Radish Leaves Benefits: त्योहार में खूब खाया, अब करें कम कैलोरी और ज्यादा फाइबर वाले मूली के साग का सेवन, शरीर को मिलेंगे अनेक फायदे...

Update: 2023-11-13 09:17 GMT

Radish Leaves Benefits: त्योहार में जमकर खाया होगा और आगे कई दिनों के लिए भी स्वादिष्ट आइटमों का पर्याप्त स्टाॅक होगा। ऐसे में यही सब खाकर शरीर की हालत न बिगड़ जाए तो भोजन बनाने और खाने में थोड़ा संयत होना ज़रूरी है। ऐसे में मूली का साग खाना आपके लिए काफी फायदेमंद होगा। मूली के साग में कैलोरी बहुत कम होती है वहीं फाइबर अच्छा खासा होता है। ऐसे में मूली के पत्तों को बेकार समझकर सब्जी खरीदते समय ही टुड़वाकर फेंकने की आदत छोड़िए और साग, पराठा, चीला आदि बनाने में उपयोग करिए क्योंकि मूली से भी ज्यादा पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं मूली के पत्ते। आइए जानते हैं कि यह साग आपके लिए कितना फायदेमंद है।

मूली के पोषक तत्व

मूली के पत्तों में विटामिन A, B, C के साथ ,प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, फॉस्फोरस, सोडियम, आयरन, मैग्नीशियम और अन्य पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। सदिर्यों में मूली के साग का सेवन करने से शरीर को कई समस्याओं से बचाने में मदद मिलती है।

वजन घटाने में मददगार

मूली के पत्तों में बहुत कम कैलोरी होती है(एक कप-13 कैलोरी) इसलिए यह आपके बढ़ते वजन को काबू में रखने में उपयोगी है। यही नहीं ये मेटाबाॅलिज्म को भी बेहतर करते हैं। इसलिए वजन घटाने के अपने लक्ष्य को पाना आपके लिए आसान होता है।

डिटाॅक्सिफाई करने की होती है क्षमता

मूली के पत्तों में शरीर को डिटाॅक्सिफाई करने की क्षमता है। आशय यह कि मूली का साग शरीर से विशैले पदार्थों को बाहर निकालने में मददगार है। यह जहां ब्लड को प्यूरीफाई करता है वहीं किडनी को भी स्वस्थ रखता है, जिससे किडनी अच्छी तरह अपना काम करती है।

पाचन क्रिया अच्छी रहती है

मूली के आधा कप पत्तों में करीब 0.5 ग्राम फाइबर होता है जोकि अच्छा खासा है। फाइबर युक्त भोजन अच्छे पाचन की गारंटी देता है। मूली का साग कब्ज़ को तो दूर करता ही है, पाचन से जुड़ी अन्य समस्याओं को दूर करने में भी मददगार है।

इम्यूनिटी बूस्ट करता है मूली का साग

मूली के पत्तों में विटामिन सी की अच्छी मात्रा होती है। विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थ इम्यूनिटी बूस्ट करते हैं। वहीं इसमें विटामिन ए भी बहुत ज्यादा होता है जो कि व्हाइट ब्लड सेल्स के निर्माण में मददगार है। व्हाइट ब्लड सेल्स प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाती हैं। इससे आप सर्दी-जुकाम, वायरल इंफेक्शन आदि की पकड़ में जल्दी नहीं आते हैं।

दिल के रोगों से करता है बचाव

मूली के पत्तों में एंथोसायनिन पाया जाता है। यह एक ऐसा एंटी ऑक्सीडेंट है जो प्रदूषण, तनाव और शरीर की अंदरूनी गतिविधियों के कारण पनपे मुक्त कणों को खत्म करता है। ये मुक्त कण शरीर और ह्रदय स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होते हैं क्योंकि ये स्ट्रोक का कारण बन सकते हैं। वहीं विटामिन सी रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ बनाए रखने में मददगार है। इसलिए सर्दियों में आसानी से उपलब्ध मूली के पत्तों को खानपान में जरूर शामिल करें।

डायबिटीज़ रोगियों के लिए फायदेमंद

कम कैलोरी और ज्यादा फाइबर वाला भोजन डायबिटीज के पेशेंट्स के लिए आदर्श है। मूली के साग के सेवन से ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में मदद मिलेगी।

त्वचा को रखेगा जवां

मूली के एक कप पत्ते आपके शरीर की विटामिन सी की आधे से अधिक आवश्यकता पूरी करने में सक्षम हैं। विटामिन सी कोलेजन का उत्पादन बढ़ाता है। और कोलेजन त्वचा का लोच बढ़ाता है। इसलिए उम्र के लक्षणों को पीछे धकेलने और असमय की झुर्रियों से बचने के लिए मूली के साग का सेवन लाभदायक है।

मूली का साग रखेगा आंखों का ध्यान

मूली के एक कप कटे हुए पत्तों के सेवन से विटामिन ए की 52% आवश्यकता पूरी हो जाती है। ये बात अपने आप में कितनी महत्वपूर्ण है। आंखों की रोशनी को बेहतर बनाए रखने के लिए विटामिन ए का खासा महत्व है इसलिए ठंड के मौसम में डेली डाइट में मूली के पत्तों का उपयोग बढ़ाना चाहिए।

पीलिया पेशेंट्स के लिए दवा समान

मूली के पत्तों का जूस पीलिया के पेशेंट्स के लिए दवा का असर करता है। इसलिए पीढ़ियों से पीलिया होने पर मूली के पत्तों का रस पिलाया जाता रहा है।

अन्य लाभ

इन प्रमुख लाभों के अलावा मूली के पत्तों को चबाकर खाने से मसूड़ों से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं। मूली के पत्तों का सेवन करने से जोड़ों के दर्द और गठिया रोग में भी लाभ मिलता है। दरअसल मूली के पत्ते एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से युक्त होते हैं। इसलिए अर्थराइटिस से राहत पाने में यह मदद कर सकता है। साथ ही इसमें मौजूद फाॅस्फोरस हड्डियों को मजबूत करने में मददगार है। इसमें मौजूद फाइटोकेमिकल्स और एन्थोसायनिन कैंसर कोशिकाओं को पनपने से रोकते हैं। मूली के पत्तों में सोडियम होता है जो नमक खाने से परहेज करने वाले ब्लडप्रेशर के मरीजों के लिए भी नमक की कमी को पूरा करता है।

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