गुजरात में CM कौन :जिस तरह आए थे कुछ उसी तरह गए विजय रुपाणी.. देर शाम विधायक दल की बैठक में नए सीएम का नाम आएगा सामने

Update: 2021-09-11 08:18 GMT

अहमदाबाद,11 सितंबर 2021। ”मेरा मानना है कि अब गुजरात की विकास यात्रा प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में एक नए उत्साह और ऊर्जा के साथ नए नेतृत्व में आगे बढ़नी चाहिए, ये ध्यान में रखकर मैंने गुजरात के मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दिया है”
इन शब्दों के साथ पत्रकारों से चर्चा करते हुए पौन घंटे पहले तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे विजय रुपाणी ने अपनी बात रखी ताकि इस्तीफ़े की वजह जानने के इच्छुक और इस इस्तीफ़े के बाद भाजपा के भीतरखाने क्या होगा पर खबरों का तानाबाना बुनते खबरनवीसों को स्पष्ट हो सके।
विजय रुपाणी के जवाब से बस यह स्पष्ट हुआ जो कि पहले से स्थापित है कि भाजपा के इस मोदी युग में मोदी की मर्ज़ी के ख़िलाफ़ जाने की सोचते हुए भाजपा में रहना असंभव है, इसलिए शक्ति के इकलौते पूंज के आगे जैसे बाक़ी सब नत मस्तक हैं विजय रुपाणी भी हैं और वैसे भी गुजरात के पाँच बरस मुख्यमंत्री रह चुके विजय रुपाणी की राजनीति को जो जानते हैं उन्हें पता है कि वे लो प्रोफ़ाइल रहते हुए कम बोलने के आदी हैं।
यही वो ख़ासियत थी जिसने विजय रुपाणी को अगस्त 2016 में गुजरात का सीएम बना दिया जबकि आनंदीबेन पटेल गुजरात के मुख्यमंत्री पद से हटाई गई और राज्यपाल बना दी गईं।2017 के चुनाव में किसी तरह नैया पार लगी और गुजरात के रुप में भाजपा का गढ़ बच
गया।
लो प्रोफ़ाइल और चुप रह कर काम करने के आदी विजय रुपाणी जैन समुदाय से आते हैं और पटेल/पाटीदार समेत जातियों का समुच्चय जो दबाव समूह या कि चुनाव में निर्णायक भुमिका अदा करता है, उसके बीच विजय रुपाणी वो प्रभाव नहीं रखते जो कि असरकारक कहा जा सके।
ऐसे में जबकि अब बिल्कुल सामने विधानसभा चुनाव है, और उसके ठीक बाद लोकसभा चुनाव होंगे, भाजपा को गुजरात का गढ़ फिर से क़ब्ज़े में चाहिए।जबकि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी इतनी तेज़ी से सक्रिय हैं कि जनता के पास विकल्प या बदलाव का मानस जगह बनाने लगा है।
ऐसे में सीएम का चेहरा बदलने दांव है जो मोदी ने खेला है, अब वह दांव क्या उन नितिन पटेल को सीएम बनाएगा जो आनंदी बेन पटेल के समय से राज्य में दूसरे नंबर के नेता रहे और जिनका नाम आनंदी बेन पटेल के हटने पर इतनी तेज़ी से आया कि सबने मान ही लिया था कि वे मुख्यमंत्री बन रहे हैं। नितिन पटेल तब भी मुख्यमंत्री पद के सबसे करीबी माने गए थे जबकि 2014 में गुजरात में बतौर सीएम “नॉट ऑउट” की एतिहासिक पारी खेल मोदी प्रधानमंत्री पद सम्हालने चले गए थे।लेकिन दौर चाहे आनंदीबेन का रहा या कि फिर विजय रुपाणी का, नितिन पटेल के भाग्य ने उन्हे डिप्टी सीएम पद से आगे जाने नहीं दिया।
मोदी बाजरिया शाह जिस नाम पर मोहर लगाएँगे विधायक दल की बैठक में उस नाम की जानकारी दी जाएगी। यह विधायक दल की बैठक अब से कुछ देर बाद होनी है।
गुजरात का अगला सीएम कौन होगा इसके लिए निश्चित तौर पर नितिन पटेल एक बार सबसे आगे हैं लेकिन क्या वे ही हैं तो इसका जवाब है नही। केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया पुरुषोत्तम रुपाला गोवर्द्धन झड़पिया वो नाम हैं जो कतार में बने हुए हैं।

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