CG News: 10,463 स्कूलों की आज से बदल गई व्यवस्था, बच्चों को ढूंढना पड़ा अपना क्लासरुम, हेडमास्टर और प्राचार्य का ऑफिस

10463 स्कूलों का युक्तियुक्तकरण कर कैंपस के बड़े स्कूलों में मर्ज कर दिया गया। छत्तीसगढ़ में अभी तक करीब 4200 स्कूल थे। अब 10463 कम हो गए। आज जब सुबह स्कूल खुला तो सब बदला हुआ नजर आया। बच्चों और पालकों को क्लास रूम खोजने के लिए मशक्कत करनी पड़ी।

Update: 2025-06-16 06:10 GMT

बिलासपुर। आज से छत्तीसगढ़ सरकार का बहुचर्चित स्लोगन गूंजने लगा है। स्कूल चलें हम। आज से छत्तीसगढ़ में शैक्षणिक सत्र के दूसरे और अहम सत्र की शुरुआत हो गई है। शाला प्रवेशोत्सव मनाने स्कूलों में शिक्षक साथ-साथ नजर आए। शैक्षणिक सत्र की शुरुआत के साथ ही युक्तियुक्तकरण की नई तस्वीर भी सामने नजर आने लगी है। एक तस्वीर ये कि 10463 स्कूलों की व्यवस्था भी एकदम से बदली-बदली नजर आ रही है। पुरानी स्कूल और कैम्पस के बजाय नई स्कूल और कैम्पस में स्कूल बैग लिए बच्चों ने प्रवेश किया। बच्चों को अपना क्लास रूम ढूंढने में मशक्कत करनी पड़ी। एक नया अनुभव लिए नए कैम्पस में बच्चों ने प्रवेश किया।

छत्तीसगढ़ सरकार ने 10463 स्कूलों का युक्तियुक्तकरण कर कैंपस के बड़े स्कूलों में मर्ज कर दिया है। बड़े स्कूल और बड़े कैम्पस में पढ़ाई करने का बच्चों को नया अनुभव मिलना आज से शुरु हो गया है। अनुभव के बीच पहले दिन आपाधापी भी नजर आई। स्कूली बच्चों से लेकर पैरेंट्स और टीचर्स, सभी के लिए नए कैम्पस में नया अनुभव था। नया पर बेहतरीन अनुभव। एक कैम्पस और एक साथ अध्ययन अध्यापन का अनुभव। सुबह के वक्त थोड़ी आपाधापी भी नजर आई। पालकों से लेकर बच्चों में इस बात को लेकर कौतुहल नजर आया कि कौन सा क्लास रूम है। पहले से छोटा है या बड़ा। बच्चों की भीड़ के बीच छुट्टी के वक्त अपने बच्चे की पहचान कैसे करेंगे। किस जगह पर खड़े होकर बच्चे का इंतजार करना पड़ेगा। जैसे छोटे पर अहम सवाल पैरेंट्स के मन भी चलते रहा। बच्चों को समझाइश भी देते नजर आए कि छुट्टी के वक्त हम आपको यहीं पर खड़े मिलेंगे। छोटे बच्चों को पैरेंट्स की समझाइश और क्लास रूम तक छोड़कर आने और बैठते तक खड़े होकर इंतजार करने के बाद छुट्टी के पहले पहुंचने का वादा करते पैरेंट्स नजर आए।

बड़े कैम्पस में स्कूलों को मर्ज करने की जानकारी स्कूल प्रबंधन को भी है । इसी के साथ बच्चों और पैरेंट्स को आने वाली समस्या से भी वे परिचित हैं। लिहाजा बच्चों और पैरेंट्स को क्लास रूम से लेकर बिल्डिंग की जानकारी देने के अलावा स्कूल स्टाफ भी कैम्पस में सक्रिय नजर आए।

व्यवस्था होगी दुरुस्त, पढ़ाई का बनेगा माहौल-

छत्तीसगढ़ सरकार की मंशा साफ है, एक कैम्पस में स्कूल के संचालन से पूरी स्कूल का प्रबंधन बेहतर ढंग से होगा। ऊंची क्लास में तय समय में पढ़ाई होने से निचली की कक्षाओं के बच्चों से लेकर शिक्षकों में वर्किंग कल्चर भी नजर आएगा। स्कूलों में पर्याप्त स्टाफ होने से अध्ययन अध्यापन की व्यवस्था भी दुरुस्त नजर आएगी।

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