Brijmohan Agrawal: बृजमोहन अग्रवाल जीत के लिए लड़ रहे या लीड के लिए? क्या देश में जीत का रिकार्ड बनाएंगे...पढ़िये एनपीजी न्यूज की इस खबर को

Brijmohan Agrawal: लगातार 8 बार विधानसभा का चुनाव जीत चुके बृजमोहन अग्रवाल इस बार लोकसभा के मैदान में हैं। अग्रवाल को कुशल चुनाव संचालक माना जाता है। प्रदेश में ज्‍यादातर चुनाव के संचालन की जिम्‍मेदारी बीजेपी अग्रवाल को ही सौंपती है। ऐसे में लोकसभा चुनाव में चर्चा इस बात की हो रही है कि अग्रवाल यह चुनाव जीत के लिए लड़ रहे हैं या लीड के लिए

Update: 2024-04-29 14:12 GMT

Brijmohan Agrawal: रायपुर। बृजमोहन अग्रवाल ने इस बार विधानसभा के चुनाव में करीब 67 हजार वोट के अंतर से जीत दर्ज की है। अभी तक टॉप फाइव में ये है लीड का रिकार्ड। बृजमोहन ने जिस तरह विधानसभा चुनाव में लीड लेकर चौंकाया, उसी तरह उनकी कोशिश इस बार भी होगी। बृजमोहन राज्य की राजनीति से दिल्ली जाएंगे। चर्चा इस बात की हो रही है कि लोकसभा चुनाव में अग्रवाल को कितनी लीड मिलेगी। अग्रवाल के करीबी दावा कर रहे हैं कि इस बार वे नवसारी लोकसभा का रिकार्ड तोड़ेगें।

2023 के विधानभा में रिकार्ड मतों से दर्ज की जीत

1989 में रमेश बैस बीजेपी की टिकट पर रायपुर लोकसभा सीट से निर्वाचित हुए। इसके एक साल बाद 1990 में हुए विधानभा चुनाव में बृजमोहन अग्रवाल रायपुर (शहर) से विधायक निर्वाचित हुए। इसके बाद 1993,1998, 2003, 2008, 2013, 2018 के विधानसभा चुनाव में बृजमोहन ने लगातार जीत का परचम लहराया। 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की आंधी में रायपुर शहर की 4 में से 3 सीट बीजेपी हार गई, लेकिन बृजमोहन अग्रवाल रायपुर दक्षिण सीट से जीत गए। 2023 के विधान सभा चुनाव में बृजमोहन अग्रवाल सर्वाधिक 67919 मतों से जीत दर्ज की।

समझे...रायपुर लोकसभा बनाम विधानसभा सीटों का गणित

रायपुर लोकसभा क्षेत्र में विधानसभा की 9 सीट हैं। इनमें रायपुर (पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, ग्रामीण) के अलावा आरंग, धारसींवा, अभनपुर और भाटापारा बलौदाबाजार विधानसभा सीट शामिल है। 2023के विधान सभा चुनाव परिणाम देखे तो भाटापारा छोड़ आठ विधान सभा सीट पर भाजपा के विधायक निर्वाचित हुए है।विधानसभा चुनाव के नतीजों के अनुसार रायपुर लोकसभा सीट पर भाजपा की बढ़त 2 लाख 59 हजार मतों की है। भाजपा 2013 और 2018 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी क्रमश: रमेश बेस और सुनील सोनी 1.71 लाख और 3.48 लाख मतों के अंतर से जीते है। सुनील सोनी तो राज्य में कांग्रेस के शासनकाल में जीते थे।

जाने... क्‍या है देश में लोकसभा चुनाव में अब तक की सर्वाधिक अंतर से जीत का रिकार्ड

अब प्रश्न उठता है कि राजधानी रायपुर की लोससभा सीट पर बृजमोहन अग्रवाल क्या देश में सर्वाधिक मतों से जीतने के लिए अग्रसर होंगे? भारत में अब तक हुए लोकसभा चुनाव में सर्वाधिक मतों से जीतने का रिकार्ड गुजरात के नवसारी लोकसभा सीट से भाजपा के सीआर पाटिल के नाम है। पाटिल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 6 लाख 89 हजार 690 मतों से पराजित किया था। इस रिकार्ड को तोड़ने के लिए बृजमोहन अग्रवाल को पिछले लोकसभा चुनाव के जीत के अंतर में सवा तीन लाख मत सकेलना है।

लोकसभा चुनाव में काम कर रहे हैं ये 4 फेक्‍टर

वर्तमान लोकसभा चुनाव में चार फेक्टर काम करेंगे। पहला, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी, दूसरा महिला सशक्तिकरण, राम मंदिर निर्माण और चौथा स्वयं बृजमोहनअग्रवाल का व्यक्तित्व, जिसके दम पर वे अब तक 8 बार विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं। आम धारणा है कि मोदी की गारंटी के चलते भाजपा को राज्य में हुए विधानसभा चुनाव के कुल मिले वोट प्रतिशत ने 10 प्रतिशत का इजाफा होना ही है। रायपुर लोकसभा सीट में महिला सशक्तिकरण को देखे तो 10.38 लाख महिलाएं हैं। यदि इनमे से 70 फीसदी महिलाओ ने भाजपा के पक्ष में मतदान किया तो बृजमोहन अग्रवाल की सर्वाधिक मतों से देश में जीतने के लक्ष्य को कोई नहीं रोक पायेगा।

जाने रायपुर लोकसभा सीट का चुनावी इतिहास

रायपुर, छत्तीसगढ़ की राजधानी बाद में बनी लेकिन इससे पहले भी राजनीति के बिसात पर रायपुर की धमक बनी रही है। देश में रायपुर लोक सभा क्षेत्र विद्याचरण शुक्ल, पुरुषोत्तम लाल कौशिक और रमेश बैस के कारण चर्चित रही है। 1952 से लेकर 1971 तक रायपुर लोकसभा सीट कांग्रेस के कब्जे में रही लेकिन आपातकाल के दौर से रायपुर का चरित्र जो बदला फिर देखे तो 1981 से 1989 के काल को छोड़ दे तो रायपुर लोकसभा भाजपा की हो के रह गई है।1989- 1991 और उसके बाद 1996 से रमेश बेस रायपुर के प्रर्याय हो गए थे। रमेश बेस के बाद सुनील सोनी भी भाजपा के ही चेहरे रहे। 33 सालो में 31 साल भाजपा के होने का मतलब तीसरी पीढ़ी के आगमन का साल होना मान लिया जाता है।

Tags:    

Similar News