‘खाकी’ की तरक्की का रास्ता साफ: पुलिस नियमों में संशोधन को सरकार की मंजूरी, 11 हजार 630 पदों को भरने की राह खुली…

Update: 2021-02-04 07:40 GMT

भोपाल 4 फरवरी 2021. मध्य प्रदेश पुलिस में 11 हजार 630 पदों को भरने की राह आसान हो गई है. शिवराज सरकार ने ‘मध्य प्रदेश पुलिस रेग्युलेशन एक्ट’ में संशोधन करते हुए पदोन्नति का प्रावधान किया है. अब जूनियर अधिकारियों को पुलिस उप महानिरीक्षक, सहायक उप निरीक्षक व उप निरीक्षक पद का फायदा मिलेगा. नियमों के अनुसार पदोन्नति में आरक्षण नहीं मिलेगा, अनुभव और योग्यता के आधार पर अधिकारियों का प्रमोशन होगा. अपर मुख्यसचिव गृह डॉ राजेश राजौरा द्वारा 3 फरवरी को इसके आदेश जारी किए गए.

प्रदेश में अप्रैल 2016 से पदोन्नत‍ि पर रोक है और मार्च-2020 से बड़ी संख्या में अधिकारी-कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इससे पुलिस महकमे में आपराधिक मामलों की जांच की गति धीमी होने लगी थी। जिसे देखते हुए राज्य शासन ने एक्ट में संशोधन किया है। अब कनिष्ठ अधिकारी खाली वरिष्ठ पदों का कामकाज कुछ शर्तों के साथ संभाल सकेंगे। 2018 में सेवानिवृत्ति की आयु दो वर्ष बढ़ाने के कारण दस महीने से सेवानिवृत्ति होने वाले कर्मचारियों की संख्या में खासी बढ़ोत्तरी हो गई है।

ये रहेगी पात्रता: आरक्षक से प्रधान आरक्षक पद के लिए पांच साल का सेवाकाल अनिवार्य है। प्रधान आरक्षक से सहायक उप निरीक्षक के लिए तीन साल, उप निरीक्षक से निरीक्षक के लिए छह साल और निरीक्षक के उप पुलिस अधीक्षक पद के लिए आठ साल की सेवा होना जरूरी है।

नहीं मिलेगा वेतन (Salary)
उच्चतर पद पर काम करने वाले अधिकारी और कर्मचारी अपनी वर्दी पर संबंधित पद के स्टार लगा सकेंगे. लेकिन उन्हें उस पद के अनुसार वेतन लेने की योग्यता नहीं रहेगी. जब तक वह जूनियर लेवल पर आवश्यक अवधि तक काम करने की योग्यता को पूरी नहीं कर लेते.

मध्यप्रदेश में प्रधान आरक्षक से लेकर डीएसपी स्तर तक के 11 हज़ार 630 पद अभी खाली है. इनमें प्रधान आरक्षक के 5 हज़ार 768 पद, सहायक उप निरक्षक के 4 हज़ार 162 पद, उप निरीक्षक के 770 पद, निरीक्षक के 702 पद और उप पुलिस अधीक्षक के 300 पद खाली हैं. पुलिस रेगुलेशन एक्ट में संशोधन से इन पदों को भरा जा सकेगा. संशोधन के आरक्षक से प्रधान आरक्षक पद के लिए 5 साल का सेवाकाल निर्धारित है. वहीं प्रधान आरक्षक से सहायक उप निरीक्षक के लिए 3 साल, उप निरीक्षक निरीक्षक के लिए 6 साल और निरीक्षक से डीएसपी पद का कार्यवहन करने के लिए 8 साल की कार्य सेवा जरूरी है. पुलिस विभाग के बाद अब दूसरे विभागों के कर्मचारियों की भी उम्मीदें बढ़ गई हैं. सामान्य और आरक्षक वर्ग के कर्मचारी पद्दोन्नति की मांग कर रहे हैं. इन पदों को मिलाकर पुलिस विभाग में इस वक्त कुल 11,630 पदों को भरा जाना है.

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