ये कलेक्टर नहीं, राजनीतिक पार्टी के एजेंट हैं...पद पर रहने लायक नहीं, हाईकोर्ट की तीखी टिप्पणी, देखें वीडियो

Update: 2022-08-04 08:11 GMT

जबलपुर। हाईकोर्ट ने पन्ना कलेक्टर पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि यह कलेक्टर राजनीतिक दल के एजेंट की तरह हैं, लिहाजा कलेक्टर को पद पर बने रहने का कोई अधिकार नही। कोर्ट ने जनपद पंचायत उपाध्यक्ष चुनाव के मामले पर सुनवाई करते हुए पन्ना कलेक्टर संजय कुमार मिश्रा पर यह टिप्पणी की।

27 जुलाई को हुए जनपद पंचायत गुन्नौर में उपाध्यक्ष चुनाव को लेकर कांग्रेस नेता परमानंद शर्मा ने जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। बुधवार को मामले में सुनवाई हुई। पन्ना की गुन्नौर जनपद पंचायत में उपाध्यक्ष के चुनाव में कांग्रेस समर्थक परमानंद शर्मा को 13 वोट मिले थे, जबकि बीजेपी समर्थक रामशिरोमणि मिश्रा को 12 वोट मिले थे। निर्वाचन अधिकारी ने कांग्रेस नेता परमानंद शर्मा को जनपद उपाध्यक्ष की जीत का सर्टिफिकेट दे दिया, लेकिन हारे उम्मीदवार बीजेपी नेता रामशिरोमणि मिश्रा ने एक वोट के बैलेट पेपर पर स्याही बीच में लगी होने के चलते कलेक्टर के पास अपील की।

कलेक्टर ने वोट निरस्त कर दोनों प्रत्याशियों के बराबर 12-12 वोट कर अगले दिन पर्ची उठवाकर चुनाव कराया। इसमें रामशिरोमणि मिश्रा के नाम की पर्ची निकली और वे उपाध्यक्ष बन गए। कांग्रेस नेता परमानंद शर्मा को सुनवाई का कोई अवसर भी नही दिया गया। कांग्रेस नेता ने इस पर आपत्ति जताते हुए हाइकोर्ट में याचिका दायर कर दी।

जबलपुर हाईकोर्ट में जस्टिस विवेक अग्रवाल की ओपन कोर्ट में सुनवाई हुई। जिसमे याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने बताया कि 27 जुलाई को ही याचिकाकर्ता ने कलेक्टर के समक्ष चुनाव याचिका प्रस्तुत की थी। पर उसे बिना सुनवाई का अवसर दिए उसी दिन निराकरण कर दिया गया। कलेक्टर ने एक वोट को विवादित मानते हुए 28 जुलाई को लॉट के माध्यम से पुनः उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव का आदेश दे दिया। जिसे अधिवक्ताओ ने इसे नैसर्गिक न्याय के खिलाफ बताते हुए कहा कि कलेक्टर स्वतंत्र रूप से काम न कर सत्ताधारी दल के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं। और इन्हें कलेक्टर के पद से हटा दिया जाना चाहिए। मामले का वीडियो पूर्व मंत्री अरुण यादव ने शेयर किया है।

ओपन कोर्ट में जस्टिस विवेक अग्रवाल ने सुनवाई के दौरान बेहद तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि पन्ना कलेक्टर संजय कुमार मिश्रा राजनीतिक एजेंट की तरह कार्य कर रहें हैं। उनके रवैये से एसा जाहिर हो रहा कि उन्हें नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत पर भरोसा नहीं है। हाईकोर्ट ने नियम विरुद्ध तरीके से निर्णय लेने के रवैये पर नाराजगी जताते हुए संजय कुमार मिश्रा को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न भविष्य में उन्हें चुनाव से जुड़े इस तरह के गम्भीर प्रकरणों की सुनवाई से अलग रखा जाए। क्यों न ऐसी अनुशंसा भारत निर्वाचन आयोग, राज्य निर्वाचन आयोग जैसी संवैधानिक संस्थाओं को भी प्रेषित की जाए। कलेक्टर को 17 अगस्त को कोर्ट के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के निर्देश देते हुए कलेक्टर के दिये फैसले पर रोक लगा दी हैं।

Tags:    

Similar News