Bilaspur News: मिशन अस्पताल की जमीन पर होगा प्रशासन का कब्जा, कमिश्नर कोर्ट ने सुनाया फैसला

Bilaspur News: मिशन अस्पताल के लीज धारकों की अपील कमिश्नर न्यायालय से निरस्त होने के बाद सोमवार को जिला प्रशासन ने कब्जा कर लिया है।

Update: 2024-11-05 03:51 GMT

Bilaspur News: बिलासपुर। शहर के मध्य में स्थित मिशन अस्पताल की जमीन के स्वामित्व को लेकर कमिश्नर न्यायालय ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. कमिश्नर कोर्ट ने लीज धारकों की अपील खारिज क्र दी है. कोर्ट के फैसले के बाद जिला प्रशासन न. अस्पताल और पूरी जमीन को अपने कब्जे में लिया है। जिला प्रशासन की टीम अस्पताल पहुंची और परिसर में जगह-जगह कब्जे पर लेने संबंधी नोटिस चस्पा कर दिया।

मिशन अस्पताल के लीज का मामला काफी चर्चाओं में रहा था। यह जमीन शहर के मध्य में स्थित है। जिसे सेवा के नाम से 11 एकड़ जमीन लीज पर दी गई थी। लीज पर जमीन लेकर डायरेक्टर रमन जोगी ने इसे चौपाटी बनाकर किराए पर दे रखी थी। एक रेस्टोरेंट भी इस पर संचालित हो रहा था। जिससे लाखों रुपए किराए के रूप में वसूले जा रहे थे। लीज की शर्तों का उल्लंघन कर व्यावसायिक उपयोग करने पर कलेक्टर अवनीश शरण की तिरछी नजर पड़ी। जब इसके रिकॉर्ड मंगवाए गए तब चौंकाने वाले खुलासे हुए। सन 1966 में लीज का नवीनीकरण साल 1994 तक के लिए कर लीज बढ़ाई गई थी। 31 अप्रैल 1994 तक लीज की अवधि थी। लीज की अवधि बढ़ाने के समय इसमें कई शर्तें भी लागू की गई थी। पर शर्तों का उल्लंघन कर न केवल इसका व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा था बल्कि 92069 वर्ग फिट अन्य व्यक्तियों के नाम रजिस्टर विक्रय पत्र के माध्यम से विक्रय भी किया गया था। लीज अवधि समाप्त होने के बाद भी लीजधारक कब्जे पर कायम था। जिस पर कलेक्टर के निर्देश पर निगम कमिश्नर अमित कुमार, बिलासपुर एसडीएम पीयूष तिवारी, नजूल अधिकारी एसएस दुबे, नजूल तहसीलदार शिल्पा भगत की टीम ने अस्पताल के अधिग्रहण की कार्यवाही शुरू की।

पूर्व कमिश्नर एक्का के आदेश को पलटा

अधिग्रहण के खिलाफ लीज धारकों ने पूर्व कमिश्नर नीलम नामदेव एक्का की अदालत में जाकर स्टे ले लिया था। फैसले से नाराज राज्य सरकार ने पोस्टिंग के 1 महीने के भीतर ही कमिश्नर नीलम नामदेव एक्का को हटा दिया था। इसके बाद रायपुर कमिश्नर महादेव कावरे को बिलासपुर संभाग का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया। नए कमिश्नर महादेव कावरे ने एक्का के आदेश को रद्द करते हुए 30 अक्टूबर को आदेश जारी कर मिशन अस्पताल के लीज धारकों का लीज निरस्त कर दिया। जिसके बाद आज जिला प्रशासन ने भौतिक कब्जे की कार्यवाही की।

यह है मामला

मिशन अस्पताल की स्थापना साल 1885 में हुई थी। इसके लिए क्रिश्चियन वुमन बोर्ड ऑफ मिशन हॉस्पिटल बिलासपुर ,तहसील व जिला बिलासपुर छत्तीसगढ़ को जमीन आबंटित की गई थी। यह मोहल्ला चांटापारा शीट नंबर 17, प्लाट नंबर 20/1 एवं रकबा 382711 एवं 40500 वर्गफीट है। 1966 में लीज का नवीनीकरण कर साल 1994 तक लीज बढ़ाई गई थी। पुलिस की अवधि 31 अप्रैल 1994 तक के लिए थी। जिसमें मुख्य रूप से निर्माण में बदलाव एवं व्यवसायिक गतिविधियां बिना कलेक्टर की अनुमति के न किए जाने की शर्त थी। पुलिस की नवीनीकरण उपरांत सीट नंबर 14 प्लाट नंबर 20 रकबा 474790 में से 92069 वर्गफीट अन्य व्यक्ति को रजिस्टर्ड विक्रय पत्र के माध्यम से विक्रय भी किया गया था। इसके साथ ही किराए पर अन्य प्रतिष्ठानों को दे इसे कमाई का माध्यम बना लिया गया था। 1994 को लीज खत्म होने के बाद 30 वर्षों तक लीज का नवीनीकरण नहीं करवाया गया था।

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