बार मिलती है रिहाई
रिहाई नीति के तहत साल में 5 दिन विशेष अवसरों पर रिहाई मिलती है।
- गणतंत्र दिवस
- स्वतंत्रता दिवस
- गांधी जयंती
- अंबेडकर जयंती
- राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस