CG: दो तहसीलदार होंगे निलंबित, बिल्डरों को सौंप दी शासकीय भूमि, कलेक्टर ने निलंबन हेतु भेजा प्रस्ताव...

CG: शासकीय भूमि की बंदरबाट कर बिल्डरों को लाभ पहुंचाने वाले दो तहसीलदारों के खिलाफ जांच करवाने के बाद मामले की पुष्टि होने पर संभाग कमिश्नर को बिलासपुर कलेक्टर ने निलंबन और विभागीय जांच करवाने हेतु प्रतिवेदन भेजा है। इसके अलावा लाभान्वित हुए तीनों बिल्डरों का लेआउट भी निरस्त किया जा रहा है।

Update: 2024-09-19 14:50 GMT

Bilaspur बिलासपुर। सरकारी जमीनों को बिल्डरों को उपयोग के लिए देने वाले दो तहसीलदारों के खिलाफ निलंबन का प्रस्ताव बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण ने संभाग आयुक्त को भेजा है। दोनों ने पूर्व में बिलासपुर तहसील में पदस्थ रहने के दौरान अलग-अलग बिल्डरों को लाभ पहुंचाने की नीयत से शासकीय भूमि उन्हें सौंप दी थी। जिस पर कलेक्टर ने जांच करवाने के बाद निलंबन हेतु प्रस्ताव भेजा है। जिन तहसीलदारों के निलंबन हेतु प्रस्ताव भेजे गए हैं उनमें से शेषनारायण जायसवाल जीपीएम तो वही शशिभूषण सोनी बिलासपुर जिले में वर्तमान में पदस्थ है।

तत्कालीन अतिरिक्त तहसीलदार बिलासपुर शशिभूषण सोनी द्वारा प्रकरण कमांक 202310075300018 राज कन्स्ट्रक्शन द्वारा भागीदार अर्जुन सिंह कछवाहा पिता शैलेन्द्र सिंह कछवाहा में आवेदक के ग्राम बिरकोना म०नं० 01 तहसील व जिला बिलासपुर छ०ग० स्थित निजी भूमिस्वामी हक की भूमि खसरा कमांक 1330/2 रकबा 0.279 हे० के सामने स्थित शासकीय भूमि खसरा कमांक 1331 उपयोग अपनी भूमि पर आवागमन हेतु किए जाने के लिए प्रस्तुत आवेदन पत्र पर किसी प्रकार के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं होना पाकर प्रस्तुत आवेदन का निराकरण करते हुए आवेदक को भविष्य में किसी प्रकार के भूमि अर्जन भूमि आबंटन या किसी अन्य प्रयोजन के लिए दावा-आपत्ति पर पृथक से निराकरण किये जाने तथा शासकीय भूमि खसरा क्रमांक 1331 के मूल स्वरूप को अपरिवर्तित रखते हुए आवागमन हेतु ही उपयोग किए जाने की शर्त पर आवेदक को ग्राम बिरकोना म०नं० 01 तहसील व जिला बिलासपुर छ०ग० स्थित उसकी निजी भूमिस्वामी हक की भूमि खसरा क्रमांक 1330/2 रकबा 0.279 हे0 के सामने स्थित शासकीय भूमि खसरा कमांक 1331 (30 फीट चौड़ा रास्ता) का उपयोग आवागमन हेतु किए जाने अनुमति दी जाती है। प्रकरण में पृथक से किसी प्रकार के आदेश की आवश्यकता नहीं होने के कारण समाप्त किये जाने का आदेश पारित किया गया है।

उक्त प्रश्नाधीन भूमि पर तत्कालीन संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश क्षेत्रीय कार्यालय बिलासपुर द्वारा पत्र कमांक 1208/न.ग्रा.नि./ प्र.क्र. 13/सी.जी.आ. 00172/धारा 29/22 बिलासपुर दिनांक 11.04.2022, पत्र क्रमांक 1877/न.ग्रा.नि./ प्र.क. 45/सी.जी.आ. 00005/धारा 29/23 बिलासपुर दिनांक 13.04.2023 एवं पत्र कमांक 351/न.ग्रा.नि./ प्र.क. 68/सी.जी.आ. 00149/23/धारा 29/24 बिलासपुर 10.01.2024 के द्वारा आवेदकों को आवासीय/भू-खण्डीय विकास अनुज्ञा जारी करने हेतु पत्र जारी किया गया। उक्त आधार पर विकास अनुज्ञा जारी किया जाना पाया गया। 

नस्ती में संलग्न दस्तावेज का अवलोकन करने से स्पष्ट है कि भूमि बंटन/व्यवस्थापन के संबंध में लागू छ०ग० शासन राजस्व एव आपदा प्रबंधन विभाग के पत्र क्रमांक एफ -7-117/सात-1/2011 वर्ष 2011 के अनुसार सार्वजनिक मार्ग और आवेदित कालोनी/भू-खण्ड के मध्य शासकीय भूमि अथवा निजी भूमि है तो पहुंच मार्ग हेतु शासकीय भूमि का आबंटन नियमानुसार मार्ग निर्माण हेतु किया जा सकेगा इस तरह आबंटित की जाने वाली भूमि प्राईवट बिल्डर्स को शासकीय/ नजूल भूमि आबंटन हेतु गठित अंर्तविभागीय समिति द्वारा प्रचलित गाईड लाईन पर आबंटित की जावेगी। भूमि आबंटन के पश्चात ही अनुज्ञा जारी किया जाना उचित होगा क्योंकि किसी भी आवासीय स्थल तक पहुंच मार्ग उपलब्ध होने से भू-खण्ड का मूल्य संवर्धन होता है।

मामले की जांच ज्वाइंट कलेक्टर मनीष साहू (ओआईसी, लेंड रिकार्ड) ने की। जांच रिपोर्ट में उन्होंने तात्कालिक नायब तहसीलदार शेषनारायण जायसवाल एवं अतिरिक्त तहसीलदार शशि भूषण सोनी ने पद का दुरुपयोग करते हुए कॉलोनाइजर को शासकीय भूमि से नियम विरुद्ध रास्ता प्रदान कर शासन को राजस्व की क्षति पहुंचाने की पुष्टि की है। उक्त जांच रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टर ने दोनों को निलंबित करने एवं विभागीय जांच संस्थित करने हेतु संभाग कमिश्नर को प्रतिवेदन भेजा है। इसके अलावा लाभान्वित हुए तीनों बिल्डरों का लेआउट भी निरस्त किया जा रहा है।

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