CG Mahadev App: आरक्षक घर से चला रहा महादेव सट्टा एप, सोशल मीडिया में वीडियो वायरल कर युवक ने लगाया आरोप
CG Mahadev App: महादेव सट्टा एप संचालन में आरक्षक का नाम एक वायरल वीडियो में सामने आया है। एक युवक ने आरक्षक पर अपने घर में सेटअप जमा महादेव एप से सट्टा खिलवाने का आरोप लगाते हुए बताया है कि आरक्षक ने उसे और उसके दोस्तों को सट्टा खिलावाने के लिए नौकरी पर रखा था। गलत काम का एहसास होने पर उन्होंने काम छोड़ दिया। एक माह में ही उन्होंने 48 लाख रुपए कमाई कर आरक्षक को दिए हैं। वहीं काम छोड़ देने पर आरक्षक दुबई तक अपनी पहुंच बता उन्हें धमका रहा है।
CG Mahadev App: अंबिकापुर। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो ने पलिस महकमे में हलचल मचा दी है। सतीपारा निवासी सत्यम केसरी नामक युवक ने बलरामपुर में पदस्थ आरक्षक प्रविन्द्र सिंह पर महादेव सट्टा एप के अवैध संचालन में संलिप्त होने का गंभीर आरोप लगाया है। युवक का दावा है कि आरक्षक ने उसे अपने किराए के मकान में सट्टा एप ऑपरेट कराने के लिए नियुक्त किया था और जब उसने इस अवैध कार्य से इनकार किया, तो उसे झूठे केस में फंसाने और “दुबई तक कनेक्शन” बताकर धमकाया गया।
किराए के मकान में चलता था महादेव सट्टा एप का सेटअप
युवक सत्यम केसरी ने वीडियो में बताया है कि फरवरी 2023 में आरक्षक प्रविन्द्र सिंह ने उसे अपने गाड़ाघाट स्थित किराए के मकान में एक महीने तक सट्टा एप ऑपरेट करने के लिए रखा। उस स्थान पर उसके पांच अन्य साथी भी कार्य कर रहे थे। आरक्षक खुद इस पूरे अवैध संचालन को मॉनिटर करता था। सत्यम के मुताबिक, आरक्षक प्रविन्द्र सिंह को एक माह में उन्होंने काम कर 48 लाख रुपए का प्रॉफिट दिया था।
इनकार करने पर मिली धमकी, युवक शहर छोड़कर हुआ फरार
वीडियो में सत्यम ने बताया कि जब उसे इस काम की अवैधता का एहसास हुआ, तो उसने इनकार कर दिया। इसके बाद आरक्षक ने उसे झूठे केस में फंसाने, उठवा लेने और अपने दुबई कनेक्शन की धमकी दी। धमकियों से डरा सत्यम अब शहर छोड़कर फरार है। युवक ने आरक्षक के साथ-साथ जिमी और अमित मिश्रा नामक दो अन्य व्यक्तियों को भी इस सट्टा नेटवर्क में संलिप्त बताया है।
पुलिस विभाग ने जांच के निर्देश दिए
सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस वीडियो को लेकर आईजी सरगुजा रेंज दीपक झा ने मीडिया को बताया कि वीडियो की जांच करवाई जा रही है। प्रारंभिक स्तर पर वीडियो को संज्ञान में लेकर बलरामपुर जिला पुलिस को जांच सौंप दी गई है। जांच उपरांत नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।