Bilaspur High Court: जल जीवन मिशन में गड़बड़ी: हाई कोर्ट ने कहा, योजना में लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेंगे, जिम्मेदारों की तय होगी जवाबदेही....

Bilaspur High Court: जल जीवन मिशन में अनियमितता को लेकर हाईकोर्ट की नाराजगी सामने आई है. नाराज कोर्ट ने योजना से जुड़े अफसरों को नोटिस जारी कर शपथ पत्र के साथ जवाब मांगा है.

Update: 2025-09-16 15:34 GMT

Bilaspur High Court: बिलासपुर। हाई कोर्ट ने मंगलवार को जल जीवन मिशन में सामने आई अनियमितताओं पर गंभीर टिप्पणी की है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने कहा कि योजना में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिम्मेदार अफ़सरों की जवाबदेही तय की जाएगी।

बेंच ने साफ़ कहा, जवाबदेही से बचने की कोई भी कोशिश स्वीकार नहीं की जायेगी. आवश्यकतानुसार कठोर कार्रवाई की जाएगी।

केंद्र सरकार की ओर से पैरवी करते हुए अतिरिक्त सालिसिटर जनरल रमाकांत मिश्रा ने डिविज़न बेंच को बताया कि मिशन के लिए केंद्र की हिस्सेदारी की 50 प्रतिशत राशि अभी तक जारी नहीं की गई है। इसे लेकर हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई।

बिलासपुर जिले में योजना से जुड़ी गड़बड़ियों को लेकर मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने गंभीरता से लेते हुए जनहित याचिका के रूप में सुनवाई प्रारंभ की है. सुनवाई के दौरान डिविज़न बेंच ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर शपथ पत्र के साथ योजना की शुरुआत, वर्तमान स्थिति और अंतिम लक्ष्य की जानकारी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.

33 गांवों में पेयजल संकट; स्कूली बच्चे भी परेशान

जनहित याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के दौरान यह बात सामने आई कि जल जीवन मिशन के तहत बिलासपुर जिले के 33 गांवों में स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। हजारों ग्रामीण परेशान हैं और कई स्कूलों में बच्चों को पीने का पानी नहीं मिल पा रहा है। योजना के तहत केंद्र और राज्य सरकार की 50-50 प्रतिशत भागीदारी है. फंड की कमी और प्रशासनिक लापरवाही के कारण योजना प्रभावित हो रही है।

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