कोरोना वैक्सीन लांच : इस देश ने लांच की दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन… राष्ट्रपति ने खुद अपनी बेटी को लगवाया पहला टीका….किसे मिलेगी, कितने में मिलेगी, कब से मिलेगी, जानिए सबकुछ

Update: 2020-08-11 10:01 GMT

नयी दिल्ली 11 अगस्त 2020। कोरोना से जुड़ी एक बहुत बड़ी खबर आ रही है। कोरोना की वैक्सीन बन गया है। हालांकि इस वैक्सीन का कितना फायदा भारत को मिल पायेगा, इसकी जानकारी नहीं मिल पायी है, लेकिन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को ऐलान किया कि उनके देश ने कोरोना वायरस की पहली वैक्सीन बना ली है। व्लादिमीर पुतिन ने दावा किया कि ये दुनिया की पहली सफल कोरोना वायरस वैक्सीन है, जिसे रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है। इतना ही नहीं व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि उनकी बेटी ने भी इस वैक्सीन को लिया है।

रूस के राष्‍ट्रपति ने कहा, “इस सुबह दुनिया में पहली बार, नए कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्‍सीन रजिस्‍टर्ड हुई।” उन्‍होंने उन सभी को धन्‍यवाद दिया जिन्‍होंने इस वैक्‍सीन पर काम किया है। पुतिन ने कहा कि वैक्‍सीन सारे जरूरी टेस्‍ट से गुजरी है। अब यह वैक्‍सीन बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए भेजी जाएगी।रूस के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मिखाइल मुराशको कह चुके हैं कि इसी महीने से हेल्‍थ वर्कर्स को वैक्‍सीन देने की शुरुआत हो सकती है। रूस में सबसे पहले फ्रंट लाइन हेल्थ वर्कर्स को कोरोना का टीका लगाया जाएगा। इसके बार सीनियर सिटिजंस को वैक्‍सीन दी जाएगी।

समाचार एजेंसी AFP की जानकारी के मुताबिक, इस वैक्सीन को मॉस्को के गामेल्या इंस्टीट्यूट ने डेवलेप किया है. मंगलवार को रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने वैक्सीन को सफल करार दिया. इसी के साथ व्लादिमीर पुतिन ने ऐलान किया कि रूस में जल्द ही इस वैक्सीन का प्रोडक्शन शुरू किया जाएगा और बड़ी संख्या में वैक्सीन की डोज़ बनाया जाएगा.रूसी एजेंसी TASS के अनुसार, रूस में यह वैक्‍सीन ‘फ्री ऑफ कॉस्‍ट’ उपलब्‍ध होगी। इसपर आने वाली लागत को देश के बजट से पूरा किया जाएगा। बाकी देशों के लिए कीमत का खुलासा अभी नहीं किया गया है।

दुनिया में कोरोना के करीब 2 करोड़ मामले सामने आ चुके है. लाखों लोग इस वायरस की वजह से काल के गाल में समा चुके हैं. ऐसे में वायरस की वैक्सीन की खबर से पूरी दुनिया ने राहत की सांस ली है. मॉस्‍को के गामलेया रिसर्च इंस्टिट्यूट ने एडेनोवायरस को बेस बनाकर यह वैक्‍सीन तैयार की है। रिसर्चर्स का दावा है कि वैक्‍सीन में जो पार्टिकल्‍स यूज हुए हैं, वे खुद को रेप्लिकेट (कॉपी) नहीं कर सकते। रिसर्च और मैनुफैक्‍चरिंग में शामिल कई लोगों ने खुद को इस वैक्‍सीन की डोज दी है। कुछ लोगों को वैक्‍सीन की डोज दिए जााने पर बुखार आ सकता है जिसके लिए पैरासिटामॉल के इस्‍तेमाल की सलाह दी गई है।

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