Side Effects Of Mindless Mobile Scrolling: क्या आप भी माइंडलेस मोबाइल स्क्रोलिंग में बर्बाद कर रहे घंटों ? भुगतने पड़ेगें ये दुष्परिणाम...
Side Effects Of Mindless Mobile Scrolling: क्या आप भी माइंडलेस मोबाइल स्क्रोलिंग में बर्बाद कर रहे घंटों ? भुगतने पड़ेगें ये दुष्परिणाम...

Side Effects Of Mindless Mobile Scrolling: आजकल जिसे देखो, उसकी उंगलियां मोबाइल पर सरक रही हैं। एक के बाद एक नई रील, नया आकर्षण लोगों को इस तरह खींच रहा है कि वे बाकी लोगों की उपस्थिति तक को भूल जाते हैं। इंस्टा हो या यूट्यूब, सभी प्लेटफार्म्स को आपकी पसंद का खूब अंदाज़ा है और वे उसी तरह का कंटेंट आपको परोस रहे हैं जो आपको इतना लुभा रहा है कि आप मोबाइल पकड़े घंटों बिता देते हैं, और आपको पता ही नहीं चलता। लेकिन ये माइंडलेस स्क्रोलिंग आप पर बहुत भारी पड़ने वाली है। ये आपके तन और मन दोनों पर गहरा असर छोड़ती है और आपको इसका अंदाज़ा तक नहीं होता। आइए जानते हैं माइंडलेस स्क्रोलिंग के बड़े दुष्प्रभाव।
सतही खुशी
माइंडलेस स्क्रोलिंग आपको सतही खुशी देती है। एक-एक लाइक, कमेंट से आपके अंदर डोपामाइन हिट होता है। आप उसे असली खुशी मान लेते हैं। जबकि ये नकली खुशी है। स्थाई नहीं है। इसका आपके वास्तविक जीवन पर कोई सकारात्मक असर नहीं होता। थोड़ी ही देर में आपको फिर खुशी के डोज़ की जरूरत होती है और आप फिर स्क्रोलिंग करने लगते हैं। यह चक्र आपको बांध कर रखता है और असली खुशी से दूर करता है।
मेहनत से दूरी
असली खुशी तन-मन लगाकर कुछ अचीव करने से मिलती है। जिसका प्रभाव आपके जीवन पर पड़ता है, आपकी स्माइल में दिखता है और आपके अंतर्मन को आनंद से भर देता है। माइंडलेस स्क्रोलिंग आपको मेहनत से दूर करती है और जीवन में उपलब्धियां हासिल करने से आप कोसों दूर रह सकते हैं।
समय की बर्बादी
समय अनमोल है और माइंडलेस मोबाइल स्क्रोलिंग करते समय आप सबसे ज्यादा इसे ही बर्बाद करते हैं। आपको अंदाजा ही नहीं होता कि आपने कैसे तीन-चार घंटे यूं ही ज़ाया कर दिए। इस अमूल्य समय का इस्तेमाल आप अपनी पढ़ाई बेहतर करने और उपलब्धियां बढ़ाने के लिए कर सकते थे।
ब्रेन पर बुरा असर
इस झूठी खुशी को हासिल करने का सबसे बड़ा नुकसान आपका ब्रेन झेलता है। इनफॉरमेशन का ओवरलोड आपकी वर्किंग मेमोरी पर बुरा असर डालता है। आपका अटेंशन स्पैन कम होता है। आपके अवचेतन पर भी इसका बहुत बुरा असर पड़ता है।
क्रिएटिविटी पर बुरा असर
मोबाइल आपकी क्रिएटिविटी छीन लेता है। अगर आपके पास एक्स्ट्रा समय हो और आप उसे कुछ अच्छा क्रिएट करने में लगाएं तो आपका जीवन सुख से भर जाएगा। आपको अंदरुनी खुशी मिलेगी और इसी समय का इस्तेमाल आप अपनी अर्निंग बढ़ाने के लिए भी कर सकते हैं। लेकिन यह अमूल्य समय आप मोबाइल स्क्रोलिंग में बर्बाद कर देते हैं।
अर्ली एजिंग
मोबाइल की नीली रोशनी जितनी आकर्षित करती है उतनी ही नुकसानदेह है। आपके दिलो-दिमाग के लिए ही नहीं आपकी स्किन के लिए भी। जितनी ज्यादा आप मोबाइल स्क्रोलिंग करेंगे, आपकी स्किन पर एजिंग के साइन उतनी ही जल्दी दिखाई देंगे।
आंखों की बढ़ती समस्याएं
आजकल बच्चों ने बाहर खेलना छोड़ दिया। पढ़ाई से मुक्त होते ही वे झपटकर मोबाइल उठाते हैं और घंटों देखते जाते हैं। इसका असर यह है कि बच्चों की दृष्टि बेवक्त कमजोर हो रही है और बड़ों की नजर उम्र ढलने से पहले ही धुंधली हो रही है।
मोटापा
एक मोटापा अनेक बीमारियों को निमंत्रण देता है। एक जगह बैठे-बैठे या सोफे पर घंटों पसर कर मोबाइल देखने के शौक में आप मोटापे को दावत देते हैं और बाद में उससे पीछा छुड़ाने के लिए तरकीबें ढूंढते हैं।
नींद की कमी
माइंडलेस स्क्रोलिंग का बुरा असर आपकी नींद पर भी पड़ता है। बेड पर जाने के बाद भी आप घंटों रील्स देखते हैं, मोबाइल चलाते जाते हैं और अपने लिए नींद का जरूरी समय खो देते हैं और कम घंटों की नींद मतलब पूरे शरीर पर बुरा असर।
आदत बदलने के लिए खुद पर करें नियंत्रण
मोबाइल स्क्रोलिंग की लत से बचने के लिए खुद पर नियंत्रण करना जरूरी है। आप मनोरंजन के लिए मोबाइल देख सकते हैं लेकिन उसका समय निर्धारित करें। जब आप देखें कि मोबाइल आपको जकड़ रहा है तो उसे साइड में रखें और आंख बंद करके डीप ब्रीदिंग करें। 15 साल से छोटे बच्चों के हाथ में सेपरेट मोबाइल ना दें। अपनी नज़र रहते कुछ देर के लिए उन्हें मोबाइल दे सकते हैं। लेकिन उन्हें ज्यादा से ज्यादा बाहर खेलने के लिए प्रोत्साहित करें।