डीएमएफ से होगा गोबर का भुगतान…गो पालक से गोबर की खरीदी की अधिकतम सीमा तय होगी, कैबिनेट में लगेगी मुहर

Update: 2020-07-09 13:10 GMT

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रायपुर, 9 जुलाई, 2020। छत्तीसगढ़ में गौधन न्याय योजना शुरू होने के बाद ही गौ पालकों को होने वाले लाभ पर चर्चा तेज हो गई है, लेकिन जो जानकारी मिल रही है, उसके मुताबिक एक गौ पालक से हर दिन गोबर की खरीदी की अधिकतम सीमा तय होगी। इसे लेकर दो तरह की बातें सामने आ रही है। एक गौपालक से अधिकतम 5 किलो प्रतिदिन या 10 किलो प्रतिदिन गोबर की खरीदी की जाएगी। गीले गोबर के बजाय सूखे गोबर की शर्त रखी जा सकती है, जिससे गीले में वजन का फायदा उठाकर कोई गड़बड़ी न हो। सरकार डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड और केंद्र सरकार से स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत मिली राशि से इसका भुगतान करेगी। पहले चरण में हरेली त्योहार से 2500 गांवों में योजना शुरू होगी। इसके बाद चरणबध्द तरीके से 11 हजार पंचायतों में खरीदी शुरू होगी। अगले हफ्ते मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में कैबिनेट की मीटिंग होगी। इसमें गौधन न्याय योजना पर मुहर लगेगी।

वर्मी कम्पोस्ट के साथ और भी सामान बनेंगे

गोबर से सरकार सिर्फ वर्मी कम्पोस्ट ही नहीं बनाएगी, बल्कि गोबर की लकड़ी, दीये, अगरबत्ती, गमले आदि भी बनाए जाएंगे। फिलहाल कई स्व सहायता समूह यह काम कर रहे हैं। गोबर के परिवहन के लिए भी व्यवस्था बनाई जा रही है। घर-घर से गाड़ियों से कलेक्शन या एक निश्चित संग्रहण केंद्र बनाने का भी प्रस्ताव है।

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