बिलासपुर। पूर्व टीआई व वर्तमान डीएसपी की याचिका पर गृह सचिव द्वारा हाईकोर्ट से माफी मांगी गई है। डीएसपी द्वारा आदेश का पालन नही होने पर अवमानना याचिका लगाई थी। दोनों अधिकारियों द्वारा माफी मांग लिए जाने के बाद अवमानना याचिका को निराकृत कर दिया गया है।
वर्तमान में डीएसपी निकलोस खलको वर्ष 2007 में तखतपुर में थाना प्रभारी के पद में पदस्थ थे। उस समय उनके खिलाफ शिकायत प्राप्त होने पर सन 2009 में उनके विरुद्ध आईजी बिलासपुर ने उन्हें आरोप पत्र जारी कर दिया। और विभागीय जांच शुरू कर दी।
दस साल बाद 2019 में गृह सचिव द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी कर दंडादेश पारित करने के सम्बंध में जवाब मांगा गया। इतने समय बाद विभागीय कार्यवाही व विलंब से पीड़ित होकर याचिकाकर्ता द्वारा अधिवक्ता अभिषेक पांडेय व घनश्याम शर्मा के माध्यम से हाईकोर्ट के समक्ष रिट याचिका दायर की गई। हाईकोर्ट द्वारा गृह सचिव व डीजीपी को यह निर्देशित किया गया कि वे विधि ल अनुसार विभागीय जांच का अंतिम निराकरण करें। निर्धारित समयावधि में हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेश का पालन न किये जाने से क्षुब्ध होकर डीएसपी निकोलस ख़लको द्वारा हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की। गृह सचिव व पूर्व डीजीपी को अवमानना नोटिस मिलने के बाद डीएसपी निकलोस ख़लको के विरुद्ध की जा रही संपूर्ण विभागीय जांच व कार्यवाही को निरस्त कर दिया गया।
जिस पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं द्वारा यह गम्भीर आपत्ति प्रस्तुत की गई कि गृह सचिव व पूर्व डीजीपी के द्वारा निर्धारित समयावधि में आदेश पालन न कर अवमानना याचिका की प्रतीक्षा की गई। हाईकोर्ट से गृह सचिव एवं पूर्व डीजीपी को अवमानना नोटिस जारी हो जाने के डेढ़ साल बाद आदेश का पालन किया गया। हाईकोर्ट में जस्टिस पी सैम कोशी की सिंगल बेंच में मामले की सुनवाई हुई। जहां गृह सचिव व पूर्व डीजीपी के द्वारा बिना शर्त माफी मांग लिए जाने पर अवमानना याचिका निराकृत कर दी गई।