कर्मचारियों और सैलरीड क्‍लास को सरकार की बड़ी राहत, समझें- TDS में 25 फीसदी कटौती के मायने….कर्मचारियों को कैसे मिलेगी इससे राहत

Update: 2020-05-14 06:05 GMT

नयी दिल्ली 14 मई 2020। सरकार ने चालू वित्त वर्ष के बचे हुए वक्त के लिए देश के अंदर किये जाने वाले विभिन्न प्रकार के व्यावसायिक भुगतान पर टीडीएस और टीसीएस की रेट में 25 फीसदी की कटौती कर दी है. गुरुवार से ही यह छूट वेतन को छोड़ कर अन्य प्रकार के भुगतानों पर लागू होगी. इससे टैक्सपेयर्स के हाथ में 50,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी उपलब्ध होगी. वित्त मंत्री निर्मता सीतारमण ने वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ मिलकर प्रधानमंत्री द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ब्योरा देते हुए बुधवार को इस बात का ऐलान किया.

वित्त मंत्री ने बताया कि स्रोत पर कर कटौती या टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) की दरों में 25 फीसदी की कमी की जाएगी. यह कमीशन, ब्रोकरेज या अन्य सभी तरह के पेमेंट पर लागू होगा. टीडीएस दरों में कमी आज यानी 13 मई से ही लागू हो गई है और मार्च 2021 तक रहेगी. टीडीएस कटौती से लोगों को 55 हजार करोड़ रुपये का लाभ होगा. इसी तरह, टीसीएस ( स्रोत पर संग्रह कटौती) पर भी 25 फीसदी कटौती की राहत मिली है. उदाहरण के तौर पर अगर किसी का 100 रुपये का टीडीएस/टीसीएस बनता है तो उसे 75 रुपये ही देने होंगे.

क्‍या होता है टीडीएस

टैक्‍सपेयर्स की सैलरी में से टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) कटौती की जाती है. इसके जरिए सरकार पैसे जुटाती है. टीडीएस विभिन्न तरह के इनकम सोर्स पर काटा जाता है. मसलन, सैलरी, किसी निवेश पर मिले ब्याज या कमीशन आदि पर टीडीएस काटा जाता है. कोई भी संस्थान (जो टीडीएस के दायरे में आता है) जो भुगतान कर रहा है, वह एक निश्चित रकम टीडीएस के रूप में काटता है.

क्‍या है टीसीएस

टीसीएस ( स्रोत पर संग्रह कटौती) का शॉर्ट फॉर्म है. भारत में कुछ सामानों पर एक खास वर्ग के खरीदार से टैक्स वसूला जाता है. इसी को टीसीएस टैक्स कहते है. खरीदार से टैक्‍स कलेक्‍ट कर सेलर भारत सरकार को सौंप देता है.

उन्होंने कहा कि इससे करीब 50,000 करोड़ रुपये करदाताओं के हाथ में बचेंगी, जो अन्यथा टीडीएस और टीसीएस के रूप में सरकार के खाते में जाती. टीडीएस की दरें एक फीसदी से लेकर 30 फीसी तक है. वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि जिन मामलों में कर आकलन की तिथि 30 सितंबर को समाप्त हो रही थी, उसे बढ़ा कर 31 दिसंबर 2020 कर दिया गया है. इसी प्रकार 31 मार्च 2021 को जिनकी आकलन समयसीमा समाप्त हो रही है, उसे छह महीने बढ़ाकर 30 सितंबर 2021 तक कर दिया गया है.

नांगिया एंडरसेन एलएलपी के निदेशक संदीप झुनझुनवाला ने कहा कि वेतन को छोड़कर अन्य तरह के भुगतानों में टीडीएस और टीसीएस दर में 25 फीसदी की कटौती से कारोबारियों के हाथ में अतिरिक्त 25 फीसदी नकदी उपलब्ध होगी. इससे अर्थव्यवसथा में नकदी बढ़ेगी.

 

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