Expansion of Vishnu Deo Cabinet: विष्‍णुदेव के दिल्‍ली से लौटते ही चर्चा में कैबिनेट विस्‍तार का नया समीकरण: बलौदाबाजार कांड की वजह से बदल सकता है गणित

Expansion of Vishnu Deo Cabinet: छत्‍तीसगढ़ में विष्‍णुदेव साय कैबिनेट का विस्‍तार होना है। मंत्रिमंडल में 2 नए चेहरों को शामिल किया जाना है। कैबिनेट विस्‍तार की अटकलों के बीच सीएम 2 बार दिल्‍ली का दौरा कर चुके। सीएम के हर दौरे के बाद कैबिनेट विस्‍तार का समीकरण बदल रहा है।

Update: 2024-06-29 08:33 GMT

Expansion of Vishnu Deo Cabinet: रायपुर। छत्‍तीसगढ़ में विष्‍णुदेव साय कैबिनेट के विस्‍तार में जितनी देर हो रही है उतनी ही अटकलें और चर्चाएं भी बढ़ती जा रही है। कैबिनेट विस्‍तार की चर्चा शुरु होने के बाद से मुख्‍यमंत्री विष्‍णु देव का 2 बार दिल्‍ली दौरा हो चुका है। सीएम जब दिल्‍ली जा रहे हैं तब कैबिनेट विस्‍तार की अटकले शुरू हो जा रही है। एक दिन पहले (शुक्रवार) को सीएम फिर दिल्‍ली गए थे। आज सुबह उनके लौटते ही कैबिनेट विस्‍तार का नया समीकरण सियासी गलियरों में चर्चा का विषय बन गया है।

कैबिनेट विस्‍तार के इस नए समीकरण को बलौदाबाजार कांड से जोड़कर देखा जा रहा है। इसके जरिये राज्‍य में बीजेपी एक बड़े वोट बैंक को साधने की कोशिश कर सकती है। चर्चाओं के अनुसार राज्‍य कैबिनेट में शामिल किए जाने वाले 2 मंत्रियों के एक अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग का हो सकता है। इस वर्ग से बीजेपी के 4 विधायक हैं। इनमें से एक दयालदास बघेल फिलहाल कैबिनेट में मंत्री हैं। बाकी बचे तीन नामों में मुंगेली से पुन्‍नूलाल मोहले, आरंग से गुरु खुशवंत साहेब और अहिवारा सीट से डोमनलाल कोर्सवाड़ा शामिल हैं। इनमें गुरु खुशवंत साहेब का नाम सबसे ऊपर चल रहा है। गुरु खुशवंत सतनामी समाज के बड़े धर्मगुरु बालदास के पुत्र हैं।

इस वजह से चर्चा में आया गुरु खुशवंत का नाम

प्रदेश की 10 विधानसभा और 1 लोकसभा सीट एससी आरक्षित है। विधानसभा और लोकसभा चुनाव के परिणाम कह रहे हैं कि एससी वर्ग के प्रभाव वाले क्षेत्रों में बीजेपी का बोट बैंक लगातार खसक रहा है। एससी आरक्षित 10 में से बीजेपी केवल 4 सीट जीत पाई है। इस वर्ग का सबसे ज्‍यादा प्रभाव जांजगीर-चांपा जिला में है, वहां बीजेपी एक भी सीट जीत नहीं पाई है। इस बीच बलौदाबाजार कांड हो गया। इस घटना की एक वजह राजनीति भी मानी जा रही है।

प्रदेश में बीजेपी के 15 सालों के शासन में इस वर्ग से ज्‍यादातर समय एक ही मंत्री रहा है। डॉ. रमन सिंह की पहली सरकार में डॉ. कृष्‍णमूर्ति बांधी मंत्री थे। इसके बाद पुन्‍नू लाल मोहले लगातार मंत्री रहे। 2015 से 2018 तक दयालदास बघेल भी कैबिनेट में शामिल थे। वहीं पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में इस वर्ग से 2 मंत्री सरकार में शामिल थे। इनमें डॉ. शिव कुमार डहरिया और गुरू रुद्रकुमार शामिल थे।

2013 के बाद से कम हुआ प्रभाव

प्रदेश में एससी सीटों पर पहले कांग्रेस और बीजेपी में कांटे की टक्‍कर रहती थी। दोनों को लगभग एक बारबर सीटें मिलती थीं। 2003 के पहले चुनाव में एससी आरक्षित 9 सीटें थीं। इसमें से कांग्रेस और बीजेपी 4-4 और एक सीट बसपा जीती थी। 2008 में बीजेपी की सीट बढ़कर 5 हो गई, जबकि कांग्रेस 4 और बसपा 1 सीट पर ही। 2013 के चुनाव में इस वर्ग को बीजेपी का एकतरफा साथ मिला। पार्टी 10 में से 9 सीट जीत। तब सतनामी समाज के धर्मगुरु बालदास बीजेपी के साथ थे। विधानसभा चुनाव के दौरान तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने चुनाव प्रचार के लिए उन्‍हें हेलिकॉप्‍टर उपलब्‍ध कराया था। पार्टी 9 सीटे जीती, लेकिन 2018 का चुना आते-आते बालदास कांग्रेस के साथ हो गए। 2018 के चुनाव में भाजपा बुरी तरह हारी। पार्टी के खाते में आई 15 सीटों इनमें दो एससी सीट थी। कहा गया कि बालदास का साथ छोड़ने की वजह से एससी सीटों पर भाजपा का यह हाल हुआ है। ऐसे में जब 2023 के चुनाव के पहले बालदास फिर से भाजपा में आए तो फिर 2013 वाले प्रदर्शन की उम्‍मीद की जा रही थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पार्टी की सीट 2 से बढ़कर केवल 4 ही हो पाई।

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