Benefits of brahmi: कफ, डिप्रेशन और मिर्गी, सबसे लड़ने में कारगर है ब्राह्मी, घर-घर में शामिल हुई वटी, चूर्ण और शर्बत के रूप में
Benefits of brahmi:; कोरोना काल से पहले ब्राह्मी का प्रयोग अपेक्षाकृत कम होता था लेकिन इस बीमारी ने लोगों को राहत के उपाय ढूंढने पर विवश कर दिया और अब वह कठिन दौर बीतने के बाद भी ब्राह्मी विभिन्न रूपों में घर-घर में उपयोग की जा रही है। कफ, डिप्रेशन से लड़ने और मानसिक शांति हासिल करने के लिए यह लोगों की पहली पसंद बन गई है। वटी, चूर्ण, शर्बत के अलावा अन्य कई तरीकों से भी इसे लिया जाता है। आइए जानते हैं इसके फायदे और उपयोग के तरीके के बारे में।
इन समस्याओं में कारगर है ब्राह्मी
1. चिंता, डिप्रेशन से लड़ने के लिए
ब्राह्मी में न्यूरोप्रोटेक्टिव, एंग्जियोलिटिक (एंटी-एंग्जाइटी) और एंटीडिप्रेसेंट गुण होते हैं। ये गुण चिंता, अवसाद जैसी मानसिक बीमारियों से बाहर आने में उपयोगी हो सकते हैं। ब्राह्मी मानसिक स्वास्थ्य, बुद्धि और स्मृति में सुधार को बढ़ावा देने में उपयोगी हो सकती है। इसे बच्चों की मानसिक क्षमता बढ़ाने के लिए टाॅनिक के रूप में बहुत पसंद किया जा रहा है।
2.कफ के लिए
अगर आप कप की समस्या से परेशान हैं तो ब्राह्मी का सेवन कर सकते हैं।ब्राह्मी के चूर्ण का इस्तेमाल करने से कफ की समस्या को दूर किया जा सकता है।
3.डायबिटीज के लिए
ब्राह्मी टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के लिए भी फायदेमंद मानी जाती है।ब्राह्मी में एंटीडायबिटिक गुण होते हैं। जो शुगर को नियंत्रित कर डायबिटीज के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है।
4. दिल के लिए
ब्राह्मी एक ऐसी जड़ी बूटी है जिसको दिल की सेहत के लिए अच्छा माना जाता है। ब्राह्मी में एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी के गुण पाए जाते हैं। ब्राह्मी का सेवन हार्ट को हेल्दी रखने में मदद कर सकता है।
5. मिर्गी / दौरे के लिए
ब्राह्मी एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है जो मस्तिष्क की कोशिकाओं की रक्षा करती है। आयुर्वेद के अनुसार मिर्गी में वात, पित्त और कफ तीनों दोष शामिल होते हैं। ब्राह्मी तीनों दोषों को संतुलित करने में मदद करती है और दौरे की घटनाओं को कम करती है।
इन तरीकों से ली जा सकती है ब्राह्मी
ब्राह्मी वटी
आयुर्वेद चिकित्स्क ब्राह्मी वटी को दिन में दो बार लेने की सलाह दे सकते हैं। माना जाता है कि मानसिक तनाव की स्थिति लगातार इंसान की ऊर्जा के गिरने से आती है और ब्राह्मी उस ऊर्जा को उठाने में सहायक होती हैं। यह रक्तचाप को संतुलित बनाये रखने में भी काम आती है।
ब्राह्मी चूर्ण
ब्राह्मी का चूर्ण ब्राह्मी और कई अन्य वस्तुओं को एक साथ पीसकर बनाया जाता है। इसमें सामान्यतया ब्राह्मी के साथ शंखपुष्पी, बादामगिरी, खसकस व सूखा साबुत धनिया, त्रिफला, गोखरू, शतावर , अश्वगंधा और सौंठ मिलाया जाता है। इसलिए इन सबके फायदे आपको मिलते हैं। गोली के मुकाबले चूर्ण जल्दी पचता है। इसी कारण से इसका प्रभाव शरीर पे जल्दी होता है। इस कारण से कुछ लोग ब्राह्मी को चूर्ण के रूप में लेना बेहतर समझते हैं।इसमें त्रिफला होने के कारण यह पेट साफ़ करने, खून साफ़ करने व त्वचा को बेहतर बनाने में कारगर है। ब्राह्मी में एंटीऑक्सीडेंट्स की मौजूदगी की वजह से यह कई बिमारियों से बचाव में काम आता है जैसे दिल से सम्बंधित रोग और कैंसर।
ब्राह्मी शरबत
ब्राह्मी का सेवन कई घरों में शर्बत के रूप में भी किया जाता है। यह शरीर में रोग-प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाता है और लम्बे समय तक जवान रखता है।
यह अस्थमा से बचाव में भी कारगर है।
यह मानसिक मुस्तैदी बढ़ाता है।
ब्राह्मी घृत
यह ब्राह्मी का वह स्वरुप है जो ब्राह्मी, शंखपुष्पी और घी मिलाकर बनाया जाता है, यह बगैर चिकित्सक की सलाह के भी उपलब्ध हो जाता है। यह सर दर्द, बदहज़मी से बचाव और अच्छी नींद के लिए लिया जाता है। ये बच्चे, जवान और बुजुर्गों, सभी के लिए लाभदायक है ।लेकिन इसे एक बार में 5 ग्राम से अधिक नहीं लिया जाना चाहिए।
ब्राह्मी, दूध के साथ
ब्राह्मी को दूध में मिलकर इसका टॉनिक भी बनाया जा सकता है। इसे दूध में मिलाकर लेने से यह मन पर एक शांत प्रभाव छोड़ती है।
ब्राह्मी, अश्वगंधा के साथ
ब्राह्मी को अश्वगंधा के साथ भी लिया जा सकता है। इन दोनों को साथ लेने से दिमाग के काम करने की क्षमता बढ़ती है।