छत्तीसगढ़ में गरीबों का साकार हो रहा अपना पक्का घर का सपना, पढ़िये सीएम विष्णुदेव की कोशिशों से आवास योजना के पंख लग गए

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सुशासन की सरकार और संवेदनशील सरकार ने आवासहीन परिवारों को पक्की छत देने के लिए कृतसंकल्पित है।

Update: 2024-08-22 11:15 GMT

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सुशासन की सरकार और संवेदनशील सरकार ने आवासहीन परिवारों को पक्की छत देने के लिए कृतसंकल्पित है। यह योजना न केवल लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने में सहायक है,बल्कि उन्हें एक सुरक्षित और स्थिर आवास भी प्रदान करती है। मोदी की गारंटी और विष्णु के सुशासन में गरीब परिवारों को उनका खुद का पक्का मकान मिल रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार की इसी पहल से नारायणपुर जिले के ग्राम पंचायत टीमनार निवासी सियाबती पिता मानकू का पक्का मकान बनाने का सपना साकार हुआ है। सियाबती ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना उनके लिए वरदान साबित हुई है। उन्होंने पुराने दिनों की कठिनाइयों को याद करते हुए बताया कि पहले कच्चे घरौंदे में रहना काफी तकलीफदायक था। मौसम के अनुसार विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ता था, कभी छत टपकती थी तो कभी ठंड से रात भर नींद पूरी नहीं होती थी। अब पक्का मकान मिलने से उनकी ये समस्याएं दूर हो गई हैं। प्रधानमंत्री आवास पूर्ण होने से हितग्राही बहुत खुश हैं एवं अपने नवीन आवास में निवासरत हैं।

हितग्राही अब स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत शौचालय एवं उज्वला योजना अंतर्गत गैस कनेक्शन से लाभान्वित है। सियाबती ने जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन और लाभ पहुंचाने के देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का आभार व्यक्त किया।

प्रधानमंत्री आवास योजना का मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को पक्का आवास उपलब्ध कराना है, जिससे वें लोग बिना परेशानियों का अपना जीवन व्यतीत कर सकें। आज इस योजना का लाभ सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी मिल रहा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सुशासन की सरकार और संवेदनशील सरकार ने इस योजना के माध्यम से कई परिवारों की जिंदगी को बदल दिया है। प्रधानमंत्री आवास योजना न केवल लोगों को आवास प्रदान करती है, बल्कि उन्हें एक सुरक्षित और स्थिर जीवन जीने का अवसर भी देती है। यह योजना प्रदेश में उन सभी लोगों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है जो अपने घर का सपना देख रहे हैं।

राज्य सरकार की इसी पहल से बलौदाबाजार की भोजेश्वरी वर्मा का सपना साकार हुआ है, बल्कि यह पहल पूरे जिले में एक नई उम्मीद और उज्ज्वल भविष्य की किरण साबित हो रही है। आशाएं जब जीवंत रूप लेती हैं तो उसकी खुशी पूरे घर में साझा की जाती है। ऐसा ही एक दृश्य बलौदाबाजार भाटापारा जिले के ग्राम सकरी निवासी में देखने को मिला.जहां प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत लोगों का आवास का सपना साकार हुआ है।

श्रीमती भोजेश्वरी वर्मा ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना उनके लिए वरदान साबित हुई है। वे पुराने दिनों की कठिनाइयों को याद करते हुए बताती हैं कि कच्चे मकान में रहना काफी तकलीफ दायक था। मौसम के अनुसार विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ता था। कभी छत टपकती थी तो कभी ठंड से रात भर नींद पूरी नहीं होती थी। अब पक्का मकान मिलने से उनकी ये समस्याएं दूर हो गई हैं।

प्रधानमंत्री आवास योजना का मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को पक्का आवास उपलब्ध कराना है,जिससे वे लोग बिना परेशानियों का अपना जीवन व्यतीत कर सकें। आज इस योजना का लाभ सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी मिल रहा है। इसके साथ ही श्रीमती भोजेश्वरी वर्मा महतारी वंदन योजना का भी लाभ ले रही है।

उन्होंने बताया कि उनके द्वारा फरवरी 2024 में महतारी वंदन योजना का फॉर्म आंगनबाड़ी केंद्र में भरी थी। जिसके तहत प्रतिमाह एक- एक हजार रुपए की किस्त प्राप्त हो रही है, जिसका उपयोग उनके द्वारा अपने घर के सामान्य खर्च तथा अपने बच्चो की पढाई लिखाई के लिए कर रही है जो उन्हें सशक्त और मजबूत बनाने में सहयोगी सिद्ध हो रही है उन्होंने प्रसन्नचित होकर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को इस योजना का लाभ दिलाने के लिए धन्यवाद दिया है।

हर एक व्यक्ति का सपना होता है कि उनका अपना एक पक्का मकान हो, जिसे पूरा करने के लिए वह आजीवन परिश्रम करता है लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति के लिए स्वयं का पक्का मकान बना पाना एक सपने ही रह जाता है था। ऐसे में उस सपने को भारत सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री आवास योजना एवं प्रधानमंत्री जनमन आवास के जरिये साकार किया जा रहा। ऐसी ही एक कहानी जशपुर जिले के जनपद पंचायत मनोरा के ग्राम पंचायत करदना (छतौरी) से है, जहां राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहलाने वाले विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा जो ज्यादातर घने जंगलो में पेड़, पत्ते एवं छाल से झोपड़ी बनाकर निवास करते थे जिन्हें बरसात के मौसम में प्रतिवर्ष टपकते छत एवं सांप-बिच्छू की समस्या रहती थी। जिसके कारण उन्हें जीवन-यापन करना एक चुनौती थी। ऐसे में भारत सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना एक वरदान साबित हुई है। जिसके तहत ग्राम पंचायत करदना में कुल 30 पहाड़ी कोरवा परिवार का सर्वे कर वर्तमान में 16 आवास का स्वीकृति प्रदान कर 12 आवास पूर्ण कर लिया गया एवं 4 आवास निर्माणाधीन है।

जिले के पीवीटीजी के हो रहे सपने पूरे

इन सभी हितग्राहियों को शासन की समस्त योजनाओं का लाभ दिलाने एवं मुख्यधारा से जोड़ने हेतु एक स्थान पर व्यवस्थित तरीके से व्यवस्थापन कर एक सुविधायुक्त कॉलोनी का निर्माण किया गया है। जिसमें प्रथम चरण में पीएम जनमन आवास का निर्माण किया जा रहा है एवं कॉलोनी में समस्त पहाड़ी कोरवा परिवारों हेतु व्यक्तिगत शौचालय, जीवन यापन हेतु सभी परिवारों को मुर्गी/बकरी शेड की स्वीकृति दी जा रही है। मुख्य मार्ग से कॉलोनी तक पहुंचने के सीसी रोड़ की स्वीकृती एवं कॉलोनी में सोलर स्ट्रीट लाईट, स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था किया जा रहा है।

बुनियादी सुविधाओं का मिल रहा लाभ

यहां उल्लेखनीय है कि देश में पहली बार इन विशेष पिछड़ी जनजातियों के विकास के लिए प्रधानमंत्री जनमन योजना बनाई गई है। यह योजना प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी शुरू की थी। छत्तीसगढ़ में इस योजना पर तेजी से क्रियान्वयन हो रहा है। पीएम जनमन योजना की क्रियान्वयन से जशपुर जिले में रह रहे बिरहोर, पहाड़ी कोरवा लोगों को बुनियादी सुविधाओं का लाभ मिलना शुरू हो गया है। घास-फूस के घरों की जगह इन परिवारों को पक्के घर दिए जा रहे हैं। इन जनजाति समुदाय लोग अब अपने परिवार के साथ एक सुन्दर से पक्के घर में रह रहे हैं और यह सब संभव हुआ पीएम जन-मन योजना से।

कच्चे मकान से पक्के मकान में पहुंचे सदाराम

सदाराम एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं और अपने परिवार के साथ एक छोटे से कच्चे मकान में रहते थे। उनके लिए एक सुरक्षित और स्थिर आवास का सपना देखना मुश्किल था। जीवन की इस कठिनाई के बावजूद, उन्होंने कभी भी अपने सपनों को नहीं छोड़ा और सही अवसर का इंतजार करते रहे। उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना की जानकारी ग्राम पंचायत के सरपंच एवं सचिव द्वारा प्राप्त हुई। उन्होंने ग्राम पंचायत की सहायता से प्रधानमंत्री आवास योजना का फॉर्म भरा और कुछ ही दिन बाद उन्हें पीएम आवास के लिए स्वीकृति प्राप्त हो गई। इसके बाद, उन्होंने आवास का निर्माण कार्य शुरू करवाया और लगभग चार महीने में उनका आवास पूर्ण हो गया। अब वे इस आवास में खुशी-खुशी अपना जीवन अपने परिवार के साथ व्यतीत कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह आवास न केवल उनके परिवार के लिए एक सुरक्षित आश्रय है, बल्कि उनके जीवन में एक नई उम्मीद और खुशियों की मुस्कान भी लेकर आया है। सदाराम ने इस योजना हेतु देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का आभार व्यक्त किया।

सड़क, बिजली भी दिए जाएं-सीएम विष्णुदेव

विशेष पिछड़ी जनजाति बहुल गांवों में ऐसे परिवारों को आवास सहित मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों के लिए संचालित पीएम जनमन योजना के तहत इन समुदायों से जुड़ी बसाहटों में सड़क, बिजली, आवास, पेयजल सहित सभी प्रमुख योजनाओं का लाभ इन परिवारों को दिए जाने के निर्देश दिए हैं।

कोरबा के मंगलूराम परिवार का सपना हुआ पूरा

इसी कड़ी में कोरबा जिला प्रशासन द्वारा विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए 650 आवास स्वीकृत हुए हैं जिसमें से 518 हितग्राहियों को प्रथम किश्त जारी की जा चुकी है। 135 हितग्राहियों को द्वितीय किश्त तथा 17 हितग्राहियों को तृतीय किश्त की राशि जारी की जा चुकी है। पाली विकासखंड के ग्राम पंचायत भंडारखोल में विशेष पिछड़ी जनजाति बिरहोर वर्ग के हितग्राही मंगलूराम के द्वारा जिले का प्रथम आवास पूर्ण कर लिया गया है। शुक्रवार को मंगलूराम ने अपने परिवार सहित विधिवत पूजन करके जनमन आवास में गृह प्रवेश किया। अपने स्वयं का पक्का आशियाना पा कर उसके परिजनों ने खुशी जाहिर की है।

2 लाख का लोन चार किस्तों में

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत आवास के लिए पीवीटीजी हितग्राही को पक्के आवास बनाने के लिए 2 लाख रुपये की राशि शासन द्वारा 4 किश्तों में दी जा रही है। इसके साथ ही हितग्राहियों को महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत 90 मानव दिवस की मजदूरी का लाभ भी दिया जा रहा है। जिले में 20 जनमन आवास का निर्माण छत स्तर तक पहुँच गया है।

Tags:    

Similar News