CG News: कैडर को लेकर शासन की सख्ती, गैर-कैडर अधिकारियों को प्रभार देने पर न्यायालयीन कार्रवाई की चेतावनी

CG News: न्यायालयीन प्रकरणों का उलझन, विभागीय विवाद सहित अन्य कारणों को लेकर राज्य सरकार अब कैडर को लेकर सख्ती बरतने लगी है। आदिम जाति विकास विभाग के प्रिंसिपल सिकरेट्री ने प्रदेशभर के कमिश्नर्स व कलेक्टर्स को पत्र लिखकर आदिम जाति विकास विभाग द्वारा संचालति छात्रावास व हॉस्टल में अधीक्षक के पद पर कैडर का विशेष ध्यान रखने की हिदायत दी है। कैडर से इतर किसी अन्य विभाग के कर्मचारियों को पदभार देने सख्ती के साथ मनाही की है।

Update: 2025-07-09 06:03 GMT

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CG News: रायपुर। आदिम जाति विकास विभाग के प्रिंसिंपल सिकरेट्री सोनमणि बाेरा ने रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, सरगुजा, जगदलपुर के अलावा प्रदेशभर के कलेक्टर्स को पत्र लिखकर मंडल संयाेजक का प्रभार अन्य विभागों के अधिकारियों को ना देने का निर्देश दिया है। प्रिंसिपल सिकरेट्री ने अपने पत्र में साफ लिखा है कि निर्देश के बाद भी अन्य विभाग के अधिकारियों को प्रभार सौंपने की स्थिति में न्यायालयीन प्रकरण व विवाद की स्थिति बनने पर खुद जिम्मेदार होंगे और तब सख्ती के साथ कार्रवाई की जाएगी। प्रिंसिपल सिकरेट्री ने प्रभार वाले संभाग के जिलों में नियमों व निर्देशों का कड़ाई से पालन कराने की बात कही है।

प्रिंसिपल सिकरेट्री ने अपने पत्र में लिखा है कि संयोजक, आदिवासी विकास का पद राज्य के अनूसूचित क्षेत्रों में सेटअप अनुसार स्वीकृत है। इनके माध्यम से विभाग अंतर्गत संचालित छात्रावास आश्रम का सुचारू संचालन एवं पर्यवेक्षण का महत्वूपर्ण कार्य किया जाता है। इसके साथ विभाग की महत्वपूर्ण योजनाओं एवं कार्यों के संपादन में भी इनका सहयोग लिया जाता है।

वर्तमान में शासन के संज्ञान में यह आया है कि संभाग आयुक्त एवं जिला कलेक्टरों द्वारा अन्य विभागों से कर्मचारियों को मंडल संयोजक के पद का प्रभार दिया जा रहा है, जो कि प्रशासनिक दृष्टिकोण से उचित नहीं है। अन्य विभागों के कर्मचारी को इस विभाग की योजनाओं एवं कार्यों की जानकारी नहीं होती है साथ ही इस पद के प्रभार देने व हटाये जाने से न्यायालयीन प्रकरण की स्थिति निर्मित होती है। इनकी शिकायतों तथा अनियमितता से विभाग को आपत्तियों का सामना करना पड़ता है, जो शासन हित में नहीं है।

पद रिक्त होने पर इनको दे प्रभार

विभागीय भर्ती, पदोन्नति नियमानुसार मंडल संयोजक का पद रिक्त होने पर उस विकासखंड में पदस्थ वरिष्ठ छात्रावास अधीक्षक, विभागीय लिपिक संवर्गीय कर्मचारी को प्रभार दिया जाए। अपरिहार्य परिस्थितियों में यदि जिला स्तर से किसी मंडल संयोजक के पद का प्रभार अन्य विभाग के अधिकारी/कर्मचारी/शिक्षकों को सौंपा जाना है, तो उसका औचित्यपूर्ण प्रस्ताव शासन को प्रेषित करते हुए आवश्यक अनुमोदन उपरांत ही आगामी कार्यवाही की जाये।

आदेश का कड़ाई से पालन करने की हिदायत-

आदिम जाति, अनुसूचित जाति तथा पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने निर्देश जारी कर हिदायत भी दी है कि भविष्य में उक्त निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जाये, अन्यथा विवाद की स्थिति में किसी भी प्रकार की न्यायालयीन प्रकरण, अन्य विवाद व कार्य निष्पादन संबंधी समस्या विवाद के लिये जिम्मेदारी निर्धारित करते हुए कार्यवाही प्रस्तावित की जाएगी।


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