Bharat Mala Project Scam: भारत माला प्रोजेक्ट जमीन अधिग्रहण घोटाला: ED की रेड में मिले महत्वपूर्ण दस्तावेज व इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, 40 लाख कैश जब्त

Bharat Mala Project Scam: भारतमाला परियोजना के तहत रायपुर-विशाखापत्तनम राजमार्ग परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण घोटाले की जांच अब ED ने अपने हाथों में ले लिया है। रायपुर और महासमुंद में हरमीत सिंह खूनजा व अन्य लोगों के 9 ठिकानों पर ईडी ने छापामार कार्रवाई की थी। ईडी ने 40 लाख रुपये कैश के अलावा महत्वपूर्ण दस्तावेज व इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की जब्ती बनाई है।

Update: 2025-12-31 12:26 GMT

Bharat Mala Project Scam: रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय ED ने 29 दिसंबर 2025 को छत्तीसगढ़ राज्य के रायपुर और महासमुंद में स्थित 10 परिसरों में हरमीत सिंह खानुजा और अन्य के आवासीय और आधिकारिक परिसरों में PMLA, 2002 के तहत छापामार कार्रवाई की थी। भारत माला परियोजना के तहत रायपुर-विशाखापत्तनम राजमार्ग परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण के दौरान नियमों के विपरीत जमीनों को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटकर भूअर्जन की प्रक्रिया को अंजाम दिया था। इससे सरकारी खजाने काे 34 करोड़ रुपये का चूना लगाया है।

ईडी ने प्रापर्टी डीलर और राजस्व अफसरों के ठिकानों पर एकसाथ छापेमारी की। कुछ जगहों पर अफसर व कर्मचारी नहीं मिले। घर में ताला जड़कर निकल गए थे। जिन अधिकारी व राजस्व विभाग के कर्मचारियों के घर पर ताला जड़ा मिला, दीवार पर नोटिस चस्पा कर ईडी के अफसर निकल गए। जो मिले उनके घरों में दस्तावेजों के अलावा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की जांच चलती रही। ईडी की टीम प्रॉपर्टी डीलर हरमीत सिंह खनूजा के नवा रायपुर स्थित घर के अलावा महासमुंद में उनके ससुराल हरमीत चावला और जसबीर सिंह बग्गा के घर भी अफसरों ने दबिश दी। बता दें कि ACB व EOW ने तत्कालीन एसडीओ (राजस्व), अभनपुर, रायपुर निर्भय साहू और अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 और भारतीय दंड संहिता, 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज एफआईआर के आधार पर ईडी ने जांच शुरू की। एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि रायपुर-विशाखापत्तनम राजमार्ग परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण के आधिकारिक अभिलेखों में हेराफेरी करके आरोपियों ने सरकारी अधिकारियों के साथ मिली भगत कर अवैध मुआवजा प्राप्त किया।

ईडी की जांच में पता चला कि आरोपियों ने कुछ सरकारी कर्मचारियों के साथ आपराधिक साजिश रचकर, भारतमाला परियोजना के तहत अधिग्रहित भूमि के लिए धोखाधड़ी से अतिरिक्त मुआवजा प्राप्त किया। उन्होंने बैक डेट में जानबूझकर परिवार के सदस्यों के बीच बड़े भू-भागों का छोटे-छोटे टुकड़ों में बांट दिया। भूमि अधिग्रहण से पहले कई छोटे-छोटे भूखंडों को दिखाने के लिए भूमि का यह कृत्रिम विभाजन किया गया था, जिससे मुआवजे की व्यवस्था का दुरुपयोग करके अधिक मुआवजा प्राप्त किया जा सके।

राजस्व अभिलेखों में हेरफेर करके इन टुकड़ों को अधिग्रहण प्रक्रिया से पहले का दिखाया गया, जिसके परिणामस्वरूप बढ़ा हुआ अवैध मुआवजा स्वीकृत और वितरित किया गया।

NPG.NEWS ने किया था घोटाले का पर्दाफाश

रायपुर से विशाखापट्टनम के बीच निर्माणाधीन भारतमाला प्रोजेक्ट में 34 करोड़ रुपए के मुआवजा घोटाले की परत-दर-परत पर्दाफाश NPG.NEWS ने किया था। एनपीजी की खबर के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने EOW को घोटाले की जांच का जिम्मा सौंपा है। केंद्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना में से एक इस प्रोजेक्ट में सरकारी खजाने को पहुंचाए गए नुकसान की जांच और घोटालेबाजों तक पहुंचने के लिए अब इस मामले में ईडी की इंट्री हो गई है।

रायपुर से विशाखापट्टनम के बीच निर्माणाधीन भारतमाला प्रोजेक्ट में 34 करोड़ रुपए के मुआवजा घोटाले की परत-दर-परत पर्दाफाश NPG.NEWS ने किया था। एनपीजी की खबर के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने EOW को घोटाले की जांच का जिम्मा सौंपा है। केंद्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना में से एक इस प्रोजेक्ट में सरकारी खजाने को पहुंचाए गए नुकसान की जांच और घोटालेबाजों तक पहुंचने के लिए अब इस मामले में ईडी की इंट्री हो गई है। पढ़िए इनसाइड स्टोरी, ईडी की इंट्री के क्या मायने हैं। जाहिरतौर पर शराब घोटाले की तर्ज पर अब घोटालेबाजों तक पहुंचने ईडी अपने स्तर पर कार्रवाई शुरू कर दी है। छापेमारी के बाद से यह तय हो गया है कि ईडी पहले दस्तावेज जुटाएगी और उसके बाद अपना शिकंजा कसना शुरू करेगी।

ईडी ने सोमवार को रायपुर और महासमुंद में 9 ठिकानों पर एकसाथ दबिश दी। ईडी ने प्रापर्टी डीलर और राजस्व अफसरों के ठिकानों पर एकसाथ छापेमारी की। कुछ जगहों पर अफसर व कर्मचारी नहीं मिले। घर में ताला जड़कर निकल गए थे। जिन अधिकारी व राजस्व विभाग के कर्मचारियों के घर पर ताला जड़ा मिला, दीवार पर नोटिस चस्पा कर ईडी के अफसर निकल गए। जो मिले उनके घरों में दस्तावेजों के अलावा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की जांच चलती रही। ईडी की टीम प्रॉपर्टी डीलर हरमीत सिंह खनूजा के नवा रायपुर स्थित घर के अलावा महासमुंद में उनके ससुराल हरमीत चावला और जसबीर सिंह बग्गा के घर भी अफसरों ने दबिश दी।

घोटालेबाज राजस्व अधिकारियों पर ED की नजर

तत्कालीन एसडीएम निर्भय साहू, आरआई रोशन लाल वर्मा, तहसीलदार शशिकांत कुरें, नायब तहसीलदार लखेश्वर प्रसाद किरण, पटवारी जितेंद्र साह, बसंती घृतलहरे, दिनेश पटेल और लेखराम देवांगन के घरों में दबिश देकर दस्तावेजों की पड़ताल की व जब्ती भी बनाई। छापेमारी के दौरान रोशन लाल वर्मा सहित आधा दर्जन अधिकारियों ने अपने घरों में ताला जड़ दिया था।

EOW की जांच, ED की पैनी नजर

तत्कालीन पटवारी गोपाल राम वर्मा, पीएचई अधिकारी नरेंद्र नायक, गृहिणी उमा तिवारी, पति केदार तिवारी, कारोबारी विजय जैन, खेमराज कोसले, पुनुराम देशलहरे, भोजराम साहू और अभनपुर नगर पंचायत अध्यक्ष कुंदन बघेल। ये ऐसे लोगों हैं जिनको घोटाले में संलिप्तता के आरोप में ईओडब्ल्यू ने गिरफ्तार किया था। इन लोगों को कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। अभी सभी लोग जमानत पर हैं। ईडी ने अब इनकी भूमिका पर अपनी नजर रखना शुरू कर दिया है। घोटाले में संलिप्तता को लेकर ईडी ने अब इनकी भूमिका की जांच शुरू कर दी है।

बैकडेट में फर्जी बंटवारा व नामांतरण के बनाए दस्तावेज

प्रापर्टी डीलर हरमीत खनूजा की पत्नी तहसीलदार है। हरमीत ने कारोबारी विजय जैन, खेमराज कोसले और केदार तिवारी के साथ मिलकर बैकडेट में किसानों से फर्जी बंटवारा, नामांतरण के दस्तावेज तैयार कराया। ब्लैंक चेक और आरटीजीएस फॉर्म पर हस्ताक्षर भी करा लिया। आईसीआईसीआई बैंक, महासमुंद में अकांउट खुलवाया। इसी बैंक अकाउंट में मुआवजे की राशि जमा कराई। इसके बाद अलग-अलग खातों में राशि ट्रांसफर किया गया।

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