शिक्षा से बच्चों का भविष्य संवारने में जुटी विष्णुदेव सरकार, नई शिक्षा नीति के साथ ही छत्तीसगढ़ में किए जा रहे कई अभिनव प्रयोग

CM Vishnudeo:मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सरकार का प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने पर विशेष जोर है...

Update: 2024-08-20 08:00 GMT

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सरकार का प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने पर विशेष जोर है। बेटियों की पढ़ाई में स्कूल की दूरी बाधा ना बने, इसलिए सरकार ने सरस्वती साइकिल योजना की फिर से शुरुआत की है। गरीब परिवारों के बच्चे जो जीवन में बड़े सपने देख रहे हैं और प्रशासनिक अफसर बनकर देश की सेवा करना चाहते हैं। ऐसे अनुसूचित जाति-जनजाति के बच्चों के लिए देश की राजधानी दिल्ली में ट्राइबल यूथ होस्टल की सुविधा साय सरकार दे रही है। इस हॉस्टल की क्षमता को बढ़ाते हुए 80 से 185 सीटर कर दिया है ताकि अधिक से अधिक बच्चों को दिल्ली में पढ़ाई के लिए निःशुल्क व्यवस्था मिल सके। इसी प्रकार श्रमवीर परिवारों के बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की चिंता हम कर रहे हैं। इन बच्चों को 2 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जा रही है। जिसमें एक लाख उन्हें स्कूटी खरीदने के लिए और 1 लाख की राशि उनकी आगे की पढ़ाई के लिए है। शिक्षा की गुणवत्ता बढाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम श्री योजना की शुरुआत की है। छत्तीसगढ़ के 211 स्कूल इस योजना में शामिल हैं, हमें उम्मीद है कि यह संख्या और बढ़ेगी। पीएम श्री योजना के तहत एक स्कूल को 2 करोड़ की राशि दी जा रही है। इस राशि की मदद से स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ शिक्षा के गुणवत्ता में भी वृद्धि होगी।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने सुशासन और विकास का संकल्प लेकर काम करना प्रारंभ कर दिया है। छत्तीसगढ़ सरकार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटियों को पूरा करते हुए छत्तीसगढ़ राज्य के लोगों के खुशहाली के सपने को साकार कर रही है। शिक्षा विकास का मूलमंत्र है। इसके लिए नई शिक्षा नीति के अनुरूप छत्तीसगढ़ में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार कर बच्चों को आने वाले जीवन के लिए तैयार की जा रही है। प्रधानमंत्री ने सबका साथ, सबका विकास के ध्येय वाक्य के साथ विकसित भारत बनाने का लक्ष्य दिया है। इसे प्राप्त करने के लिए हम शिक्षित और विकसित छत्तीसगढ़ बनाया जा रहा है। नोनी सशक्तिकरण योजना के तहत श्रमिक परिवार के लगभग पंद्रह मेधावी छात्राओं को भी बीस-बीस हज़ार रुपये की राशि दी जाती है। इस योजना के तहत एक साल में नब्बे दिन निर्माण श्रमिक के रूप में काम करने वाले पंजीकृत श्रमिक के दो बच्चों को पहली कक्षा से स्नातकोत्तर तक की पढ़ाई के लिए एक हज़ार रुपए से दस हज़ार रुपए तक की सहायता दी जाती है।

211 स्कूल पीएम श्री योजना में शामिल

‘प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राईजिंग इंडिया’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत की परिकल्पना के आधार पर छत्तीसगढ़ के 211 स्कूलों में पीएम श्री योजना में शामिल किया गया है, जिसके तहत 2-2 करोड़ प्रति स्कूल राशि खर्च कर स्कूलों को बड़े शहरों और विश्व स्तर के आदर्श स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा। पीएम श्री योजना में छत्तीसगढ़ के चयनित 211 स्कूलों में एलीमेन्ट्री स्तर पर 193 और सेकेंडरी स्तर पर 18 स्कूल शामिल हैं। विद्यार्थियों को इन स्कूलों में आईसीटी, डिजिटल क्लास रूम के माध्यम से प्रदान की जाएगी। इन स्कूलों के विद्यार्थियों को व्यावसायिक शिक्षा एवं स्थानीय उद्योगों के साथ इंटर्नशिप, उद्यमिता के अवसरों से जोड़ा जाएगा। पीएम श्री योजना के द्वितीय चरण में छत्तीसगढ़ की अपेक्षाओं के अनुरूप अधिक से अधिक स्कूलों को शामिल किया जाएगा।

बच्चों को मातृभाषा और स्थानीय भाषा में शिक्षा

नई शिक्षा नीति 2020 में कक्षा 8वीं तक बच्चों को मातृभाषा और स्थानीय भाषा में शिक्षा दी जाएगी। इसके लिए केन्द्र सरकार सरकारी चैनल शुरू करेगी, जिसमें छत्तीसगढ़ी सहित हल्बी, गोंडी, भतरी, सरगुजिया जैसी भाषाएं भी शामिल होंगी। नई शिक्षा नीति में कौशल विकास और टेक्नालॉजी पर विशेष जोर दिया गया है। कक्षा 6वीं से 12वीं तक सभी विद्यार्थियों को भाषा, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, आर्ट, स्पोर्टस, पेंटिंग, संगीत-नृत्य जैसे विषय पढ़ाए जाएंगे। स्कूली बच्चों को 10 दिनों का शैक्षणिक भ्रमण कराया जाएगा।

अगले सत्र में 33 हजार शिक्षकों की भर्ती

प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए समग्र शिक्षा के अंतर्गत 1086 नये पदों का सृजन किया जाएगा। स्कूलों के रखरखाव और अधोसंरचना विकास के लिए बजट में 265 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र सूरजपुर एवं गरियाबंद में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना के साथ ही जिला कोण्डागांव, सुकमा एवं बलरामपुर के विकासखण्ड कुसमी के बाइट को उन्नत करते हुए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान बनाया जाएगा।

25 हजार स्कूलों में एक सेक्शन इंग्लिश मीडियम

प्रदेश के 25 हजार स्कूलों में पहली से लेकर 12वीं तक एक सेक्शन इंग्लिश मीडियम स्थापित किया जाएगा। प्रदेश के स्कूलों में स्मार्ट क्लास के तहत इंटरनेट प्रोजेक्टर की सहायता से शिक्षा प्रदान की जाएगी। स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति, शिक्षकों द्वारा अध्ययन, अध्यापन, शैक्षणिक मूल्यांकन की नियमित एवं त्वरित मॉनिटरिंग के लिए केन्द्रीयकृत विद्या समीक्षा केन्द्र स्थापित किया जाएगा। सरस्वती सायकल योजना के तहत अब 9 वीं कक्षा के सभी छात्राओं को निःशुल्क सायकल मिलेगी। राज्य सरकार ने छात्रवृत्ति योजना के तहत अनुसूचित जाति वर्ग को मिलने वाली छात्रवृत्ति संत शिरोमणि गुरू घासीदास, अनुसूचित जनजाति वर्ग की छात्रवृत्ति को वीर गुण्डाधुर के नाम पर किए जाने का निर्णय लिया है।

’न्यौता भोजन’ की नई पहल

प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना की तर्ज पर स्कूल अवधि में बच्चों को गर्म पका भोजन उपलब्ध कराने ’न्यौता भोजन’ शुरू किया गया है। यह सामुदायिक भागीदारी पर आधारित है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय 21 फरवरी को अपना जन्मदिन अपने पैतृक गांव बगिया के बालक आश्रम शाला के बच्चों के बीच पहुंचे और बच्चों के साथ ’न्योता भोज’ किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक परंपरा की शुरुआत की है जिसमें प्रधानमंत्री पोषण शक्ति योजना को सामुदायिक सहयोग से और अधिक पोषक बनाने की पहल की गई है।

एक शैक्षणिक सत्र में दो बोर्ड परीक्षा

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बोर्ड परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों के हित में एक बड़ा निर्णय लिया गया है। राज्य शासन के निर्णय अनुसार एक शैक्षणिक सत्र में दो बार बोर्ड की परीक्षाएं आयोजित की जाएगी। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल रायपुर द्वारा प्रथम मुख्य परीक्षा मार्च माह में आयोजित हो रही है एवं द्वितीय मुख्य परीक्षा जून-जुलाई में आयोजित की जायेगी। स्वामी आत्मानंद स्कूलों का संचालन अब शिक्षा विभाग द्वारा किया जाएगा।

’राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020’ लागू

छत्तीसगढ़ राज्य के उच्च शिक्षा विभाग ने ’राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020’ को लागू करने का निर्णय लिया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी के तहत प्रदेश के विद्यार्थियों को कॉलेज आने-जाने के लिए मासिक ट्रैवल्स अलाउंस दिया जाएगा। प्रदेश के तीन लाख विद्यार्थियों को 6000 रूपए प्रतिवर्ष डीबीटी से सीधे उनके खाते में भुगतान की जाएगी। प्रदेश के विद्यार्थियों को नियमित अध्ययन के साथ-साथ विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं एवं राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा जैसे- यूपीएससी, पीएससी, सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा की कोचिंग की व्यवस्था भी सरकार करने जा रही है। छत्तीसगढ़ सरकार ने शासकीय दूधाधारी राजेश्री महंत वैष्णव दास स्नातकोत्तर संस्कृत महाविद्यालय रायपुर को विश्वविद्यालय में अपग्रेड करने का संकल्प लिया है।

कॉलेज-यूनिवर्सिटी के 4200 पदों पर भर्ती

प्रदेश के विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में 4200 से अधिक रिक्त पदों पर भर्ती की जाएगी। राज्य के 15 शासकीय महाविद्यालयों में नवीन स्नातक विषय संकाय एवं 23 शासकीय महाविद्यालयों में नवीन स्नातकोत्तर संकाय प्रारंभ किए जाएंगे। प्रदेश के 12 महाविद्यालयों के भवन का निर्माण और 9 महाविद्यालयों में अतिरिक्त कक्ष निर्माण किया जाएगा। शासकीय महाविद्यालय दुर्गकोंदल जिला-कांकेर एवं भोपालपट्नम् जिला बीजापुर में छात्रावास भवन के निर्माण के साथ ही 50 शासकीय महाविद्यालयों में शौचालय निर्माण किया जाएगा। प्रदेश के विश्वविद्यालयों के वार्षिक अनुदान राशि में वृद्धि की गई है।

हॉस्टल की दो हजार सीटें बढ़ाई गईं

प्रदेश के सभी हॉस्टल, छात्रावासों में दो हजार सीटों की बढ़ोतरी की जाएगी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इसकी घोषणा करते हुए कहा है कि शिक्षा विकास का मूल मंत्र है। शिक्षा केवल नौकरी पाने का माध्यम ही नहीं है बल्कि उससे भी बढ़कर एक आदर्श समाज की नींव है। किसी भी कार्य को अच्छी तरह कर पाने के लिए शिक्षा का अहम योगदान होता है। उन्होंने कहा कि 15 साल प्रदेश में डॉ. रमन सिंह की सरकार रही, इन 15 सालों में प्रदेश में शिक्षा के विकास के लिए अनेक कार्य हुए। उस समय हमारे प्रदेश के शैक्षणिक संस्थान टॉप में रहे। उसी का परिणाम है कि आज प्रदेश में 10 से अधिक मेडिकल कॉलेज हैं।

180 छात्रावासों का बनेगा भवन

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार समाज के बेहतरी, उत्थान और विकास के लिए दृढ़ संकल्पित है। इन कन्या छात्रावासों के शुभारंभ से छात्राओं को बड़ी सुविधा मिलेगी। भवन विहीन 180 छात्रावासों के बिल्डिंग निर्माण की स्वीकृति मिली है। वर्तमान में 180 में से 121 भवन के निर्माण के लिए 210 करोड़ रूपए का टेंडर भी लगा दिया गया है। 69 छात्रावास बिल्डिंग निर्माण के लिए निविदा भी अपलोड की जा रही है। प्रदेश के 295 भवनविहीन छात्रावास और आश्रम के भवन निर्माण के लिए भी सरकार र्प्रतिबद्ध है। सरकार ने खराब स्थिति वाले छात्रावास के मेंटेनेंस कर उन्हें सर्वसुविधा युक्त बनाने का भी कार्य कर रहे हैं। छात्र-छात्राओं को पढ़ाई के लिए अच्छा माहौल और अनुकूल सुविधाएं सुनिश्चित कर रहे हैं। एसटी-एससी वर्ग के लिए छात्रावासों आश्रमों में निर्धारित संख्या 3757 है, जिनमें 1,97,000 सीटें है। कई जगहों में आश्रम छात्रावासों में भर्ती की प्रक्रिया भी जारी है। प्रदेशभर में नवीन एकलव्य विद्यालय भी खोले गए हैं।

5 गर्ल्स हॉस्टल का उद्घाटन

आरंग में पांच कन्या छात्रावासों का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि इन भवनों के माध्यम से अनुसूचित जाति वर्ग की हमारी बेटियां सुविधापूर्ण तरीके से अपनी शिक्षा को जारी रख सकेंगी और अच्छी तरह पढ़-लिखकर अपने माता-पिता और हमारे प्रदेश का नाम रोशन करेंगी। पांचों छात्रावासों के शुरू हो जाने से अनुसूचित जाति की तीन सौ कन्याओं की अपनी पढ़ाई के लिए आवासीय सुविधा मिलेगी। इन छात्रावासों की लागत आठ करोड़ छह लाख रुपये से ज्यादा है। मुख्यमंत्री ने पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जाति कन्या छात्रावास आरंग 100 सीटर लागत 174.67 लाख, प्री मैट्रिक अनुसूचित जाति कन्या छात्रावास मंदिर हसौद, 50 सीटर लागत 174.67 लाख, अनुसूचित जाति कन्या आश्रम आरंग 50 सीटर लागत 162.76 लाख, अनुसूचित जाति कन्या छात्रावास आश्रम 50 सीटर लागत 162.76 लाख, नवीन प्री मैट्रिक अनुसूचित जाति कन्या छात्रावास आरंग 50 सीटर लागत 152.97 लाख रूपए का शुभारंभ किया।

हॉस्टल में मिलेंगी सुविधाएं

त्रावास-आश्रमों में अनुसूचित जाति की छात्राओं को पढ़ाई के लिए प्रवेश दिया जाएगा, जहां रहकर वे अपनी पढ़ाई पूरी कर सकेंगी। छात्रावासों में सुसज्जित शयन कक्ष, कम्प्यूटर कक्ष, क्लास रूम्स सहित भोजन कक्ष और पर्याप्त संख्या में शौचालय तथा स्नानागार बनाये गए हैं। भवनों में बिजली-पानी की भी पर्याप्त सुविधा उपलब्ध कराई गई है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने लगभग 20 स्कूली छात्राओं को आने-जाने के लिए निः शुल्क साइकिलें भी वितरित की। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में भी हमारी सरकार लगातार कार्य कर रही है। पीएम श्री योजना में छत्तीसगढ़ के 211 स्कूलों को शामिल किया गया है। इन स्कूलों के विकास के लिए केंद्र सरकार से 02 करोड़ रूपए का बजट मिलेगा, जिसका उपयोग स्कूल में अच्छे शिक्षकों की उपलब्धता, शैक्षणिक गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए किया जाएगा। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ से दिल्ली जाकर आईएएस, आईपीएस परीक्षा की तैयारी करने वाले एसटी, एससी, ओबीसी वर्ग के छात्रों के लिए दिल्ली में निर्धारित हॉस्टल में सीटों की संख्या की बढ़ोतरी करते हुए उसे 200 किया गया है।


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