Chhattisgarh News: केंद्र और राज्य सरकार ने किया छत्तीसगढ़ के साथ बहुत बड़ा धोखा: पूर्व डिप्‍टी सीएम सिंहदेव का बीजेपी पर अटैक, बोले

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Update: 2024-08-17 13:29 GMT

Chhattisgarh News: रायपुर। कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता और पूर्व डिप्‍टी सीएम टीएस सिंहदेव ने केंद्र और राज्‍य सरकार पर हमला बोला है। सिंहदेव ने केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार पर छत्‍तीसगढ़ के साथ धोखा करने का आरोप लगाया है।

सिंहदेव ने एक्‍स पर वीडियो पोस्‍ट करके कहा है कि केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार ने मिल कर छत्तीसगढ़ के साथ बहुत बड़ा धोखा किया है। उन्‍होंने यह आरोप बस्‍तर स्थित एनएमडीसी के नगरनार स्‍टील प्‍लांट के निजीकरण की खबरों को लेकर लगाया है। सिंहदेव ने कहा कि बस्तर में NMDC स्टील प्लांट के निजीकरण का फैसला बिलकुल दुर्भाग्यपूर्ण और अनैतिक है। कांग्रेस सरकार द्वारा जो ज़मीन सरकारी उद्योग के लिए दी गई थी अब कयास हैं कि उसका इस्तेमाल निजी उद्योग के लिए होगा।

यह छत्तीसगढ़ में सरकारी रोज़गार पर चोट करेगा, आरक्षण से वंचितों को मिलने वाली सहायता से विहीन कर दिया जाएगा - पहले सरकार के नाम पर ज़मीन और संसाधन का नियंत्रण लेना और फिर उसका चुपके से निजीकरण करना प्रदेशवासियों के साथ उच्च दर्जे का धोखा है।

वहीं, पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने भी इस मुद्दे पर सोशल मीडिया में पोस्‍ट किया है। बघेल ने लिखा है कि मोदी की गारंटी का झांसा देकर भाजपा सरकार ने वादाखिलाफी की गारंटी दे दी। हम नगरनार स्टील प्लांट के संचालन के लिए तैयार थे। हमने विधानसभा में भी कहा और नीति आयोग की बैठक में मैंने इस संबंध में प्रस्ताव भी दिया था। आज खबर निकल कर आई है कि मोदी सरकार अब नगरनार प्लांट भी बेचने की तैयारी में है। ये ना केवल बस्तरवासियों के भरोसे का अपमान है बल्कि रोजगार की आस देख रहे लाखों छत्तीसगढ़वासियों की उम्मीदों की हत्या भी है। आखिरकार भाजपा ने आदिवासियों को फिर से धोखा दे ही दिया।

बता दें कि नगरनार स्‍टील प्‍लांट के निजीकरण को लेकर कांग्रेस के राष्‍ट्रीय महासचिव जयराम रमेश सबसे पहले सोशल मीडिया में पोस्‍ट किया था। जयराम ने लिखा है केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को चुनाव के दौरान बस्‍तर की जनता से किए गए वादे की याद दिलाते हुए लिखा है कि 'क्या हुआ तेरा वादा, वो कसम वो इरादा!'

जयराम ने अपने पोस्‍ट में लिखा है कि ऐसा लगता है कि बस्तर के NMDC स्टील प्लांट का वित्त वर्ष 2025 के अंत से पहले निजीकरण तय है। उन्‍होंने कहा कि आप क्रोनोलॉजी समझिए: 3 अक्टूबर 2023 को नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री ने स्टील प्लांट का उद्घाटन किया था। इस अवसर पर उन्होंने वादा किया था कि नगरनार स्टील प्लांट बस्तर के लोगों की संपत्ति है और उनकी ही रहेगी।

19 अक्टूबर 2023 को स्वयंभू चाणक्य ने प्रधानमंत्री के वादे को दोहराते हुए कहा कि NMDC के बस्तर स्टील प्लांट का निजीकरण नहीं किया जाएगा। छत्तीसगढ़ में इस बात पर आम राय बन गई कि स्टील प्लांट को नहीं बेचा जाना चाहिए। भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने अप्रैल 2017 में प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर प्लांट के निजीकरण पर आपत्ति जताई थी। कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कई मौकों पर निजीकरण को लेकर आपत्ति जताते हुए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था। 21 फरवरी 2021 को नीति आयोग की बैठक में तो उन्होंने एक क़दम आगे बढ़ते हुए प्रधानमंत्री के समक्ष प्रस्ताव रखा था कि राज्य सरकार प्लांट के संचालन की ज़िम्मेदारी लेने को तैयार है।

राज्य के राजनीतिक नेतृत्व की बातों पर ध्यान न देने और अपने वादों से पीछे हटने के बाद, नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री और उनकी सरकार अब नगरनार स्टील प्लांट को बेचने की योजना को अंतिम रूप दे रही है। इसे कौन ख़रीद सकता है, वह एक अलग कहानी है।

 

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